LS चुनाव में BSP नहीं SP ने BJP को ट्रांसफर कराया वोट, इसलिए कर रहें गठबंधन की बात : माया

Update: 2016-12-13 11:13 GMT

लखनऊ: यूपी के लोकसभा चुनाव में बसपा नहीं बल्कि सपा ने अपना वोट बीजेपी को ट्रांंसफर कराया है। इसकी वजह से सपा की स्थिति खराब बनी हुई है, इसलिए अब सपा सरकार के मुखिया बार-बार गठबंधन की बात कर रहे हैं। यानि की जब सीएम अखिलेश यादव ने वर्ष 2012 में प्रदेश का विधानसभा चुनाव अकेले ही लड़ा था, तो फिर अब इनको गठबंधन करने की जरूरत क्यों महसूस हो रही है? बसपा मुखिया मायावती ने मंगलवार को जारी एक बयान में यह बात कही।

सीएम अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए मायावती ने कहा कि बसपा ने लोकसभा चुनाव में एक भी सीट क्यों ना जीती हो, फिर भी वोट प्रतिशत के हिसाब से बसपा देश भर में बीजेपी व कांग्रेस के बाद तीसरी नवंबर की पार्टी बनकर उभरी है। पर सपा राष्ट्रीय स्तर पर कहां व किस नम्बर पर खड़ी है, इनको यह बात भी जनता को जरूर बतानी चाहिए।

पूर्व सीएम ने कहा कि सपा में टिकटों को लेकर सपा सरकार के मुखिया के आये दिन बयान से साफ है कि पार्टी में आपसी वर्चस्व की लड़ाई अभी तक खत्म नहीं हुई है। ऐसी स्थिति में मुस्लिम समाज के लोगों को चुनाव में अपना वोट सपा को देकर कतई भी खराब नहीं करना है। वर्ना इसका सीधा फायदा बीजेपी को ही पहुंचेगा। जिसने वर्तमान में जनता को नोटबंंदी के अपरिपक्व फैसले से प्रताड़ित करके रख दिया है।

मायावती ने यह भी कहा

-मोदी सरकार ने 8 नवंंबर को बिना पूरी तैयारी के नोटबंदी का फैसला लिया।

-90 फीसदी गरीब और मध्यमवर्गीय लोगों के लिए अभी भी पीड़ादायक बना हुआ है।

-सबसे ज्यादा ग्रामीण इलाकों के गरीब व किसान परेशान नजर आ रहे हैं।

-शहरों व कस्बों में ज्यादातर एटीएम व बैंकों में समय से पैसा नहीं पहुंच पा रहा है।

-इसकी वजह से नोटबन्दी के 35 दिन बाद भी एटीएम व बैंकों के बाहर लगी लम्बी लाईन अभी तक भी छोटी नहीं हुई है।

-ऐसे हालातों में पीएम और केन्द्रीय मन्त्रियों को लोगों के बीच जाकर उनके दुःख-तकलीफों को समझना चाहिए और अपने फैसले की पुनः समीक्षा करनी चाहिये।

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