सीतापुर में लाखों का घोटाला: कागजों पर बना दिए सड़क-शौचालय, इन पर गिरी गाज

ब्लाक कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बन गए हैं। सडक बनती नहीं, शौचालय बनते नहीं, बनते भी हैं तो कागज पर। कागज पर ही निर्माण सामग्री की खरीद भुगतान, श्रमिकों को भुगतान कर दिया जाता है, धरातल पर सब गडबड। यह मामले परसेंडी ब्लाक के हैं।

Update: 2020-11-27 14:40 GMT
कागजों पर सड़क-शौचालय, लाखों का घोटाला, बीडीओ-जेई पर गिरी गाज, सचिव भी सस्पेंड

सीतापुर: ब्लाक कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बन गए हैं। सडक बनती नहीं, शौचालय बनते नहीं, बनते भी हैं तो कागज पर। कागज पर ही निर्माण सामग्री की खरीद भुगतान, श्रमिकों को भुगतान कर दिया जाता है, धरातल पर सब गडबड। यह मामले परसेंडी ब्लाक के हैं। शिकायतें हुईं, जांच हुई। जांच में घोटाला उजागर हुआ।

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शासन स्तर से कार्रवाई का निर्णय किया गया। बीडीओ और जेई को निलंबित कर केस दर्ज करने का ओदश हुआ है। इसी ब्लाक में एक और सडक निर्माण में घोटाला हुआ। ब्लाक प्रमुख ने जांच कराई तो उजागर हुआ। दो कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। उधर रेउसा इलाके में शौचालय निर्माण में घोटाला उजागर होने पर ग्राम पंचायत अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है।

बीडीओ और जेई ने मिलकर किया था घपला

कुछ माह पूर्व परसेंडी ब्लाक की बीडीओ रचना गुप्ता और जेई पुष्पेंद्र वर्मा ने मिलकर सडकों का निर्माण कागजों पर करते हुए कई लाख का घोटाला किया था। ब्लाक प्रमुख रंभा सिंह की शिकायत पर शासन स्तर तकनीकी टीम भेज कर जांच कराई गई थी। जांच टीम की रिपोर्ट पर ही सबसे पहले बीडीओ और जेई को निलंबित कर दिया गया था। रिपोर्ट के तहत बारीकी से और जांच कराई गई। पाया गया कि दोनों सरकारी कर्मचारियों ने भ्रष्टाचार की हदें पार कर दीं। इधर डीएम विशाल भारद्वाज ने भी शासन को रिपोर्ट भेजकर सच्चाई से अवगत करा दिया।

चार दिन पूर्व ही शासन से कठोर कार्रवाई करने का निर्णय किया गया। जिसके तहत बीडीओ और जेई के खिलाफ केस दर्ज कर गबन की गई धनराशि की वसूली करने का आदेश दिया गया है। सीडीओ संदीप कुमार ने वर्तमाल बीडीओ को गोपनीय पत्र भेज कर शासन के निर्णय अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। जिसके तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

ब्लाक प्रमुख ने पकडा नौ लाख का घपला

परसेंडी ब्लाक प्रमुख रंभा सिंह ने भी भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है। आम तौर पर ब्लाक प्रमुख भ्रष्टाचा के मामलों में समझौता कर पर्दा डाल देता है लेकिन रंभा सिंह ने सच्चाई उजागर सरकारी कर्मचारियों को कटघरे में खडा कर दिया है। दरअसल, हरिहरपुर गांव से मूसे पुर गांव तक सडक निर्माण होना था। जिसमें मनरेगा की धनराशि भी खर्च होनी थी। मौका पाते ही मनरेगा कर्मचारियों ने ही एमबी बनाने में खेल कर करीब साढे नौ लाख का घोटाला कर दिया। इस मामले में प्रमुख ने प्रारंभिक पडताल कर खुद ही घपला पकडा।

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उन्होंने बीडीओ को पत्र भेज कर जांच कराकर कार्रवाई का निर्देश दिया। बीडीओ ने जांच कराई तो घोटाला उजागर हो गया। पाया गया कि ग्राम पंचायत सचिव ओम प्रकाश और तकनीकी सहायक रितुराज वर्मा ने मिलकर गडबड किया है। कागज पर ही जाब काड धारकों को भुगतान किया गया और कागज पर ईंट का इस्तेमाल किया गया। कुल घोटाला नौ लाख 23 हजार का पाया गया। बीडीओ ने दोनों कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तूति कर दी है। उधर रेउसा ब्लाक में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी रोहित जोशी को शौचालय निर्माण करने में घपला करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।

रिपोर्ट: पुतान सिंह

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