शैम्पू से बनाया दूध और बन गए करोड़पति, छा गए ये दो गुर्जर भाई

दूध को हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है और बच्चे से लेकर बूढ़े तक इसका खाने और पीने में कई तरीके से इस्तेमाल करते हैं। क्या आपको पता है जो पैकेट बंद दूध आप घर ला रहे हैं और पी रहे हैं दरअसल में वो तरह का जहर है। आपको बता दें, पुलिस ने दो ऐसे भाइयों को गिरफ्तार किया है जो शैम्पू से दूध बनाकर बेचते थे और वो 7 सालों में करोड़पति बन गए।

Update: 2019-07-30 06:23 GMT

लखनऊ : दूध को हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है और बच्चे से लेकर बूढ़े तक इसका खाने और पीने में कई तरीके से इस्तेमाल करते हैं। क्या आपको पता है जो पैकेट बंद दूध आप घर ला रहे हैं और पी रहे हैं दरअसल में वो तरह का जहर है। आपको बता दें, पुलिस ने दो ऐसे भाइयों को गिरफ्तार किया है जो शैम्पू से दूध बनाकर बेचते थे और वो 7 सालों में करोड़पति बन गए।

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मध्य प्रदेश के मुरैना में स्पेशल टास्क फोर्स ने देवेंद्र गुर्जर और जयवीर गुर्जर दो भाइयों को गिरफ्तार किया है जिन पर बीते कई सालों से सिंथेटिक (नकली) दूध बनाकर बेचने का आरोप लागा है। इतना ही नहीं दोनों भाइयों ने इस नकली दूध के धंधे से इतना पैसा कमाया कि वो सिर्फ 7 साल में ही तीन बंगले, कई एसयूवी, मिल्क टैंकर, खेती की जमीन, और दो पैकेट बंद दूध की फैक्ट्री के मालिक बन गए।

एक रिपोर्ट के मुताबिक दूध के रूप में जहर बेच रहे ये दोनों भाई सात साल पहले तक मुरैना के डेयरी फॉर्म में अपनी बाइक से दूध पहुंचाते थे। दूध के धंधे में भारी मुनाफा देखकर इन दोनों भाइयों ने नकली दूध बनाने का काला धंधा शुरू कर दिया।

दोनों भाई ग्लूकोज, यूरिया, रिफाइंड तेल, मिल्क पाउडर, पानी और शैम्पू से सिंथेटिक दूध बनाते थे और फिर उसे न सिर्फ मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बल्कि दूसरे राज्यों में भी भेजा करते थे। एसटीएफ को जांच में इस काम में शामिल हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की नामी कंपनियों का भी पता चला है।

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देवेंद्र गुर्जर के साथ ही चंबल के कुछ अन्य डेयरी मालिकों का भी नाम एफआईआर में शामिल किया गया है जो केवल पांच-सात साल में अमीर हो गए। इन लोगों पर मध्य प्रदेश के अलावा हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की नामी कंपनियों को भी सिंथेटिक दूध बेचने का आरोप है।

एसटीएफ के पुलिस अधीक्षक राजेश भदोरिया ने कहा, 'जांच के दौरान, मुख्य आरोपियों में से छह लोगों देवेंद्र गुर्जर, जयवीर गुर्जर, रामनरेश गुर्जर, दिनेश शर्मा, संतोष सिंह और राजीव गुप्ता के पास बड़ी संपत्ति थी। उनके जीवन स्तर में कुछ ही वर्षों में पूरी तरह से बदलाव आया है। उन्होंने छोटे डेयरी मालिकों से करोड़पति बनने तक के सफर को बहुत तेजी से कवर किया। वे एक लीटर दूध बनाने के लिए सिर्फ 6 रुपए खर्च करते थे, जो थोक बाजार में 25 रुपए में बिकता है। वे ग्लूकोज, यूरिया, रिफाइंड तेल, दूध पाउडर और पानी को मिलाकर सिंथेटिक दूध तैयार करते हैं।

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