सुल्तानपुर: नवरात्र के पर्व पर जगह-जगह पूजा-अर्चना और भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। लेकिन यहां जयसिंहपुर के कारी बहार जासापारा में सैकड़ों वर्ष पुराने मंदिर पर भंडारे के आयोजन पर एसडीएम ने रोक लगा दिया। स्थानीय लोग अब एसडीएम के इस आदेश को तुगलकी फरमान बता रहे है। प्रदेश में योगी सरकार के होते हुए इस तरह की रोक से लोगों में खासा नाराजगी है।
ये है पूरा मामला
सुल्तानपुर जिले के गोसाईगंज थाना क्षेत्र के कारी बहार गांव में आस्था के साथ गांव के लोग यहां सैंकड़ों वर्ष पूर्व स्थापित हुए मरी माता के ब्रह्म स्थान को पूजते चले आ रहे हैं। इसी जगह पर लोग पूजा-अर्चना व जल चढ़ाया करते थे।
आरोप है कि लेखपाल सूर्यनारायण पाठक ने एसडीएम जयसिंहपुर राजेश कुमार सिंह को गुमराह करते हुए रिपोर्ट पेश की। एसडीएम ने इस रिपोर्ट के आधार पर फरमान जारी कर दिया कि इस देव स्थान पर कोई पूजा-अर्चना नहीं की जाएगी। जल नही चढ़ाया जाएगा।
इस आदेश के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए। आरोप है कि लेखपाल दबंगई के बल पर कब्जा करने की नियत से मौके की जमीन को हथियाना चाहते हैं और प्रशासन उनका साथ दे रहा है।
लेकिन अपने रसूक के चलते लेखपाल ने यहां तक कह डाला कि कि किसी में दम नहीं है कि यहां पर भंडारा करवा ले और जल चढ़वा ले। यह बात उपजिला अधिकारी जयसिंहपुर को नागवार गुजरी तो उन्होंने तुगलकी फरमान जारी कर दिया कि कोई भी उस जगह पर जल चढ़ाने वह पूजा पाठ करने नहीं जाएगा। जिसको लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश है।
जब इसकी जानकारी मीडिया कर्मियों को लगी तो मीडिया कर्मी ने प्रधान का पक्ष जाना, प्रधान ने कहा की लेखपाल की नियत खराब है और लेखपाल चाहता है की ब्रह्म स्थान से लेकर मरीमाता तक मेरा ही कब्जा हो।
इस संबंध में जब फोन पर एसडीएम जयसिंहपुर से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि उक्त जगह विवादित है। शांति व्यवस्था बनाने के लिए हम ने मना किया था।
उधर गोसाईगंज एसओ कुंवर बहादुर सिंह द्वारा बकायदा पुलिस फोर्स भेज कर भंडारे को रुकवाने की नाकाम कोशिश की गई। लेकिन ग्रामीणों के आक्रोश के चलते देवस्थान पर पूजा-पाठ करवा कर भंडारे को सकुशल संपन्न कराया गया।
ये भी पढ़ें...सुल्तानपुर : स्वराज आंदोलन के दौरान बापू को सुना था यहां के लोगों ने