Sant Kabir Nagar News: जिले में खिलेगा कमल या साइकिल, जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए सियासी घमासान जारी

Sant Kabir Nagar News: संतकबीर नगर जिले के भाजपा नेतृत्व की राजनीतिक अकल अब गुम होती दिखने लगी है।

Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-06-20 12:44 GMT

समाजवादी पार्टी- भाजपा(फोटो-सोशल मीडिया)

Sant Kabir Nagar News: संतकबीर नगर जिले के भाजपा नेतृत्व की राजनीतिक अकल अब गुम होती दिखने लगी है। अपने जीते भाजपा के निर्वाचित जिला पंचायत सदस्य को पार्टी चुनाव लड़ाने के मूड़ मे नही दिखाई दे रही है। वहीं बसपा समर्थित जिला पंचायत सदस्य को भाजपा की सदस्यता दिलाकर भाजपा कृष्णा चैरसिया को जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी बनाने के फिराक मे है।

ऐसे मे निर्दलीय जीते जिला पंचायत सदस्य के हाथ मे जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव मे जीत की कुंजी है। सबसे मजे की बात यह है कि जिले के तीस वार्डो मे भाजपा समर्थित सिर्फ तीन सदस्य ही निर्वाचित हुए है और जीत के लिए 16 सदस्यो की संख्या होना जरुरी है।

पूरा जोर सपाई खेमें में सेंध लगाने की 

लेकिन हाल यह है कि भाजपा को जीत के लिए बसपा के दरबार में हाजिरी भरने की नौबत आ गयी। खुद भाजपाईयों का कहना है कि अगर निर्दल जिला पंचायत सदस्य ने भाजपा प्रत्याशी का साथ नहीं दिया तो संतकबीरनगर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी सपा प्रत्याशी के हवाले होना तय है।

दूसरी ओर भाजपा प्रत्याशी का पूरा जोर सपाई खेमें में सेंध लगाने की है और चर्चा तो यहां तक है कि सत्ता के सहारे सेंध लग भी चुकी है। अगर बात नहीं बनी तो सपाई राजनीति को जिले में जबरदस्त झटका लगना तय माना जा रहा है।

पंचायत चुनावों ने भाजपाई सूरमाओं के बहादुरी के दावों की हवा निकाल दी है। हाल यह रहा कि तमाम बड़े कहे जाने वाले नेताओं को उनके हलके में ही नकार दिया गया। मजे की बात यह भी रही कि अधिकांशतः इन बड़े नेताओं के परिजनों को ऐसे सपाइयों/बसपाईयों व निर्दलीय ने धूल चटाई जिन्हें लोग गिनती में लेने को तैयार नहीं थे।

वर्ष 2021 और पंचायत चुनावों ने कई भाजपा नेताओं के राजनैतिक भविष्य को खतरे की ओर ढकेल दिया है। सूत्रों का दावा है कि भाजपा के एक ताकतवर विधायक ने भाजपा प्रत्याशी को जीत दिलाने की मुहिम पर काम शुरू कर दिया है।

सपाई कमर कसकर पूरी तरह से तैयार

धरातल पर हाल यह है कि सपा प्रत्याशी बलिराम यादव व भाजपा प्रत्याशी के बीच फिलहाल अभी 20-10 सदस्य बंटे हैं। ऐसे मे निर्दलीय जिला पंचायत सदस्य वोटों पर ही जीत हार आकर टिकती दिख रही है। भाजपाईयो के चेहरों पर हवाइयां उड़ रही हैं और माना यही जा रहा है कि सपा प्रत्याशी की जीत के लिए सपाई कमर कसकर पूरी तरह से तैयार है।

इस मुहिम पर सत्ता पक्ष के विधायक लगे हैं यह बात भाजपा खेमें से छन कर बाहर आ रही है। अब मतदान के दिन इस मुहिम की ताकत का पता चलेगा। साथ ही यह भी तय हो जाएगा कि भाजपा के विधायक की क्या ताकत है। एक बात तो सपा प्रत्याशी बलिराम यादव के घोरतम विरोधी भी मानते हैं कि अगर बलिराम यादव को टिकट भाजपा ने दिया होता तो आज चुनाव की नौबत नही आती।

एक अन्य चर्चा भी यही है कि भाजपा प्रत्याशी कि आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाने के एहसास ने बलिराम यादव को दम दिया और अब हाल यह है कि सपाई खेमें मे उत्सुकता देखी जा रही है दूसरी ओर भाजपा सत्ता का प्रयोग करना शुरु कर दिया है। सपा की चुनौती की गंभीरता का एहसास भाजपा को साफ दिख रहा है।

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