मेरठ किसान आंदोलन: समर्थन में आए रालोद, उत्पीड़न पर बुलंद की आवाज

पूर्व मंत्री मैराजुउद्दीन अहमद ने कहा है कि रालोद कार्यकर्ता केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों किसान विरोधी कानूनों का विरोध करते हैं। हरियाणा सरकार द्वारा दिल्ली जा रहे किसानों पर की गई कार्रवाई निंदनीय है। लोकतंत्र में सभी को अपनी बात कहने का अधिकार दिया गया है, लेकिन लगता है कि भाजपा सरकार संविधान में विश्वास नहीं रखती।

Update:2020-12-02 15:40 IST
मेरठ किसान आंदोलन: समर्थन में आए रालोद, उत्पीड़न पर बुलंद की आवाज

मेरठ: हरियाणा में किसानों के साथ हुई घटना के विरोध और किसानों की मांगों को लेकर में रालोद ने आज मेरठ कलेक्ट्रट के ऑफिस के सामने धरना-प्रदर्शन शुरु कर दिया। इस मौके पर वरिष्ठ रालोद नेता एवं पूर्व मंत्री डॉ. मैराजुउद्दीन अहमद ने कहा कि अगर सरकार ने किसानों की मांगों पर सकारात्मक रुख नहीं अपनाया, तो राष्ट्रीय लोकदल पूरी ताकत से किसानों की लड़ाई लड़ने के लिए सड़कों पर उतरने को मजबूर होगा। उन्होंने कहा कि रालोद देश में किसानों का उत्पीड़न बिल्कुल भी सहन करने को तैयार नहीं है। जरुरत पड़ने पर बड़ी से बड़ी लड़ाई लड़ने के लिए रालोद तैयार है।

किसान के समर्थन में आए राष्ट्रीय लोक दल के नेता

पूर्व मंत्री मैराजुउद्दीन अहमद ने कहा है कि रालोद कार्यकर्ता केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों किसान विरोधी कानूनों का विरोध करते हैं। हरियाणा सरकार द्वारा दिल्ली जा रहे किसानों पर की गई कार्रवाई निंदनीय है। लोकतंत्र में सभी को अपनी बात कहने का अधिकार दिया गया है, लेकिन लगता है कि भाजपा सरकार संविधान में विश्वास नहीं रखती। कड़ाके की ठंड में किसान सड़कों पर हैं, लेकिन केंद्र सरकार के कान पर जूं तक नही रेंग रही है। किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा करने वाली सरकार किसानों से उनकी जमीन छीनने का षड्यंत्र रच रही है। उन्होंने कहा कि सरकार नहीं चाहती है कि किसानों को एमएसपी रेट मिलें। इसके चलते ही आज रालोद कार्यकर्ताओं द्वारा किसानों की मांगों के समर्थन में मेरठ समेत सभी जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन कर जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया जा रहा है।

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किसानों की मांगों को गंभीरता से लें सरकार- रालोद

रालोद द्वारा दिये जा रहे ज्ञापन में केद्र सरकार से किसान विरोधी कानूनों वापस लेने की मांग की गई है। धरने में शामिल क्षेत्रीय अध्यक्ष यशवीर सिंह ने कहा कि किसान जायज मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की मांगों को सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए। किसान लगातार उत्पीड़न के शिकार हो रहे हैं और सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। रालोद किसानों की मांगों का समर्थन करती है। रालोद ने सरकार से मांग की है कि तुरंत किसानों से वार्ता कर रास्ता निकाला जाए। कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और किसानों को उनके अधिकार वापस दिए जाएं। धरने पर बैठने वालों में डॉ.राजकुमार सांगवान,राजेन्द्र जॉनी,मुकेश जैन सहित बड़ी संख्या में रालोद के नेता शामिल है।

रिपोर्टर,

सुशील कुमार

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