10 करोड़ परिवारों से संपर्क करेगा RSS, राममंदिर के लिए जुटाएगा चंदा
गांधीनगर में तीन दिवसीय यह बैठक पांच जनवरी को शुरू हुयी थी जिसमें मोहन भागवत और भैय्याजी जोशी जैसे शीर्ष नेताओं के अलावा भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और आरएसएस से संबद्ध लगभग 34 संगठनों के प्रमुखों ने भाग लिया।
नई दिल्ली: तीन दिन के चिंतन-मंथन के बाद आरएसएस ने अपने अनुषांगिक संगठनों की दिशा तय करने का काम किया। योजना के तहत अयोध्या में बनने वाले राममंदिर के लिए गांव गांव जाकर दस करोड़ रामभक्तों से चंदा जुटाने का काम किया जाएगा जिससे लोगों में राष्ट्रभावना का संचार हो। इसके अलावा संघ की बैठक में कृषि के विकास और बंगाल चुनाव को लेकर भी गंभीर चर्चा की गयी। यह बैठक पहले सितम्बर में प्रस्तावित थी पर कोरोना संक्रमण के कारण इसे टाल दिया गया था।
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गांधीनगर में तीन दिवसीय यह बैठक पांच जनवरी को शुरू हुयी थी
गांधीनगर में तीन दिवसीय यह बैठक पांच जनवरी को शुरू हुयी थी जिसमें मोहन भागवत और भैय्याजी जोशी जैसे शीर्ष नेताओं के अलावा भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और आरएसएस से संबद्ध लगभग 34 संगठनों के प्रमुखों ने भाग लिया।
विधानसभा चुनाव को लेकर भी संघ के पदाधिकारियों ने गंभीर चिंतन एवं मंथन किया
बैठक में इस बात पर मुहर लगाई गयी कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता पांच लाख गांवों में जाकर वहां पर 10 करोड़ परिवारों से संपर्क कर मंदिर निर्माण के लिए चंदा जुटाएंगे। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी संघ के पदाधिकारियों ने गंभीर चिंतन एवं मंथन किया। इस बात पर चर्चा हुई कि आरएसएस बंगाल में किस तरह से काम करे जिसका सीधा भाजपा को मिल सके। कहा गया कि संघ कार्यकर्ता पष्चिम बंगाल जाकर वहां पर लोगों को राष्ट्रवाद के प्रति सजग करने का काम करेंगे।
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बैठक में मंदिर निर्माण के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही जनसंपर्क अभियान की भी योजना बनाई गयी। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि संघ के सभी संगठनों के सदस्य पांच लाख गावों और 10 करोड़ से अधिक परिवारों से संपर्क कर चंदा जुटाएंगे और उन्हें राम मंदिर के निर्माण से जोड़ेंगे।
केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन के बारे में में भी चर्चा हुई और कहा गया कि किसानों और सरकार को बातचीत के जरिए कोई हल निकालना चाहिए। इस बैठक में संघ परिवार के लगभग 150 शीर्ष नेताओं ने इसमें हिस्सा लिया और आरएसस से संबद्ध 34 संगठनों के कामकाज पर चर्चा हुई।
रिपोर्ट- श्रीधर अग्निहोत्री
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