Ahmed Hasan Death: सपा के कद्दावर नेता अहमद हसन का निधन, लोहिया अस्पताल में थे भर्ती
Ahmed Hasan Ka Nidhan: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता अहमद हसन का शनिवार को निधन हो गया है।
Ahmed Hasan Ka Nidhan: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता व विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन (Ahmed Hasan) का 88 साल की उम्र में शनिवार को निधन हो गया। वह लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल (Ram Manohar Lohia Hospital) में भर्ती थे। जहां उन्होंने इलाज के दौरान आज को अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि हसन बीते काफी दिनों से बीमार थे। ऐन चुनाव के मौके पर समाजवादी पार्टी के लिए ये बड़ा झटका माना जा रहा है।
बता दें कि मूलत: अंबेडकर नगर के रहने वाले अहमद हसन समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता थे। अहमद हसन की गिनती ईमानदार नेताओं में होती थी। वह समाजवादी पार्टी की सरकार में स्वास्थ्य व शिक्षा मंत्री का कार्यभार संभाल चुके थे। साथ ही पांच बार एमएलसी रहे। वह काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। वह पिछले आठ दिनों से डायलिसिस पर थे। अहमद हसन मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के करीबी नेताओं में गिने जाते थे।
ईमानदारी व सामाजिक सेवाओं के लिए मिले कई सम्मान
अहमद हसन जनवरी 2021 में विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष बने थे। इससे पहले भी वह उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष थे। उन्होंने पहले समाजवादी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री और शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया है। उन्होंने अपना जीवन समाजवाद, सांप्रदायिक सद्भाव और लोगों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। इससे पहले वह आईपीएस भी रहे उनकी सक्षम और ईमानदार सार्वजनिक और सामाजिक सेवाओं के लिए, उन्हें भारत के राष्ट्रपति द्वारा वीरता पदक, भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारतीय पुलिस पदक, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सांप्रदायिक और सामाजिक सद्भाव के लिए सराहनीय पुलिस पदक प्रदान किया गया।
अहमद हसन विकिपीडिया (Ahmed Hasan Wiki In Hindi)
अहमद हसन का जन्म 2 जनवरी 1934 को उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले में हुआ था। उनके पिता, मौलाना मोहम्मद यूसुफ जलालपुरी एक बहुत सम्मानित धार्मिक विद्वान और एक समृद्ध व्यवसायी थे। अपने पिता के संरक्षण में, अहमद हसन ने अरबी और उर्दू सीखी और पवित्र कुरान का अध्ययन किया। वह पढ़ाई में होशियार था और उसने हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा प्रथम श्रेणी और डिस्टिंक्शन के साथ पास की थी।
बाद में वे कानून की पढ़ाई के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय गए और बीए एलएलबी की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। अहमद हसन यहीं नहीं रुके उन्होंने सिविल सेवाओं की तैयारी शुरू कर दी थी। उन्होंने UPSC परीक्षा को सफलतापूर्वक पास कर लिया और 1958 में भारतीय पुलिस सेवा में चयनित हो गए। उनका पहला आधिकारिक प्रभार 1960 में लखनऊ के पुलिस उपाधीक्षक (DSP) के रूप में था।
दोस्तों देश और दुनिया की खबरों को तेजी से जानने के लिए बने रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलो करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।