नोएडा: सेक्टर-126 स्थित मयूर पब्लिक स्कूल के निमार्णाधीन लेंटर गिरने से 25 मजदूर दब गए। आनन-फानन में 14 मजदूरों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना में एक मजदूर की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य को सही सलामत बाहर निकाल लिया गया। इनमें से अधिकांश को हल्की चोटें लगी हैं। वहीं, अब भी छह मजदूर लापता हैं। इनकी तलाश के लिए प्रशासनिक महकमा जुटा है।
मयूर पब्लिक स्कूल में स्पोर्टस काम्प्लेक्स है। इसके प्रथम तल पर लेंटर डालने का काम चल रहा था। टीन शेड के बाद यहां बेल्डिंग की जा रही थी। दोपहर करीब एक बजे अचानक पूरा लेंटर सरियों से साथ भरभरा कर नीचे गिर गया। ऊंचाई से गिरने व नीचे काम कर रहे मजदूर इसमें दब गए। सूचना मिलते ही मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल के साथ प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे। मलबे को हटाने का काम निरंतर जारी है। बता दें कि जिस जगह पर काम चल रहा था उसके नीचे स्वीमिंग पुल थी। घटना के वक़्त स्कूल के बच्चे अपनी क्लास में थे। घटना के बाद से ठेकेदार सहित कंस्ट्रक्शन कंपनी के अधिकारी फरार हैं।
14 मजदूरों का निजी अस्पतालों में चल रहा इलाज
घटना के तुरंत बाद मलबे को हटाया गया। मलबे में दबे 14 मजदूरों को तुरंत नजदीक के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। जिसमें जेपी अस्पताल में भर्ती मजदूर की मौत हो गई। काम करने वालों में पांच प्लंबर भी हैं जिन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया। वहीं, वेल्डिंग का काम करने वाले जावेद, नजीम, जावेद व एक अज्ञात को अभी तक नहीं निकाला जा सका है।
आगे की स्लाइड में पढ़ें पूरी खबर ...
शोबिंग इंजीनियर को मिला था ठेका
सेक्टर-09 स्थित शोबिंग इंजीनियर एंड इंटीरियर डेकोरेटर को टेंडर दिया गया था। कंपनी द्वारा इस काम के लिए ठेकेदार राजीव गुप्ता को निर्माण की जिम्मेदारी दी गई थी। वहीं, सुपरवाइजर बाबू खान मजदूरों को लाने का काम करता था। शुक्रवार को बाबू खान ही 16 मजदूरों को लेबर चौक से लेकर आया था। इन सभी मजदूरों को दिन के हिसाब से 350 रुपए की दिहाड़ी दी जानी थी। फिलहाल, ये मजदूर जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे है। वहीं, ठेकेदार मौके से फरार है।
मौके पर पहुंचे आला अधिकारी
घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर एसएसपी, जिलाधिकारी, सिटी मजिस्ट्रेट, श्रमायुक्त के अलावा तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। वहीं, मलबा हटाने के लिए छह क्रेन, दो फायर बिग्रेड गाड़ियों के अलावा डॉक्टरों के एक दल को लगाया गया है।
सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपी गई जांच
जिला अधिकारी बीएन सिंह ने सिटी मजिस्ट्रेट को जांच सौंपी है। मजिस्ट्रेट को आदेश दिए गए हैं कि चार सप्ताह के अंदर पूरे मामले की जांच रिपोर्ट तैयार की जाए। साथ ही दोषियों की गिरफ्तारी की जाए।