Sambhal Hinsa: संभल हिसा में STF की बड़ी कार्रवाई, जामा मस्जिद के सदर जफर अली गिरफ्तार

Sambhal Hinsa: आयोग ने 11 मार्च 2025 को लखनऊ में शाही जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट, मसूद अली फारूकी एडवोकेट और कासिम जलाल एडवोकेट को पेश होने के लिए नोटिस भेजा था।;

Update:2025-03-23 16:40 IST
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Sambhal Hinsa: उत्तर प्रदेश के संभल जनपद में बीते साल नवंबर माह में हुई हिंसा के मामले में एसआईटी ने रविवार को बड़ी कार्रवाई की है। एसआईटी ने इस मामले में पूछताछ के बाद जामा मस्जिद के प्रमुख (सदर) जफर अली को गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले कई बार नोटिस देकर जफर अली को तलब किया गया था। लेकिन वह हाजिर नहीं हो रहे थे। जिसके बाद रविवार को एसआईटी संभल में जांच करने पहुंची और जफर अली को हिरासत में ले लिया।

कोतवाली में पूछताछ के बाद एसआईटी ने जफर अली को गिरफ्तार कर लिया है। एसआईटी मामले की छानबीन में जुटी हुई है। वहीं जफर अली के गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा के मद्देनजर कोतवाली परिसर में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी है। एएसपी श्रीषचंद्र ने बताया कि सदर की गिरफ्तारी के बाद अभी भी पूछताछ चल रही है।

विदित हो कि बीते साल 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी। जिसकी जांच त्रिस्तरीय न्यायिक जांच आयोग कर रही है। आयोग ने 11 मार्च 2025 को लखनऊ में शाही जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट, मसूद अली फारूकी एडवोकेट और कासिम जलाल एडवोकेट को पेष होने के लिए नोटिस भेजा था। लेकिन तीनों लखनऊ नहीं पहुंचे।

इस पर आयोग ने समन जारी कर 20 मार्च को उपस्थित होने और साक्ष्य अंकित कराने के निर्देश दिये थे। न्यायिक आयोग संभल हिंसा के मामले में अब चार बार दौरे कर 160 लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है। चौथे दौर में आयोग ने डीएम, एसडीएम समेत 45 अफसरों और लोगों के बयान दर्ज किए थे।

जफर अली के भाई बोलेः शहर में शांति नहीं चाहती पुलिस

जामा मस्जिद कमेटी के सदन जफर अली की गिरफ्तारी के बाद बड़े भाई ताहिर अली कोतवाली में मिलने पहुंचे। उन्होंने कहा कि सोमवार को जफर अली को आयोग के सामने बयान दर्ज कराना था। लेकिन आज उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस शहर में शांति नहीं रहने देना चाहती है। उन्होंने कहा कि पुलिस चाहती है कि जफर बयान न दें। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं होगा वह आयोग के बयान देंगे जो उन्होंने पहले कहा था कि हिंसा के दौरान पुलिस ने ही गोली चलायी थी। ताहिर अली ने कहा कि जफर शहर में शांति चाहते हैं। लेकिन यहां का पुलिस प्रशासन यह नहीं चाहता है।

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