RTE Yojana: गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा, लॉटरी जारी, पहली फेज में 47330 सीटें आवंटित
RTE Yojana: एक अप्रैल को छह वर्ष की आयु पूरी करने वाले बच्चों को कक्षा एक में प्रवेश देने के निर्देश दिए गए हैं, यदि बच्चे इससे कम उम्र के हैं तो प्री-नर्सरी में दाखिला दिया जाएगा
RTE Yojana: शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2005 में भारत सरकार द्वारा लाया गया था। इस अधिनियम के अनुसार, भारत सरकार ने 6 वर्ष से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए शिक्षा को अनिवार्य और मुफ्त कर दिया है। आरटीई योजना से कई गरीब बच्चों को भी निजी स्कूलों में पढ़ने का मौका मिला है। निजी स्कूलों में नि:शुल्क प्रवेश के लिए दूसरे चरण की भी लाटरी निकाल दी गई है। गरीब परिवार प्रवेश के लिए कुल 94,005 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से 68,485 आवेदन स्वीकृत किए गए। वहीं 47,330 योग्य छात्रों को सीटें आवंटित की गई हैं। आवंटित सीटों पर 17 अप्रैल तक प्रवेश लिया जा सकेगा।
56 हजार निजी स्कूलों में 5.25 लाख सीटों पर मुफ्त प्रवेश
दूसरे चरण में 25,519 आवेदन फार्म खारिज कर दिए गए थे। यानी कुल आवेदन फार्मों में से 27 प्रतिशत आवेदन फार्म खारिज कर दिये गए। पहले चरण से 1.82 सबक लेते हुए इस बार अभिभावकों को भी आवेदन फार्म में त्रुटि सुधार का अवसर देने के निर्देश दिये गये, इसके बावजूद बड़ी संख्या में आवेदन निरस्त किये गये। कुल 56 हजार निजी स्कूलों में 5.25 लाख सीटों पर मुफ्त प्रवेश दिया जाना है। पहले चरण में 81,816 सीटें आवंटित की गईं थी और दूसरे चरण की आवंटित सीटों को मिलाकर अब तक कुल 1.07 लाख बच्चों को सीटें आवंटित की गईं हैं। तीसरे चरण की प्रक्रिया 15 अप्रैल से शुरू होगी और 23 मई तक चलेगी। चौथे व अंतिम चरण की प्रक्रिया एक जून से शुरू होगी और सात जुलाई तक चलेगी।
छह वर्ष की आयु पर ही कक्षा एक में मिलेगा प्रवेश
परिषदीय, निजी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा एक में प्रवेश के लिए आयु सीमा छह वर्ष निर्धारित की गई है। एक अप्रैल को छह वर्ष की आयु पूरी करने वाले बच्चों को कक्षा एक में प्रवेश देने के निर्देश दिए गए हैं। यदि बच्चे इससे कम उम्र के हैं तो उन्हें प्री-नर्सरी कक्षा में दाखिला दिया जाएगा। सभी छात्रों के आधार कार्ड भी बनाये जायेंगे। अगर बच्चे के पास आधार कार्ड नहीं है तो उसके माता-पिता का आधार कार्ड इस्तेमाल किया जाएगा। अगर अभिभावकों के पास भी नहीं है तो उन्हें दो सप्ताह का समय दिया जायेगा। बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि नामांकन रजिस्टर पर बच्चे के माता-पिता दोनों का नाम लिखा जाए। अगर माता-पिता की मृत्यु हो गई है तो कानूनी अभिभावक का नाम लिखा जाएगा। प्रवेश के समय परिवार का राशन कार्ड नंबर अनिवार्य रूप से दर्ज किया जाएगा। सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों में दाखिले की जानकारी हर हाल में तीन मई तक निदेशालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।