लॉकडाउन के बीच कम हुए रोडवेज बस हादसे, दिखी सरकार की सजगता

रोडवेज बसों से सड़क हादसों में कमी आई है। निगम द्वारा जारी ताजा आकड़े बयां कर रहे हैं कि 2018-19 की तुलना में 2019-20 की अवधि में बस हादसे कम हुए हैं।

Update: 2020-06-24 13:11 GMT

मेरठ (यूपी) : रोडवेज बसों से सड़क हादसों में कमी आई है। निगम द्वारा जारी ताजा आकड़े बयां कर रहे हैं कि 2018-19 की तुलना में 2019-20 की अवधि में बस हादसे कम हुए हैं। आंकड़ों के अनुसार वर्तमान वित्तीय वर्ष 2019-20 की अवधि में गत वित्तीय वर्ष 2018-19के सापेक्ष घटित दुर्घटनाओं में 13 फीसदी की कमी आई है। इसी तरह फैटल दुर्घटनाओं की संख्या में 18 फीसदी की कमी,मृतकों की संख्या में 19 फीसदी एवं घायलों की संख्या में 0.49 फीसदी की कमी कमी हुई है। निगम प्रवक्ता के अनुसार परिवहन निगम में दुर्घटनाओं की रोकथाम के प्रयासों के कारण ऐसा संभव हुआ है।

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प्रवक्ता के अनुसार दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए परिवहन निगम द्वारा चालकों के प्रशिक्षण,स्वास्थ्य एवं नेत्र परीक्षण तथा काउन्सिलिंग आदि की प्रक्रिया निरन्तर की जाती है। सेवा आरम्भ करने से पहले चालक के विश्राम की निर्धारित व्यवस्था का अनुपालन सुनिश्चित किया जाता है। इसके अलावा दैनिक रुप से बसों को मार्ग पर भेजने से पहले उनकी 13 बिन्दुओं तथा बस में एसएलडी,वीटीएस, अग्निशमन यन्त्र एवं फस्ट एड किट क्रियाशीलता एवं अन्य वांछित तकनीकी जांच कराई जाती है। बस के प्रस्थान से पूर्व संबंधित चालक का ब्रेथ एनालाईजर के द्वारा ब्रीथिंग का परीक्षण किया जाता है। यही नही मार्ग पर संचालित बसों के चालकों का औचक रुप से ब्रेथ एनालाईजर के माध्यम से परीक्षण भीकिया जाता है।

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परिवहन निगम के प्रबन्ध निदेशक डॉ.राजशेखर ने बताया कि परिवहन मंत्री ने 2018-19 के पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2019-20 के लिए दुर्घटना की मृत्यु को 19% और घातक दुर्घटनाओं को 19% तक कम किया था। डेली सेफ्टी ब्रीफिंग, एसएलडी, ब्रीद टीजिंग, स्पीड कंट्रोल, सभी लंबे रूट की बसों के लिए 13 प्वाइंट चाक अनिवार्य, हर 3 महीने में एक बार फ्यूचनेस के लिए सभी बसों की अनिवार्य 31 प्वाइंट चेक पॉजिटिव रिजल्ट देने और कई लोगों की जान बचाने के लिए अनिवार्य है। हम इस वर्ष भी इसे आगे बढ़ाएंगे और उसके अनुसार सभी आवश्यक कदम उठाएंगे और कम से कम 30% के लिए लक्ष्य घातक दुर्घटनाओं और मौतों में कमी करेंगे।

सुशील कुमार,मेरठ

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