Saharanpur: बसपा के पूर्व एमएलसी व खनन माफिया मोहम्मद इकबाल पर ED का एक्शन, 4440 करोड़ की संपत्ति जब्त

ED Action in Saharanpur: सहारनपुर में खनन माफिया व बसपा के पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल के खिलाफ ईडी ने कार्रवाई करते हुए 4440 करोड़ की संपत्ती जब्त की है।

Report :  Neena Jain
Written By :  Aniket Gupta
Update: 2024-06-15 04:33 GMT

ED Action in Saharanpur: यूपी के सहारनपुर में ED ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने मायावती की पार्टी बसपा के पूर्व एमएलसी व खनन माफिया हाजी इकबाल की 4 हजार करोड़ से अधिक की संपत्तियों को अटैच कर दिया है। हाजी इकबाल की यूनीवर्सिटी की 4440 करोड़ रुपये की बिल्डिंग और जमीन कुर्क की गई है। ईडी के मुताबिक, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच एजेंसी ने एक अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया था, इसके बाद खनन माफिया हाजी इकबाल की 121 एकड़ की जमीन और उसकी ग्लोकल यूनिवर्सिटी की इमारत को जब्त कर लिया गया है।

इन लोगों को किया गया नामजद 



 


ईडी के मुताबिक, ग्लोकल यूनिवर्सिटी को अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के जरिए संचालित किया जा रहा था, जिसके नियंत्रण, प्रबंधन और संचालन मोहम्मद इकबाल और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा किया जाता है। ईडी ने करीब 10 वर्ष पूर्व मोहम्मद इकबाल के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज की गयी खनन घोटाले की एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज करते हुए जांच शुरू की थी। ईडी ने इस मामले से संबंधित एक बयान में कहा कि ये संपत्तियां अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम पर रजिस्टर्ड हैं। यह मुकदमा सहारनपुर में खनन के पट्टों में हुई धांधली से जुड़ा था, जिसमें लीज होल्डर महमूद अली, दिलशाद, मोहम्मद इनाम, महबूब आलम (अब मृत), नसीम अहमद, अमित जैन, विकास अग्रवाल, मोहम्मद इकबाल का बेटा मोहम्मद वाजिद, मुकेश जैन, पुनीत कुमार जैन और कुछ अज्ञात सरकारी अधिकारियों को नामजद किया गया था। ईडी की जांच से पता चला कि सभी खनन फर्मों का स्वामित्व और संचालन मोहम्मद इकबाल के पास था। इकबाल और उसके करीबियों की कंपनियां और फर्में सहारनपुर और आस-पास के इलाकों में बड़े पैमाने पर अवैध खनन में शामिल थीं।

इकबाल के चारों बेटे जेल में हैं बंद

इसके जरिए मोहम्मद इकबाल के साथ करोड़ों रुपये का लेन-देन किया गया, जबकि इन कंपनियों से उसका कोई कारोबारी संबंध नहीं था। इतना ही नहीं, मोहम्मद इकबाल ने इस अवैध कमाई को आयकर विवरण में इसे छिपा लिया गया था। बाद में मोहम्मद इकबाल ने सारी धनराशि अब्दुल वहीद एजुकेशनल ट्रस्ट के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी। अधिकतर रकम को असुरक्षित कर्ज और दान के रूप में दिया जाना दर्शाया गया था। बाद में ट्रस्ट ने इस धनराशि का उपयोग यूनिवर्सिटी की भूमि खरीदने और भवनों के निर्माण के लिए किया। ईडी की जांच में सामने आया है कि इस तरह करीब 500 करोड़ रुपये ट्रस्ट के जरिए ग्लोकल यूनिवर्सिटी में निवेश किए गये। वर्तमान में यूनिवर्सिटी की भूमि और भवनों की बाजार कीमत 4440 करोड़ रुपये है। बता दें मोहम्मद इकबाल के चार बेटे और भाई अलग-अलग मामलों में जेल में बंद हैं।

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