Rampur News: चंद्रशेखर रावण सपा नेता आज़म खान की पत्नी से मिले, बोले अब मैं यहां आ गया, वह कहां जाएंगे
Rampur News: चंद्रशेखर आजाद जब आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम खान से मिलने हरदोई जेल पहुंचे तो कुंदरकी विधानसभा के प्रचार में पहुंचे अखिलेश यादव ने अचानक कार्यक्रम बदल और रामपुर आजम खान के घर पहुंच गए।
Rampur News: प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए प्रचार जारी है ऐसे में समाजवादी पार्टी का मुस्लिम चेहरा कहलाए जाने वाले वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान भले ही सीतापुर जेल में बंद हैं, लेकिन मुस्लिम वोटों को रिझाने के लिए आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आजाद और समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव के बीच चूहे बिल्ली का खेल चल रहा है।
बीते दिनों चंद्रशेखर आजाद जब आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम खान से मिलने हरदोई जेल पहुंचे तो कुंदरकी विधानसभा के प्रचार में पहुंचे अखिलेश यादव ने अचानक कार्यक्रम बदल और रामपुर आजम खान के घर पहुंच गए। उनके इस कदम को उपचुनाव के दौरान मुस्लिम वोटों को रिझाने से जोड़कर देखा जा रहा था। इस बीच आज कुंदरकी विधानसभा सीट पर आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार करने पहुंचे चंद्रशेखर आजाद भी अचानक आजम खान के परिवार से मिलने रामपुर पहुंच गए।
चंद्रशेखर आजाद से यह पूछने पर की जब आप हरदोई जेल गए थे तो अखिलेश यादव जी रामपुर आ गए थे, अब आप रामपुर आजम खान के परिवार से मिलने आए हैं तो चंद्रशेखर बोले कि अब मैं यहां गया अब वह कहां जाएंगे ??
दोबारा अखिलेश यादव से मिलने नहीं आऊंगा- चंद्रशेखर रावण
इतना ही नहीं अखिलेश यादव को लेकर आजाद समाज नेता ने कई खुलासे किए उन्होंने कहा कि 2022 में हमारा समाजवादी पार्टी के साथ एलाइंस हो रहा था, लेकिन उनके अहंकार के चलते नहीं हुआ और प्रदेश में सत्ता बरकरार रही नहीं। तब मैंने सोचा था कि दोबारा अखिलेश यादव से मिलने नहीं आऊंगा, पर आजम खान ने मुझे अपने मंच पर बुलाया, जहां अखिलेश यादव जी भी थे उनका आदेश था मैंने उनके आदेश का पालन किया लेकिन जिस व्यक्ति को कदर ना हो उसके पास क्या जाना क्यों जाना।
चंद्रशेखर रावण उत्तर प्रदेश सरकार पर भी जमकर बरसे उन्होंने कहा कि हमें आजम खान और अब्दुल्ला आजम खान के विरुद्ध कुछ सदस्यों की जानकारी मिली है, हम आगाह करना चाहते हैं कि ऐसा कोई काम ना हो जिसके नतीजे बेहद खतरनाक हो। उन्होंने दोहराया कि हम सरकार की ईट से ईट बजा देंगे और सड़क से संसद तक इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
झांसी अस्पताल में हुए बच्चों की मौत पर भी उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा के मुख्यमंत्री को बांटोगे तो काटोगे और चुनावी सभाओं से फुर्सत हो तो इन गरीबों की तरफ देखें जिन्होंने अपना सब कुछ खो दिया क्योंकि इंसान अपने जान से भी ज्यादा अपनी औलाद को प्यार करता है।
मीडिया ने सवाल किया कि आप हरदोई जेल गए थे अब्दुल्लाह आजम से मिलने तो अखिलेश यादव को रामपुर आना पड़ा था? इस पर चंद्रशेखर आजाद ने कहा,, मैं यहां आया तो वह कहां जाएंगे देखो मैं कह रहा कुछ रिश्ते राजनीति से ऊपर होते हैं मुझे आज भी याद है, मैं इस घर में पहले आया था जब मैं आया तो मैं उस प्यार को शब्दों में बयां नहीं कर सकता, जिस तरह से एक सरपरस्त अपने सफाई का हाथ रख कर चलता है, वो यहां से लेकर मुझे मेरी गाड़ी तक छोड़ने के लिए गए और उन्होंने मुझसे कहा कि मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं।
आजाद समाज नेता ने कहा जब भी उन्होंने (आजम खान ने) मुझे याद किया मैं फोन के जरिए किसी भी तरह उनके टच में रहा। जब जेल में वह गए तो मैंने उन साथियों को फोन किया जिससे मेरी बातचीत होती थी। मैंने लगातार प्रयास किया मेरे पास एक साजिश की खबर थी और आप जानते हैं, उत्तर प्रदेश सरकार में अपने विरोधियों को सरकारी मशीनरी के जरिए किस तरह से नुकसान पहुंचाया जाता है। तो मैं अपने छोटे भाई के नाते अब्दुल्ला से मिलने के लिए गया और चूंकि आज में कुंदरकी में था, तो उनकी भी यह इच्छा थी।
चंद्रशेखर ने कहा अब मैं बहुत जल्द आजम साहब से मिलने के लिए जाऊंगा, जैसा मुझे पता चला है कि बहुत बातचीत नहीं हो रही है। तो मैं जानना चाहता था कोई ऐसी बात हो, जो आपकी जानकारी में हो, तो मुझे बता दीजिए लेकिन मैं आपको एक बहुत ही जिम्मेदारी से यह बात कहता हूं कुछ साजिशें हैं, जो की जा रही हैं।
चंद्रशेखर ने कहा मैं साजिश करने वालों को आपके माध्यम से कह रहा हूं कि कभी-कभी ऐसा होता है, तो जब ऊपर वाला मेहरबान होता है तो गधा भी पहलवान होता है, तो जिनको यह लगता है कि वह साजिश करके नुकसान पहुंचा देंगे तो मैं उनको कहना चाहता हूं की हमे साजिशों की जानकारी है। कोई ऐसी गलती नहीं करना जिसको आप झेल नहीं पाओ।
रावण ने कहा वह मेरे बड़े भाई हैं मैं आपको आज कह रहा हूं। मैंने उस दिन कहा था कि हम सरकार की ईट से ईट बजा देंगे और यह लड़ाई सड़क से लेकर संसद तक लड़ी जाएगी। आप देख लेना मेरा नाम चंद्रशेखर आजाद है। मैं जो कहता हूं उसे पूरा करता हूं और ना ही वह मोटरसाइकिल चोरी वाले हैं और नहीं बकरी चोरी वाले हैं और ना मुर्गी चोरी वाले हैं जो उनके मुकदमों को पढेगा वह चक्कर खाकर गिर जाएगा। यह किस तरह के मुकदमे उन पर लगाए गए हैं। उन्होंने कमजोर वर्गों के पढ़ने का रास्ता बनाया है। उन्होंने फ्री एजुकेशन सेंटर खोला है, यहां गरीबों का बच्चा भी अमीरों जैसे सुख के साथ पढ़ाई ले रहा था। तो जो कल डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस, आईपीएस बनते यह रास्ता रोकने के लिए उसी की सजा आजम साहब को मिल रही है। हालांकि वह अलग पार्टी में है लेकिन फिर भी अगर किसी के साथ भी अन्याय होगा तो मेरा फर्ज बैठता है कि मैं उस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाऊं।
यह पूछे जाने पर उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था कैसी लगती है आपको और डीजीपी अस्थाई नियुक्ति नहीं हुई है, इस पर चंद्रशेखर आजाद ने कहा,, आपने देखा सरकार क्या कर रही है अपने चहेतों को कितने लंबे-लंबे समय पोस्ट पर रख रही है। यहां के बहुत सारे अधिकारी हैं जिन्होंने इसमें बहुत बड़ा रोल अदा किया है। रिटायरमेंट के बाद भी अभी भी कुर्सियों पर बैठे हैं। आप देखिए कानून व्यवस्था अच्छी है, अखबार पढ़ कर देखिए मैंने आज ही ट्वीट किया है।
महिलाओं की सुरक्षाओं की कोई गारंटी उत्तर प्रदेश सरकार में नहीं है, कहीं रेप, कही हत्याएं कभी गला काट कर मार रहे हैं। यहीं बुलंदशहर में लाश मिली है, कोई यंग बच्ची है। पुलिस को नहीं पता और सारी सरकारी मशीनरी सिर्फ विरोधियों को उजाड़ने के लिए बर्बाद करने के लिए और बुलडोजर चलाने के लिए लगी है। अगर सुप्रीम कोर्ट ना होती तो अपने सारे झूठ को सच साबित कर देते। बहुत असंवैधानिक तरीके से लोगों के घर उजाड़ने के काम किया है। मैं धन्यवाद दूंगा सर्वोच्च न्यायालय का सरकार के मुंह पर जोरदार तमाचा मारने का काम किया है, इनको बताने का काम किया है कि सरकार मालिक नहीं होती जनता मालिक होती है।
यह पूछे जाने पर की आजम खान जेल में है और उनको स्टार प्रचारक बनाया गया है, क्या उनका इस्तेमाल किया गया है। इस पर चंद्रशेखर आजाद ने कहा,, देखिए मैंने पहले भी कहा कि कुछ रिश्ते राजनीति से ऊपर होते हैं, आज मैं कोई राजनीतिक बात नहीं करूंगा। यह उनकी पार्टी का इंटरनल मामला है।
यह पूछे जाने पर की आजम खान के परिवार से आप मिले तो क्या आश्वासन दिया? इस पर चंद्रशेखर आजाद ने कहा,, मैं तो बहुत छोटा हूं, मैं आश्वासन नहीं देता हूं मैं तो बस यह कह कर आया हूं जब-जब मेरी जरूरत पड़ेगी जहां मेरी जरूरत पड़ेगी मैं आपके साथ खड़ा हूं और जहां तक मैं इस ना इंसाफी की आवाज को उठा सकता हूं मैं उठाऊंगा, वह तकलीफ में हैं, मेरी जिम्मेदारी है इस तकलीफ में जैसे वह मेरे साथ खड़े थे मैं इस परिवार के साथ रहूं।