Meerut News: मेरठ के हस्तिनापुर में गंगा कटान से पुल को जोड़ने वाली सड़क धंसी, पुल खतरे में, अधिकारियों में मचा हड़कंप
Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद के हस्तिनापुर (hastinapur) में गंगा के कटान के चलते शनिवार को कटान के कारण पुल से लगा बिजनौर साइड की सड़क का हिस्सा गंगा में बह गया।
Meerut News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मेरठ जनपद के हस्तिनापुर (hastinapur) में गंगा के कटान (Ganga Katan) के चलते शनिवार को कटान के कारण पुल से लगा बिजनौर साइड की सड़क का हिस्सा गंगा में बह गया (part of the road washed away in the Ganges) है और पुल को स्टेट हाईवे से जोड़ने वाली किनारे की सड़क धंस गई। इससे पुल से आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया।
यही नही राज्य सेतु निगम का बोर्ड भी गंगा में गिर गया है। घटना से स्थानीय प्रशासन व संबंधित विभागीय अफसरों में हड़कंप मच गया। पुल को स्टेट हाईवे से जोड़ने वाली किनारे की सड़क धंस जाने के बाद मेरठ से चांदपुर, रूद्रपुर, जसपुर, काशीपुर जाने वाले वाहनों को वैकल्पिक मार्गो का सहारा लेना पड़ रहा है।
सड़क का हिस्सा गंगा में गिरने से क्षेत्र में हड़कंप
बता दें कि कांवड़ यात्रा (kanwar yatra) के दौरान हुए रूट डायवर्जन (route diversion) के दौरान कौशांबी, नोएडा, चांदपुर, अफजलगढ़ डिपो की बसें इसी पुल से होकर गुजर रही थीं। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार कटान ने गंगा किनारे की सड़क का कटान करते-करते उसे पुल से अलग कर दिया। वहीं, पुल किनारे लगा बोर्ड भी बैरियर बनकर सड़क के बीचों बीच गिर गया।
मिली जानकारी के अनुसार आज दोपहर में जैसे ही सड़क का हिस्सा गंगा में गिरा तो क्षेत्र में हड़कंप मच गया। इसके बाद सैकड़ों लोग घटनास्थल पर पहुंच गए और अधिकारियों को मामले की सूचना दी। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पुल पर आवागमन बंद कर दिया गया है।
पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों की लापरवाही- स्थानीय ग्रामीण
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों को क्षतिग्रस्त सड़क से दूर किया और गंगा पुल से पहले पड़ने वाले बैरियर पर ही वाहनों को लौटाना शुरू कर दिया। स्थानीय ग्रामीण घटना के लिए राज्य सेतु निगम और पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों की लापरवाही को दोषी बता रहे हैं उनका कहना है अगर समय रहते पुख्ता प्रबंध किए जाते तो सड़क का इतना बड़ा हिस्सा गंगा में न बहता।
घटना के कारण हस्तिनापुर क्षेत्र के सैकड़ों किसान और मजदूर मजदूर फंस गए हैं। इन मजदूरों और किसानों का कहना है कि वें लोग गंगा के पुल को पार कर काम करने जाते थे। लेकिन आज पुल टूटने के कारण वें अपने काम धन्धे पर कैसे जाएंगे इसकी उन्हें चिंता सता रही है।