Sawan Kanwar Yatra 2022: यूपी में कलयुग का श्रवण कुमार, देखें कैसे माता-पिता को लेकर चला भोले के धाम

Sawan Kanwar Yatra 2022: पूरा सोशल मीडिया इन दिनों कांवड़ियों के फोटो और वीडियो से अटा पड़ा है। आजकल एक कांवड़िए का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर काफी वायरल हो रहा है।

Report :  Vidushi Mishra
Update: 2022-07-21 09:59 GMT

पालकी में अपने माता-पिता को बैठाकर कांवड़ यात्रा पर निकला शख्स (फोटो- ट्विटर)

Sawan Kanwar Yatra 2022: पवित्र सावन का महीना 14 जुलाई से शुरू हो चुका है। इसके शुरू होते ही भक्ति की बयार बहने लगी है। कोरोना के कारण यात्रा दो साल अवरूद्ध रहने के कारण अबकी बार भक्तों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। शहर और गांव से लोगों की टोली कांवड़ यात्रा के लिए निकल रही है। शिवालयों में इन दिनों भारी भीड़ नजर आ रही है।

हर साल सावन मास में लाखों की संख्या में कांवड़िये सुदूर स्थानों से आकर गंगा जल से भरी कांवड़ लेकर पदयात्रा करके अपने गांव वापस लौटते हैं। सावन की चतुर्दशी के दिन उस गंगा जल से अपने निवास के आसपास शिवमंदिरों में भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। यह यात्रा शिव भक्तों के लिए सबसे खास मानी जाती है क्योंकि सावन मास भगवान शिव का सबसे खास महीना माना जाता है। इस पूरे माह भगवान शिव की विशेष पूजा – अर्चना की जाती है।

पूरा सोशल मीडिया इन दिनों कांवड़ियों के फोटो और वीडियो से अटा पड़ा है। आजकल एक कांवड़िए का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर काफी वायरल हो रहा है क्योंकि भीड़ में शामिल अन्य कांवड़ियों से ये अलग है। ये शख्स पालकी में अपने माता-पिता को बैठाकर कांवड़ यात्रा पर निकला है। जिसकी लोग काफी तारीफ कर रहे हैं। आमतौर समाज में देखा जाता है कि वृद्ध मां-बाप को अक्सर उनके बच्चे अकेला छोड़ देते हैं, उनका सही से देखभाल नहीं करते हैं। लेकिन इस शख्स का वीडियो देखने के बाद आप का नजरिया थोड़ा जरूर बदलेगा।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो को आईपीएस अशोक कुमार ने शेयर किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, जहां आजकल बूढ़े मां-बाप का तिरस्कार होता है, उन्हें घर से निकाल दिया जाता है या अपने साथ रहने नहीं दिया जाता.. वहीं आज इसका विपरीत दृश्य देखने को मिला.. लाखों शिवभक्तों के बीच एक श्रवण कुमार भी है जो पालकी में अपने बुज़ुर्ग माता-पिता को लेकर कांवड़ यात्रा पर आया है.. मेरा नमन!

बता दें कि हाल ही में बिहार और उत्तरांखड से भी ऐसी तस्वीरें आई थी, जिसमें एक व्यक्ति अपने माता – पिता को पालकी में बैठाकर कांवड़ यात्रा पर निकला था। मीडिया में इन्हें कलयुग का श्रवण कुमार कहा गया। 

Tags:    

Similar News