Mission 2024: कम वोट वाले बूथों पर पूरी ताकत लगाएगी सपा, अमेठी रायबरेली में अब नई रणनीति, दोनों सीटों पर बदलेंगे समीकरण

Mission 2024: उत्तर प्रदेश में सपा की जीत को सुनिश्चित करने के लिए पार्टी अब ऐसे बूथों पर फोकस करेगी जिन पर पार्टी को कम वोट मिलते रहे हैं।

Update:2023-03-20 16:57 IST
Akhilesh Yadav (PHOTO: social media )

Mission 2024: समाजवादी पार्टी 2024 की सियासी जंग में उत्तर प्रदेश में भाजपा को बड़ी शिकस्त देने की तैयारी में जुट गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोलकाता में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद उत्तर प्रदेश में भाजपा को सभी 80 सीटों पर हराने की बात कही है। उन्होंने सपा को राष्ट्रीय पार्टी बनाने का संकल्प भी दोहराया है। उन्होंने भाजपा पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा भी कांग्रेस की राह पर ही चल रही है।

उत्तर प्रदेश में सपा की जीत को सुनिश्चित करने के लिए पार्टी अब ऐसे बूथों पर फोकस करेगी जिन पर पार्टी को कम वोट मिलते रहे हैं। पार्टी की ओर से इसके लिए त्रिस्तरीय रणनीति अपनाई जाएगी। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि इस बार पार्टी अमेठी और रायबरेली से भी अपना उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है क्योंकि यहां पर सपाइयों की कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। इससे इन दोनों वीआईपी सीटों के समीकरणों पर बड़ा असर पड़ने की संभावना है। अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में पहले ही कांग्रेस और बसपा के साथ किसी भी प्रकार का गठजोड़ न करने का ऐलान कर चुके हैं।

यूपी से होगा दिल्ली की सत्ता का फैसला

कोलकाता में दो दिनों तक चली सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान पार्टी को सियासी रूप से और मजबूत बनाने पर गहराई से मंथन किया गया। पार्टी ने भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करने का संकल्प दोहराया है। बैठक के दौरान उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में पार्टी को मजबूत बनाने की कार्ययोजना भी पेश की गई। सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल की ओर से पेश की गई कार्ययोजना में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में केंद्र की सत्ता से भाजपा को बेदखल करने की ताकत है।

उन्होंने कहा कि यदि उत्तर प्रदेश में सपा भाजपा को मात देने में कामयाब रही तो इसका सीधा असर दिल्ली पर भी पड़ना तय है। अन्य क्षेत्रीय दल भी सपा की ओर काफी उम्मीदों से देख रहे हैं। ऐसे में सपा को बड़ी भूमिका निभानी है। पार्टी की ओर से इस बात पर जोर दिया गया कि कोलकाता से लौटने के बाद पार्टी के सभी पदाधिकारी अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों में पूरी तरह जुट जाएं।

कम वोट वाले बूथों पर पार्टी की नई रणनीति

पार्टी ने अब ऐसे बूथों पर विशेष रूप से ध्यान देने का फैसला किया है जहां पर पार्टी को कम वोट मिलते रहे हैं। इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों में पार्टी की पैठ बढ़ाने की तैयारी है। ऐसे क्षेत्रों में पार्टी की ओर से हर माह कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी है। इसके साथ ही आम जनता से जुड़े हुए मुद्दों को लेकर भी पार्टी संघर्ष करेगी। पार्टी के सभी विधायकों और पदाधिकारियों को पार्टी का वोट बैंक बढ़ाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में अभियान चलाने को भी कहा गया है।

पार्टी की ओर से सबसे पहले ऐसे बूथों को चिन्हित किया जाएगा जहां पर पार्टी की को कम वोट मिलते रहे हैं। इन बूथों के लिए स्थानीय स्तर पर कमेटी का गठन करने की तैयारी है। यह कमेटी क्षेत्र के मतदाताओं से निरंतर संपर्क साधेगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता भी समय-समय पर इन क्षेत्रों में पहुंचकर लोगों की समस्याएं जानने की कोशिश करेंगे। इन समस्याओं को लेकर पार्टी की ओर से संघर्ष करने की तैयारी है।

जातिगत जनगणना को मुद्दा बनाएगी सपा

सपा की ओर से जातिगत जनगणना की मांग पहले से ही की जाती रही है। पार्टी ने जातीय जनगणना, संवैधानिक संस्थाओं की अनदेखी और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के मुद्दे पर लगातार संघर्ष करने का फैसला किया है। इसके साथ ही महंगाई, बेरोजगारी और आम लोगों के उत्पीड़न के मुद्दे पर भी पार्टी संघर्ष जारी रखेगी। पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत बनाने के साथ ही पार्टी की ओर से जातीय जनगणना को भी मुद्दा बनाया जाएगा ताकि सभी जातियों से जुड़े लोगों को विकास का समान अवसर हासिल हो सके।

समाजवादी पार्टी की ओर से अति पिछड़ों को पार्टी के साथ जोड़ने के लिए अभियान चलाने की भी तैयारी है। पार्टी का मानना है कि जो लोग पिछले दिनों सपा से कटकर दूसरी ओर चले गए थे,उन्हें पार्टी के साथ फिर जोड़ने के लिए सक्रियता बढ़ाई जाएगी।

विपक्षी दलों का मोर्चा बनाने की कोशिश

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ करने का ऐलान किया है। कोलकाता में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अखिलेश ने कहा कि आज महंगाई और बेरोजगारी चरम पर पहुंच चुकी है और भाजपा सरकार अपने वादों से मुकर रही है। ऐसे में भाजपा को हराने के लिए सपा पूरी ताकत के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी।

उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी, केसीआर और नीतीश कुमार विपक्षी दलों का मोर्चा बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं जबकि दिल्ली वाले अपनी भूमिका खुद तय करेंगे। उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा को हराने की ताकत रखने वाले दलों के नेताओं के घरों पर ही छापे डाले जा रहे हैं। पहले यह काम कांग्रेस करती थी और अब भाजपा भी उसी राह पर चल रही है।

अमेठी और रायबरेली में होगी दिलचस्प जंग

सपा मुखिया ने अमेठी और रायबरेली से भी सपा का प्रत्याशी उतारने का संकेत दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी इन दोनों सीटों पर भी अपने उम्मीदवार उतारने पर विचार कर रही है। पिछले दिनों अमेठी दौरे के दौरान भी उन्होंने इस तरह का संकेत दिया था। उनका कहना था कि वीआईपी इलाका होने के बावजूद यहां पर लोगों की समस्याओं की सुनवाई नहीं हो रही है।

समाजवादी पार्टी पहले अमेठी और रायबरेली से अपने प्रत्याशी उतारने से परहेज करती रही है। इसके बदले कांग्रेस ने भी करहल और मैनपुरी से अपने प्रत्याशी नहीं उतारे थे। अब अमेठी और रायबरेली से सपा प्रत्याशियों के मैदान में उतरने से इन दोनों सीटों के समीकरण पर बड़ा असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।

अमेठी से अगले चुनाव में प्रियंका गांधी और रायबरेली से राहुल गांधी के लड़ने की चर्चा है। ऐसी स्थिति में माना जा रहा है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान अमेठी और रायबरेली में दिलचस्प जंग देखने को मिल सकती है।

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