RSS: सरकार के भरोसे न रहें, समाज में परिवर्तन के लिए आगे आना होगा

RSS Statement: देश में अनेक प्रकार की समस्याएं है, इसे लेकर संसद, विधानसभा सहित कई जगहों पर चर्चाएं होती हैं, लेकिन उसका समाधान होता कहीं नहीं दिख रहा है।

Update:2022-06-09 22:28 IST

RSS Statement:t (Image Credit-Newstrack)

RSS Statement: समाज की सोच और विचार में प्रत्येक व्यक्ति परिवर्तन चाहता है, लेकिन यह बदलाव सरकार और भगवान के भरोसे नहीं होने वाला है, इसके लिए हमें नैतिकता के साथ जागरूक होना होगा और व्यवस्था बनाने के लिए कुछ कदम चलना होगा। उक्त उद्गार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह व्यवस्था प्रमुख अनिल ओक ने सरस्वती कुंज निरालानगर में पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के द्वितीय वर्ष, संघ शिक्षा वर्ग के समापन कार्यक्रम में व्यक्त किए।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह व्यवस्था प्रमुख अनिल ओक ने स्वयंसेवकों मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि देश में अनेक प्रकार की समस्याएं है, इसे लेकर संसद, विधानसभा सहित कई जगहों पर चर्चाएं होती हैं, लेकिन उसका समाधान होता कहीं नहीं दिख रहा है। हमें सिर्फ सरकार के भरोसे नहीं रहना चहिए, हमें स्वयं आगे आकर समाज हित में कार्य करना होगा और समाज की सेवा में हमेशा तत्पर रहना है।

उन्होंने कहा कि दुनिया में कई देश ऐसे हैं, जिन्होंने समस्याओं के कारण अपना अस्तित्व खो दिया। लेकिन हमारे में देश में जातिवाद जैसी समस्याएं सैकड़ों वर्षों से हैं फिर भी आज हम खड़े हैं। इस बात से साबित होता है कि समस्याएं इतनी शक्तिशाली नहीं, जो हमारा अस्तित्व समाप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि देश का नेतृत्व करने के लिए प्रतिभावान होने की जरूरत नहीं है, स्वाभिमानी और चरित्रवान होना आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि हिन्दू मार्ग ही ऐसा है, जो सभी धर्मों को साथ लेकर चलता है। इस मार्ग से जुड़कर ही समाज में परिवर्तन लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिस समाज में हीन भावना होती है, वह कभी उन्नति नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि समाज जब तक संगठित नहीं होगा, देश का भला नहीं हो सकता है। समाज को संगठित होकर एक साथ काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने अनेक महापुरूषों का उदारण देकर स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन किया।

संघ की शाखा से होता व्यक्तित्व का निर्माण : अनिल ओक

उन्होंने कहा कि शाखा के माध्यम से व्यक्तित्व का निर्माण होता है, यहां छोटे-छोटे कार्यों से व्यक्ति के अंदर परिवर्तन लाने की कोशिश होती है। साथ ही सभी एकजुट होकर रहें, समाज संगठित हो, यह भी सिखाया जाता है। उन्होंने कहा कि कर्तव्यभावना का निर्माण भी शाखा में होता है, इसलिए हमें यही भावना खुद के अंदर विकसित करनी है।

अखिल भारतीय सह व्यवस्था प्रमुख अनिल ओक  (Image Credit-Newstrack)

सामाजिक समरसता को पुन: स्थापित करने का कार्य कर रहा संघ : डॉ. गुरमीत सिंह

कार्यक्रम अध्यक्ष गुरुद्वारा श्री गुरु तेगबहादुर साहब जी यहियागंज के अध्यक्ष सरदार डॉ.गुरमीत सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि सनातन पंथ शास्वत है, उसका न आदि है और न अंत। सनातन की रक्षा के लिए स्वयंसेवक हमेशा प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि हमारा दुर्भाग्य है कि देश में सामाजिक समरसता का अभाव हुआ और हम संप्रदायों, जातियों में बंट गए। सामाजिक समरसता को पुन: स्थापित करने का कार्य संघ कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमें सुख, दुख और मोह से ऊपर उठकर काम करने की जरूरत है। इससे पहले स्वयंसेवकों ने पथ संचलन, शारीरिक प्रदर्शन को प्रदर्शित किया।

प्रशिक्षण समापन कार्यक्रम में शारीरिक दक्षता का प्रदर्शन करते हुए स्वयंसेवक (Image Credit-Newstrack)

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र का द्वितीय वर्ष, संघ शिक्षा वर्ग का समापन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के द्वितीय वर्ष, संघ शिक्षा वर्ग का प्रशिक्षण 20 दिनों से चल रहा था, जिसमें संघ रचना अनुसार 92 जिलों से कुल 264 स्वयंसेवक शामिल हुए, जिसमें 18 स्वयंसेवक नेपाल राष्ट्र से थे।

प्रशिक्षण समापन कार्यक्रम में शारीरिक दक्षता का प्रदर्शन करते हुए स्वयंसेवक (Image Credit-Newstrack)

 इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से वर्ग के सर्वाधिकारी अंगराज सिंह, लखनऊ के विभाग संघचालक जयकृष्ण सिन्हा, संघ और विद्या भारती के वरिष्ठ पदाधिकारी, समाज के प्रबुद्धजन सहित हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए।

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