मौलाना कल्बे सादिक निधन पर उमड़ा जनसैलाब, अंतिम दर्शन में लाखों लोग

मौलाना कल्बे सादिक हिंदुस्तान के मशहूर इल्मी मजहबी खानदान-ए-इत्तेहाद के मशहूर मारूफ आलिम थे। जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी मिल्लत की तालीमी पसमन्दगी दूर करने के लिए खपा दी।

Update: 2020-11-25 11:44 GMT
मौलाना कल्बे सादिक निधन पर जानसैलाब, अंतिम दर्शन में लाखों लोग

लखनऊ: वरिष्ठ शिया धर्मगुरु और मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना कल्बे सादिक का मंगलवार को निधन हो गया है। पिछले दिनों कल्बे सादिक को निमोनिया हो गया था जिसकी वजह से उनका स्वास्थ्य ख़राब हो गया था। वह सांस लेने में दिक्कत समेत कई बीमारियों की शिकायत के चलते लंबे अरसे से एरा मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती थे।

मौलाना कल्बे सादिक मशहूर मारूफ आलिम थे

बता दें कि मौलाना कल्बे सादिक हिंदुस्तान के मशहूर इल्मी मजहबी खानदान-ए-इत्तेहाद के मशहूर मारूफ आलिम थे। जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी मिल्लत की तालीमी पसमन्दगी दूर करने के लिए खपा दी। हर तकरीर और हर मजलिस में अशिक्षा के खिलाफ लड़ने के लिए लोगों को प्रेरित किया।

 

मौलाना कल्बे सादिक निधन पर जानसैलाब, अंतिम दर्शन में लाखों लोग-photo by ashutosh tripathi (newstrack.com)

 

उन्होंने केवल जुबान से ही यह काम नहीं किया बल्कि इसके लिए कई काम भी किए। उन्होंने वर्ष 1984 में तौहीदुल मुस्लेमीन ट्रस्ट कायम किया जिसकी मदद से न जाने कितने बच्चे बच्चियां पढ़ कर कामयाब जिंदगी गुजार रहे हैं।

 

मौलाना कल्बे सादिक निधन पर जानसैलाब, अंतिम दर्शन में लाखों लोग-photo by ashutosh tripathi (newstrack.com)

 

लखनऊ में अंग्रेजी माध्यम का यूनिटी कालेज कायम किया और दूसरी पाली में बिल्कुल मुफ्त शिक्षा के लिये मिशन स्कूल बनाया। तकनीकी कोर्सेज के लिये इंडस्ट्रियल स्कूल बनाया और लखनऊ के काजमैन में एक चैरिटेबल अस्पताल भी स्थापित किया।

 

मौलाना कल्बे सादिक निधन पर जानसैलाब, अंतिम दर्शन में लाखों लोग-photo by ashutosh tripathi (newstrack.com)

 

उन्होंने हिन्दू-मुस्लिम व शिया-सुन्नी एकता के लिये हमेशा कोशिश की और हर धर्म व फिरके में इज्जत और शोहरत हासिल की। उन्हें सादगी, अखलाक, खिदमत और लोगों के हमदर्द के तौर पर जाना जाता है।

 

मौलाना कल्बे सादिक निधन पर जानसैलाब, अंतिम दर्शन में लाखों लोग-photo by ashutosh tripathi (newstrack.com)

 

मौलाना कल्बे सादिक की अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में मुस्लिम धर्म के शिया समुदाय सहित हर धर्म के लोग पहुंचे। हुसैनाबाद स्थित यूनिटी कॉलेज में शियों द्वारा नमाए-ए-जनाजा की गई। घंटा घर पर सुन्नी समुदाय के लोगों द्वारा नमाज पढ़ी गई। लोगों की भारी भीड़ को देखते हुए पुराने लखनऊ के कई रूट पर यातायात डायवर्जन किया गया है।

 

मौलाना कल्बे सादिक निधन पर जानसैलाब, अंतिम दर्शन में लाखों लोग-photo by ashutosh tripathi (newstrack.com)

 

एक बात गौर करने वाली यह है कि लखनऊ के इतिहास में दूसरी बार एक जनाज़े की दो-दो नमाज़ पढ़ी गयी। बताया जा रहा है कि छोटा इमामबाड़ा होते हुए चौक स्तिथ इमामबाड़ा गुफरान माब में मौलाना कल्बे सादिक के जनाजे को दफ्न किया जायेगा।

फोटो जर्नलिस्ट- आशुतोष त्रिपठी, न्यूजट्रैक

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