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परिवार की रार ने CM अखिलेश को बना दिया नेता, पिता मुलायम से लेकर PM मोदी को भी पीछे छोड़ा
लखनऊ: कहते हैं मंजिल यूं ही नहीं मिलती। हर सफर मुश्किलों और तकलीफों से भरा होता है। अपने साहस और धैर्य से उसे आसान बनाना पड़ता है। यथार्थ के समंदर में हालातों के ज्वार भाटा को मात देते हुए सपनों की कश्ती सिर्फ खेनी ही नहीं उबारनी भी पड़ती है।
यूपी की राजनीति में समाजवादी कुनबे के चिराग अखिलेश यादव इन दिनों सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। उनकी पॉपुलारिटी आसमान छू रही है। सोशल मीडिया पर वह पीएम मोदी को भी पीछे छोड़ चुके हैं। सोशल मीडिया पर हर जगह अखिलेश यादव की ब्रांडिंग हो रही है। इतना ही नहीं मीडिया कवरेज में भी वह पीएम से आगे निकल चुके हैं।
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सी-वोटर के सर्वे में खुलासा
सी-वोटर की ओर से सितंबर और अक्टूबर में कराए गए अलग-अलग सर्वे में अखिलेश यादव की लोकप्रियता का ग्राफ ऊपर उठता दिख रहा है। अखिलेश यादव सितंबर में जहां 77.1 फीसदी लोगों की पहली पसंद थे तो वहीं, पारिवारिक विवाद के बाद अक्टूबर में कराए गए सर्वे में 83.1 फीसदी लोगों ने उन्हें अपनी पहली पसंद बताया है।
सपा में सीएम रेस में भी अखिलेश नंबर वन
सीएम कैंडिडेट के तौर पर सपा में अखिलेश यादव नंबर वन हैं। इस रेस में वो अपने पिता मुलायम को भी पीछे छोड़ चुके हैं। उनकी लोकप्रियता आसमान छू रही है। सितंबर में जहां 66.7 फीसदी लोग उन्हें सीएम के तौर पर पहली पसंद मानते थे, वहीं अक्टूबर में यह बढ़कर 75.7 फीसदी हो गई। वहीं सितंबर में जहां मुलायम को 19.1 फीसदी लोग बेहतर सीएम मानते थे वो आंकड़ा अक्टूबर में घटकर 14.9 फीसदी हो गया।
मुलायम और शिवपाल की घटी लोकप्रियता
सी-वोटर ने प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में कुल 12221 लोगों के बीच यह सर्वे किया। मुलायम, शिवपाल और अखिलेश के बीच जारी तकरार के चलते जनता का समर्थन अखिलेश की तरफ ज्यादा बढ़ रहा है।
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मोदी से भी निकले आगे
सपा में चल रहे पारिवारिक विवाद के बीच यूपी के सीएम अखिलेश यादव देश के पीएम नरेंद्र मोदी से ज्यादा पॉपुलर हो रहे हैं।यूपी में सोशल मीडिया पर सीएम अखिलेश को इस पारिवारिक विवादा में खूब सहानुभूति मिल रही है। आम जन का अखिलेश केे प्रति नजरिया बदला है।
बेदाग छवि ने बनाया नेता
सीएम अखिलेश यूपी में अब एक बड़े नेता के रूप में उबर रहे हैं। उनकी पॉपुलारिटी दिन-ब-दिन बढ़ रही है। यूपी में वह पीएम मोदी से आगे निकल चुके हैं। सीएम को मिल रही पॉपुलारिटी उनकी बेदाग छवि और विकास की राजनीति के चलतेे मिली है । सोशल मीडिया पर अब जितनी चर्चा सीएम की हो रही है उतनी पीएम की नहीं, हालांकि इसमें कोई आकड़े नहीं हैं। सिर्फ सोशल मीडिया पर सीएम की कम्पेनिंग पीएम से ज्यादा हो रही है।
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रिक्शा चालक मनीराम को सीएम ने बना दिया धनीराम
भाईयों! ये यूपी है। एक तरफ जहां पुलिस का एक छोटा सा नुमाइंदा एक गरीब रिक्शा चालक को सरेआम पीटता और घसीटता है वहीं यूपी का मुखिया एक दूसरे रिक्शा चालक के प्रति इतना संवेदनशील हो जाता है कि आप भी जानकर यकीन नहीं करेंगे।
जी हां! मुफलिसी में जी रहे रिक्शा चालक मनीराम की गुरुवार को अचानक सीएम अखिलेश से मुलाकात हो गई। मनीराम को यकीन नहीं हो रहा था कि वह सीएम के इतना करीब है। शायद उसने कभी सपने में नहीं सोचा होगा।
‘ई साहब लई कै आएंं हैं’
दरअसल, मोबाइल बैंकिंग के क्षेत्र में ‘पेटीएम’ का अभिनव प्रयोग करने वाले विजय शेखर शर्मा गुरुवार शाम मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने उनके सरकारी आवास जा रहे थे। इस दौरान जाम ने उनका रास्ता रोक लिया। उन्होंने अपनी कार से उतरकर एक रिक्शा पकड़ा और सीधे पांच कालिदास मार्ग पहुंच गए।
इसी दौरान सीएम अखिलेश बाहर आ गए और उन्होंने रिक्शा चालक को देखकर सवाल किया कहां आ गए हो? वह घबराकर क्षेत्रीय भाषा में बोला-‘ई साहब लई कै आएं हैं।’ सीएम हंस पड़ें और उसके करीब पहुंच गए। सीएम ने रिक्शा चालक से उनका नाम पूछा तो उसने अपना नाम ‘मनीराम’ बताया और कहा कि मैं आपका पड़ोसी हूं, यहीं कालिदास मार्ग पर ही रात को मैं रहता हूं और रिक्शे पर ही सोता हूं।
मनीराम की बाते सुन हंस पड़े सीएम अखिलेश
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली के जंगलाट गांव के निवासी व अनुसूचित जाति के मनीराम की इस बात से सीएम अखिलेश खूब ठहाका लगाकर हंसे मनीराम के रिक्शे पर बैठकर आए शेखर शर्मा ने भी हंस पड़ें। मनीराम ने बताया कि उसके पांच बच्चे हैं। उसने 40 रुपये प्रतिदिन के किराये पर उसने रिक्शा ले रखा है।
डरा सहमा मनीराम बिना पैसे लिए ही अपने रिक्शे पर चढ़कर वापस जाने लगा तब मुख्यमंत्री ने उसे रोका और सचिव प्रांजल यादव को उसे नया ई रिक्शा दिलाने को कहा। मुख्यमंत्री ने उसके बच्चों का स्कूल में दाखिला कराने व लोहिया आवास आवंटिक करने का निर्देश भी दिया।
दीवाली से पहले मनीराम ने सीएम अखिलेश से इतना बड़ा तोहफा पाकर कहा ‘लक्ष्मी जी सदा सहाय’ और मुख्यमंत्री के लिए ढेरों दुआएं। इस घटना के बाद रिक्शा चालकों को ठहरने के लिए कोई रैन बसेरा बनाने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री के सामने रखा जाएगा।
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