बिना भीड़भाड़ के वर्षों बाद रामलला नए आसान पर हुए विराजमान, CM योगी रहे मौजूद
श्रीरामलला आज बुधवार को नवरात्रि के पहले दिन अस्थायी फाइबर मंदिर में शिफ्ट हो गए। रामलला की शिफ्टिंग के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। आज सुबह 3 बजे रामजन्मभूमि परिसर में स्थित गर्भगृह में रामलला को स्नान और पूजा-अर्चना के बाद अस्थायी मंदिर में शिफ्ट कर दिया गया।
अयोध्या:भगवान श्रीरामलला आज बुधवार को नवरात्रि के पहले दिन अस्थायी फाइबर मंदिर में शिफ्ट हो गए। रामलला की शिफ्टिंग के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। आज सुबह 3 बजे रामजन्मभूमि परिसर में स्थित गर्भगृह में रामलला को स्नान और पूजा-अर्चना के बाद अस्थायी मंदिर में शिफ्ट कर दिया गया। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है।
इसमें श्रीराम जन्मभूमि परिसर में रामलला को फाइबर के नए मंदिर में विराजमान है। भगवान राम को अस्थायी मंदिर में शिफ्ट करने का अनुष्ठान सोमवार से ही शुरु हो गया था।उस दौरान रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास, ट्रस्ट के सदस्य राजा बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, सदस्य अनिल मिश्रा, ट्रस्ट के महासचिव चपंत राय, दिगंबर अखाड़े के महंत सुरेश दास, अवनीस अवस्थी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद थे।
11 लाख का चेक भी
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नए आसन पर शिफ्ट
मंत्रोच्चार के साथ गर्भ गृह से रामलला को उनके तीनों भाइयों और सालिकराम के विग्रह के साथ अस्थायी नए आसन पर शिफ्ट किया गया और नए मंदिर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरती की। अयोध्या में बुधवार को रामलला को चांदी के सिंहासन पर विराजमान किया गया. अब इसके बाद मूल गर्भगृह पर राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होगा. भगवान श्री रामलला का चांदी का यह सिंहासन 9.5 किलोग्राम का है।
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जयपुर के कारीगर
चांदी का यह सिंहासन जयपुर के कारीगरों ने बनाया है। चांदी के सिहासन के पृष्ठ पर सूर्य देव की आकृति और दो मोर उत्कीर्ण किए गए हैं। रामलला इसी आकर्षक सिहासन पर विराजमान हुए।मौजूदा समय में मूल गर्भगृह के अस्थायी मंडप में रामलला लकड़ी के सिहासन पर विराजित हैं। राजा विमलेंद्र मोहन मिश्र यह सिंहासन लेकर अयोध्या आए. उन्होंने यह सिंहासन ट्रस्ट को समर्पित कर दिया। ससे पहले अयोध्या में रामलला को वैकल्पिक नए मंदिर में शिफ्ट करने के लिए होने वाले अनुष्ठान को कराने के लिए प्रसिद्ध वैदिक आचार्य डॉक्टर कृति कांत शर्मा ने अनुष्ठान और भूमि के शुद्धिकरण का काम सोमवार से शुरू कर दिया।