Sarnath: विश्व धरोहर सूची में शामिल होगा सारनाथ, प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट को यूनेस्को ने दी हरी झंडी
Sarnath: पूरी दुनिया के बौद्ध अनुयायियों के लिए श्रद्धा और आस्था का बड़ा केंद्र माने जाने वाले सारनाथ को जल्द ही विश्व धरोहर की स्थायी सूची में स्थान मिल सकता है।
Sarnath: पूरी दुनिया के बौद्ध अनुयायियों (Buddhist followers) के लिए श्रद्धा और आस्था का बड़ा केंद्र माने जाने वाले सारनाथ को जल्द ही विश्व धरोहर की स्थायी सूची में स्थान मिल सकता है। केंद्र सरकार (Central government) की ओर से सारनाथ को विश्व धरोहर की सूची में शामिल करने के संबंध में यूनेस्को (UNESCO) को प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट भेजी गई थी। यूनेस्को ने इस प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट को हरी झंडी देने के बाद केंद्र सरकार से सारनाथ के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट भेजने को कहा है।
प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट को हरी झंडी मिलने के बाद सारनाथ के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। भारतीय सर्वेक्षण विभाग और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) के साथ ही प्रदेश का पर्यटन विभाग सारनाथ पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने में जुट गया है। यूनेस्को को जल्द ही विस्तृत रिपोर्ट भेजने की तैयारी है।
सारनाथ की ऐतिहासिक महत्ता
बौद्ध धर्म के इतिहास में सारनाथ को काफी अहम माना जाता रहा है। दुनिया भर से बौद्ध धर्म के अनुयायी सारनाथ पहुंचते रहे हैं। काफी संख्या में पर्यटक भी सारनाथ को देखने के लिए पहुंचते हैं। भगवान गौतम बुद्ध ने सारनाथ में ही पांच शिष्यों को अपना पहला उपदेश दिया था। भगवान बुद्ध ने यहीं से धर्मचक्र प्रवर्तन शुरू किया था।
सारनाथ में कई ऐतिहासिक और दर्शनीय स्थल हैं। अशोक का चतुर्भुज सिंह स्तंभ, भगवान बुद्ध का मंदिर, धमेख स्तूप, चौखंडी स्तूप, नवीन विहार, म्यूजियम और मूलगंध कुटी आदि को देखने के लिए रोजाना काफी संख्या में लोग सारनाथ पहुंचते हैं। जैन ग्रंथों में सारनाथ को सिंहपुर कहा गया है। सारनाथ की ऐतिहासिक महत्ता को देखते हुए अब केंद्र सरकार की ओर से इसे विश्व धरोहर सूची में स्थान दिलाने की पहल तेज कर दी गई है।
यूपी का चौथा केंद्र होगा सारनाथ
अभी तक देश भर के 40 स्थल यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है। पूरी दुनिया से करीब 1154 स्थानों को विश्व धरोहर सूची में स्थान दिया गया है। यदि उत्तर प्रदेश की बात की जाए तो अभी तक उत्तर प्रदेश के तीन स्थल विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं। उत्तर प्रदेश में ताजमहल, फतेहपुर सीकरी और आगरा के किले को विश्व धरोहर की स्थायी सूची में शामिल किया गया है। सारनाथ यूनेस्को की विश्व धरोहर की स्थायी सूची में शामिल होने वाला चौथा केंद्र होगा।
यूनेस्को ने मांगी विस्तृत रिपोर्ट
यूनेस्को की ओर से प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट को हरी झंडी मिलने के बाद विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने का काम तेज कर दिया गया है। इस संबंध में शुक्रवार को नई दिल्ली में महत्वपूर्ण बैठक भी हुई है। भारतीय सर्वेक्षण विभाग, आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की समन्वय समिति की इस बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई। पर्यटन निदेशक प्रखर मिश्रा ने बताया कि यूनेस्को की ओर से प्रारंभिक रिपोर्ट को मंजूरी मिलने के बाद सारनाथ के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।
उन्होंने बताया कि इस रिपोर्ट के बाद ही सारनाथ को विश्व धरोहर की स्थायी सूची में शामिल करने के संबंध में अंतिम मंजूरी मिलेगी। विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के संबंध में अलग-अलग विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। केंद्र सरकार की पहल के बाद विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने में काफी तेजी से काम किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक दिसंबर के आखिर तक यूनेस्को को विस्तृत रिपोर्ट भेजने की तैयारी है।
पर्यटन सुविधाओं का होगा विस्तार
सारनाथ उत्तर प्रदेश में पर्यटन का बड़ा केंद्र माना जाता रहा है। यूनेस्को की ओर से विश्व धरोहर की मान्यता मिलने के बाद यहां पर्यटन सुविधाओं का और विस्तार होने की संभावना है। केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से सारनाथ में लगातार सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। विश्व धरोहर सूची में शामिल होने के बाद यूनेस्को की ओर से भी सारनाथ के विकास के लिए आर्थिक मदद मिलेगी।