राज्यपाल राम नाईक को भाया 'आज की द्रौपदी' , नाटक ने दिया ये संदेश
महाभारत की तत्कालीन द्रोपदी ने जो कुछ सहा अकेले सहा। प्रतिरोध के संस्कार उसमे नहीं थे। आज भी स्थितियों में कुछ ज्यादा परिवर्तन नहीं हुआ है, युग
लखनऊ: महाभारत की तत्कालीन द्रोपदी ने जो कुछ सहा अकेले सहा। प्रतिरोध के संस्कार उसमे नहीं थे। आज भी स्थितियों में कुछ ज्यादा परिवर्तन नहीं हुआ है, युग परिवेश बदला है पर स्त्री की त्रासदी नहीं। समय बदल चुका है आज की नारी कर्तव्यनिष्ठ होते हुए भी अपने समान अधिकारों की रक्षा कर रही है। शनिवार को यह बात 'आज की द्रौपदी' कथक नृत्य नाटिका के माध्यम से बताई गई। इसका कांसेप्ट और प्लोटिंग राज्यपाल राम नाईक को बहुत पसंद आयी।
यह कार्यक्रम संगीत नाटक एकेडमी के संत गाडगेजी महाराज सभागृह में संपन्न हुआ। 23 सितंबर को लखनऊ घराने की अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कथक नृत्यांगना सुरभि सिंह द्वारा नारी सशक्तीकरण पर केंद्रित 'आज की द्रौपदी' कथक नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी गई। जिसमें भारी संख्या में लोगों ने उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल राम नाईक ने की। वहीं मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना एवं विशेष अतिथि की भूमिका रीता बहुगुणा जोशी और सांस्कृतिक मंत्री श्री लक्ष्मी नारायण ने निभाई। कार्यक्रम का आयोजन सुरभि सिंह ने अपनी संस्था 'कल्चरल क्वैस्ट' की ओर से किया। आयोजन के दौरान समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहें राज्यपाल राम नाईक ने 'आज की द्रौपदी' कथक नृत्य नाटिका की सराहना की और आगे भी इस तरह के कार्यक्रम करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहें राज्यपाल राम नाईक ने 'आज की द्रौपदी' कथक नृत्य नाटिका की सराहना की और आगे भी इस तरह के कार्यक्रम करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया।
कथक नृत्यांगना सुरभि सिंह ने कहा कि हमें ख़ुशी है कि इस तरह के जागरूकता वाले कार्यक्रम में अधिक से अधिक लोग शिरकत करते हैं। यह विषय पुरुष सत्ता के खिलाफ बग़ावत नहीं है बल्कि यह तो सम्पूर्ण विनम्रता के साथ सामान साझेदारी की मांग है। निश्चित तौर पर आज की नारी पहले की अपेक्षा अधिक जागरूक हो चुकी है और यही बताने का प्रयास हमने कथक नाटक 'आज की द्रोपदी' के माध्यम से किया। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित जनसमूह का उत्साह यह बता रहा था कि हम हमारे प्रयास में सफल रहें।
'आज की द्रौपदी' कथक नृत्य नाटिका की सशक्त टीम :
परिकल्पना, निर्देशन एवं प्रस्तुति : सुरभि सिंह
पटकथा एवं संवाद : उर्मिल कुमार थपलियाल
प्रस्तुति संयोजन : विकास मिश्र
संगीत निर्देशन : प्रवीण डी राव
क्रिएटिव फोटोग्राफी : तनुश्री श्रीवास्तव
प्रकाश संचालन : प्रणव बर्मन
3 डी एलईडी डिज़ाइन : तुषार कपूर
संस्था 'कल्चरल क्वैस्ट' के इस कार्यक्रम के दौरान समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित भी किया गया।
वे सम्माननीय महिलाए है :
1. महंत दिव्या गिरी = राष्ट्रीय अध्यक्ष, सनातन धर्म फाउंडेशन और श्री महंत मनकामेश्वर मंदिर
2. स्वाती सिंह = राज्य मंत्री, स्वतंत्र प्रभार
3. सुतापा सान्याल = महानिदेशक भारतीय पुलिस सेवा
4. पूर्णिमा पांडे = कथक एक्सपोनेंट
5. सपना उपाध्याय = निदेशक, ईश्वर बाल कल्याण फाउंडेशन
6. रुपल अग्रवाल = हेल्प यू की प्रबंधक
7. ज्योति किरण = चिकित्सक और समाज सेविका
8. सुनीता झिंगरन = ख्यात शास्त्रीय गायिका
9. नम्रता पाठक = राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष (यूपी)
10. उषा विश्वकर्मा = अध्यक्ष रेड ब्रिगेड, लखनऊ
11. लक्ष्मी अग्रवाल = एसिड अटेक विक्टिम और अध्यक्ष, छांव फाउंडेशन नई दिल्ली
12. अपर्णा मिश्रा = सदभावना अस्पताल और सदभावना समिति की प्रबंध निदेशक
13. तुलिका चंद्रा = आर्ट मॉडल ब्लड बैंक की विभाग प्रमुख
14. मोनिका द्विवेदी = एडवोकेट और मांग्लय आर्गेनाइजेशन की अध्यक्ष
15. कमला श्रीवास्तव = वरिष्ठ लोक गायिका
16. डॉ. सविता साही = चिकित्सक और समाज सेविका
17. डॉ. प्रकृति शुक्ला = चिकित्सक और समाज सेविका
18. माया आनंद = समाज सेविका
19. रागिनी मिश्रा = शास्त्रीय गायिका