Shamli News: शामली से गिरफ्तार ISI एजेंट कलीम केस NIA को ट्रांसफर, 5 सदस्यीय टीम करेगी मामले की जांच
Shamli News: अभी तक कलीम की जांच यूपी एसटीएफ कर रही थी। लेकिन पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी और अन्य पाक आतंकी संगठनों की भूमिका सामने आने के बाद मामला एनआईए को ट्रांसफर करने की अटकलें लगने थी। आखिरकार मामले की गंभीरता को देखते हुए केस को संघीय जांच एजेंसी को सौंप दिया गया है।
Shamli News: पिछले दिनों शामली से गिरफ्तार आईएसआई एजेंट कलीम का मामला संघीय जांच एजेंसी एनआईए को ट्रांसफर कर दिया गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी की 5 सदस्यीय टीम अब इस मामले की तहकीकात करेगी। पाक खुफिया एजेंसी के एजेंट के तौर पर काम करने वाला कलीम फिलहाल मुजफ्फरनगर की जेल में बंद है। जांच एजेंसी उसे रिमांड पर लेने के लिए जल्द ही उसे लखनऊ स्थित एनआईए कोर्ट में पेश कर सकती है।
दरअसल, अभी तक कलीम की जांच यूपी एसटीएफ कर रही थी। लेकिन पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी और अन्य पाक आतंकी संगठनों की भूमिका सामने आने के बाद मामला एनआईए को ट्रांसफर करने की अटकलें लगने थी। आखिरकार मामले की गंभीरता को देखते हुए केस को संघीय जांच एजेंसी को सौंप दिया गया है। एनआईए को इस तरह के मामलों की जांच में महारत हासिल है।
16 अगस्त को गिरफ्तार हुआ था कलीम
मेरठ एसटीएफ ने खुफिया इनपुट के आधार पर कलीम को 16 अगस्त को शामली के मोमनपुरा गांव से गिरफ्तार किया था। एसटीएफ ने उसके पास से आर्मी के जवानों और राफेल की फोटो और कुछ अखबारों की कटिंग बरामद की थी। उसके पास से एक फेक मोबाइल नंबर भी मिला। जांच में वह नंबर आईएसआई का हैंडलर आतंकी दिलशाल के नाम पर निकला।
उससे पूछताछ में पता चला कि वह सैन्य और अन्य संवेदनशील ठिकानों की तस्वीरें सीमा पार बैठे अपने आकाओं को भेजा करता था और साथ ही लोगों को जिहाद के लिए भड़काता था। उन्हें भारत में कट्टर शरिया कानून लागू करवाने की मुहिम में शामिल होने के लिए प्रेरित करता था।
एसटीएफ के सामने कलीम का कबूलनामा
स्पेशल टास्ट फोर्स (एसटीएफ) ने बताया कि आईएसआई एजेंट कलीम ने पूछताछ में अपने गुनाह कबूल करते हुए कई राज उगले हैं। उसने बताया कि वह पाकिस्तान में रह रही अपनी बुआ के यहां आता-जाता रहता था। इसी दौरान वहां उसकी दोस्ती कुछ आईएसआई हैंडलरों से हुई। जिन्होंने इसे भारत से आईएसआई एजेंट के तौर पर काम करने का प्रस्ताव दिया, बदले में उसे खूब पैसे देने का लालच दिया गया।
बकौल कलीम उन्होंने मुझे पैसे, हथियार और गोला-बारूद देने की बात कही। आईएसआई के हैंडलरों ने उसे इन हथियारों के तौर पर भारत के अलग-अलग शहरों में दंगा और हिंसा फैलाने का टास्क सौंपा। जिससे भारत में शरीयत कानून के तहत नए सिस्टम की स्थापना हो सके और हिंदुस्तान एक इस्लामिक राष्ट्र बन जाए।
पाक जेल से रिहा होकर आया था भारत
शामली जिले का रहने वाला कलीम 12 अगस्त को ही पाकिस्तान से भारत लौटा था। वह अपनी मां और पिता नफीस के साथ पाकिस्तान की जेल से रिहा होकर लौटा था। अवैध पिस्टल रखने के आरोप में ये लोग 23 जुलाई 2022 से वहां की जेल में बंद थे। कलीम का एक और भाई तस्लीम अभी भी वहां की जेल में बंद है। उस पर जाली करेंसी और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।
वेस्ट यूपी में आईएसआई काफी एक्टिव
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को लगातार इनपुट मिल रहे हैं कि पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई वेस्ट यूपी के मुस्लिम बहुल जिलों में खासी एक्टिव है। इनके निशाने पर यहां के गरीब और बेरोजगार मुस्लिम युवा हैं, जिन्हें वे अपने जाल में फंसाकर जासूसी का करवाना चाहता है। आईबी और एसटीएफ की टीमें ऐसे लोगों के धरपकड़ के लिए लगातार छापेमारी कर रही है।