अर्थी पर शिक्षा मंत्रालय: NEET-JEE पर मचा घमासान, विरोध में उतरे आप कार्यकर्ता

प्रदर्शन में शामिल आप संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं का कहना था कि NEET-JEE के 25 लाख छात्रों के प्रति देश का शिक्षा मंत्रालय गैर जिम्मेदार हो चुका है।

Update:2020-08-28 13:58 IST
अर्थी पर शिक्षा मंत्रालय: NEET-JEE पर मचा घमासान, विरोध में उतरे आप कार्यकर्ता

लखनऊ: कोरोना काल में केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित NEET-JEE प्रवेश परीक्षा के विरोध में आम आदमी पार्टी छात्र युवा संघर्ष समिति ने शुक्रवार को राजधानी लखनऊ स्थित हनुमान सेतु मंदिर से भैसा कुंड श्मशान घाट तक शिक्षा मंत्रालय की अर्थी निकाल प्रदर्शन करने के प्रयास को पुलिस ने रोक कर प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया। प्रदर्शन में शामिल आप संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं का कहना था कि NEET-JEE के 25 लाख छात्रों के प्रति देश का शिक्षा मंत्रालय गैर जिम्मेदार हो चुका है।



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विरोध में आम आदमी पार्टी की यूथ विंग ने गुरुवार को भी विरोध प्रदर्शन किया

बता दे कि केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित NEET-JEE प्रवेश परीक्षा के विरोध में आम आदमी पार्टी की यूथ विंग ने गुरुवार को भी हजरतगंज स्थित जीपीओं पर विरोध प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा था। इस संबंध में आप यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष फैसल वारसी ने कहा कि हमारी पार्टी सरकार को बताना चाहती है कि देश में कोरोना की स्थिति फिलहाल सामान्य नहीं है। आंकड़ों पर गौर करें, तो देश कोरोना महामारी से प्रभावित देशों की सूची में तीसरे नंबर पर पहुंच गया है। साथ ही प्रदेश का ज्यादातर हिस्सा बाढ़ से प्रभावित है। ऐसे हालात में परीक्षा कराना छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करना होगा। केंद्र की भाजपा सरकार देश के भविष्य के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है, जिसे आम आदमी पार्टी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी।

अभ्यर्थियों का परीक्षा केंद्र तक पहुंचाना बहुत मुश्किल है

उन्होंने कहा कि देश का बहुत बड़ा हिस्सा बाढ़ से प्रभावित है। अभ्यर्थियों का परीक्षा केंद्र तक पहुंचाना बहुत मुश्किल है और वहां तक पहुचने के लिए उन्हें कई हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे है। इस परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थी 17 से 20 साल के है, सरकार उनसे कोरोना पॉजिटिव न होने का हलफनामा ले रही है। वारसी ने सवाल किया कि क्या सरकार ने कमरे के अंदर के व्यवस्थापक, बच्चों को लाने वाले अभिभावक और उनको लाने वाले साधनों की जांच की कोई व्यवस्था की है।

सरकार अपने पर दोष न डालकर बच्चों की जिंदगियों को खतरे में डाल रही है

उन्होंने कहा कि चूंकि इस महामारी के लक्षण 12 से 15 दिनों के बाद दिखते है तो सरकार अपने पर दोष न डालकर बच्चों की जिंदगियों को खतरे में डाल रही है। इनमें से अधिकांश अभ्यर्थी सितम्बर माह में होने वाले यूपीएससी और जेईईसी यूपी की प्रवेश परीक्षा में शामिल होंगे। जिससे कोरोना संक्रमण के बुरी तरह फैलने की आशंका है। उन्होंने केंद्र व यूपी सरकार से परीक्षाएं आगे बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि अभ्यर्थियों के जीवन के साथ होने वाले खिलवाड़ को रोकना चाहिए।



आप के राज्यसभा सांसद व यूपी प्रभारी संजय सिंह ने भी गुरुवार को ट्वीट कर भाजपा सरकार से सवाल किया

इधर, आप के राज्यसभा सांसद व यूपी प्रभारी संजय सिंह ने भी गुरुवार को ट्वीट कर भाजपा सरकार से सवाल किया था कि पिछले 24 घंटों में दुनिया में सबसे ज्यादा कोरोना केस भारत में रिकॉर्ड किए गए। यह आंकड़ा 75,000 से ज्यादा है। इसके बाद भी केंद्र सरकार लाखों छात्रों को परीक्षा में झोंककर उनकी जान क्यों लेना चाहती है? परीक्षा से ज्यादा बच्चों की जान जरूरी है। कुछ समय पूर्व, आप के राज्य सभा सांसद व यूपी प्रभारी संजय सिंह ने, केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर इस परीक्षा को स्थगित कर आगे बढ़ाने का अनुरोध किया था।

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बता दे कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने 26 अगस्त को प्रवेशपत्र जारी कर दिए, जिसे करीब 14 लाख छात्रों ने डाउनलोड कर लिया है। शिक्षा मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि परीक्षा तय समय पर ही होगी। गौरतलब है कि नीट 13 सितंबर और जेईई की परीक्षा 1 से 6 सितंबर के बीच होनी है। जेईई मेन में 9.53 लाख और नीट में 15.97 लाख विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है।

मनीष श्रीवास्तव

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