24 घंटे में दो शिक्षा मित्रों की मौत, DM ने की अपील- 'आत्महत्या जैसे कदम ना उठाएं'
शिक्षा मित्रों के समायोजन को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत के 48 घंटे पहले आए फैसले के बाद यूपी के अमेठी में एक के बाद एक दो शिक्षा मित्रों की मौत का मामला सामने आया है। गुरुवार (27 जुलाई )को एक दिव्यांग शिक्षा मित्र ने जहर खा लिया। इस हादसे के बाद से
अमेठी: शिक्षा मित्रों के समायोजन को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत के 48 घंटे पहले आए फैसले के बाद यूपी के अमेठी में एक के बाद एक दो शिक्षा मित्रों की मौत का मामला सामने आया है। गुरुवार (27 जुलाई )को एक दिव्यांग शिक्षा मित्र ने जहर खा लिया। इस हादसे के बाद से पूरे इलाके में कोहराम मचा हुआ है। आपको बता दें कि बुधवार को ब्लाक संग्रामपुर में भी एक शिक्षिका की हार्ट अटैक से मौत हुई थी।
क्या है पूरा मामला?
- ग्राम सभा कटारी के प्राथामिक विद्यालय हरदासपुर में समायोजित दिव्यांग सहायक अध्यापक महेश कुमार ने देर रात जहर खा लिया।
- इसके बाद उसने घर से दूर नाले में जाकर छलांग लगाकर जान दे दी।
- सुबह जब परिजनों ने उसे लापता पाया तो तलाश शुरु हुई और कुछ देर बाद हादसे की खबर मिली।
- उसने मरने से पहले एक नोट लिखा था जिसमे लिखा था कि वो जिंदगी से तंग आकर ये बड़ा कदम उठा रहा है.उसके पास और कोई चारा नहीं है।
- मामले की सूचना पाकर डायल 100 की टीम मौके पर पहुंच गई। घंटों की मशक्कत के बाद उसका शव निकाला जा सका।
अप्रैल 2017 में हुई थी शादी
- महेश 5 भाईयों में चौथे नंबर पर था। 9 अप्रैल 2017 को उसकी शादी रामगंज निवासी दीपमाला के साथ हुई थी।
- सूत्रों की मानें तो अब दीपमाला गर्भ से है। उधर इस तरह आकस्मिक मौत के बाद से घर में कोहराम मचा हुआ है।
-यहां बता दें कि जामो ब्लाक के बीआरसी के अनुसार महेश की नियुक्ति वर्ष 2005 में शिक्षा मित्र के रूप में हुई थी और वर्ष 2014 में सहायक अध्यापक के रूप में उसका समायोजन हुआ था।
डीएम ने की शिक्षा मित्रों से अपील संयम से काम लें
बुधवार( 26 जुलाई ) को संग्रामपुर ब्लाक में समायोजित सहायक अध्यापिका सरोजनी शुक्ला की हार्ट अटैक से मौत हुई थी। और अब समायोजित अध्यापक महेश ने सुसाइड कर लिया है। जिसको देखते हुए अमेठी के डीएम योगेश कुमार ने सभी शिक्षा मित्रों से अपील की के इस तरह का क़दम न उठाए। संयम से काम लेकर सरकार के सामने अपना पक्ष रखें या फिर माननीय न्यायालय के सामने एक बार फिर पेश हों और अपनी बात न्यायालय में कहें।