1 सीट पर रार, RLD-BJP गठबंधन की अटकलों पर बोले शिवपाल व डिंपल, जयंत चौधरी हैं हमारे साथ

RLD BJP Alliance: दरअसल, सपा के साथ आरएलडी का पेंच इस बात पर फंसा हुआ है, सपा कैराना, बिजनौर, मुजफ्फरनगर में प्रत्याशी अपना और निशान रालोद का रखने की शर्त रखी है, इस शर्त पर रालोद कैराना और बिजनौर पर तो जारी है, लेकिन मुजफ्फरनगर सीटे के लिए यह राजी नही है।

Report :  Viren Singh
Update: 2024-02-07 08:08 GMT

RLD BJP Alliance (सोशल मीडिया) 


राजनीति में पल भर में कब अपने खिलाफ हो जाएं, इसका बात का अनदेशा महेशा बना रहता है। यहां पर कुछ स्थायी नहीं है, सब कुछ पल पल में बदलता रहता है। इस बात को लेकर यूपी की राजनीतिक गलियारों में सर्द मौसम में गर्मी तेज हो गई है, जब यह खबर सामने आई है कि प्रदेश में समाजवादी पार्टी के सहयोगी दल और इंडिया गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय लोकदल की नजदीकियां भाजपा से बढ़ रही हैं। इस खबर से यूपी की राजनीतिक गलियारों में भूचाल गया है। कुछ ही दिन पहले यूपी की 80 लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर सपा और आएलडी की बीच सहमति बनी थी, लेकिन अब सब कुछ बदलता हुआ नजर आ रहा है। हालांकि अभी इस मुद्दे पर आरएलडी के प्रमुख जंयत चौधरी की ओर से कोई आधिकारिक बयान समाने नहीं आया है, लेकिन गठबंधन में दरार की खबरों का बाजार गर्म है।

किस के साथ जाएगा रालोद, फैसला के पास जंयत चौधरी

लोकसभा चुनाव में यूपी में आरएलडी दल इंडिया गठबंधन के साथ कह कर चुनाव लड़ेगा या फिर भाजपा के साथ इंडिया गठबंधन का मुकाबला करता हुआ दिखाई देगा, इस पर फैसला राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख जयंत चौधरी को लेना है, लेकिन आरएलडी के एक धड़ भाजपा के साथ जाने की वकालत कर रहा है। अब देखना यह होगा कि आखिर आरएलडी किस साथ लोकसभा चुनाव की नैया में सवार होगा। इस बीच, समाजवादी पार्टी के महासचिव शिवपाल यादव ने गुरुवार को विधानसभा बजट सत्र की कार्यवाही में शामिल होने से पहले मीडिया से बात करते हुए दावा किया कि जयंत चौधरी हमारे साथ हैं।

आरएलडी पर फर्जी अफवाह चल रही बीजेपी

सपा नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कहा कि आरएलडी की गठबंधन की फर्जी अफवाह बीजेपी चला रही है. इसमें कोई सच्चाई नहीं है. आरएलडी हमारे साथ है और आगे चुनाव में भी हमारे साथ ही रहेगी. हम लोग मिलकर चुनाव लड़ेंगे और बीजेपी यूपी में सभी 80 सीटों पर धूल चटाएंगे।

राम मंदिर के दर्शन पर शिवपाल बोले

सपा विधायकों को राम मंदिर दर्शन करने पर भी शिवपाल यादव ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सपा के विधायक अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन करने नहीं जा रहे हैं। 11 फरवरी को दर्शन करने जाने का कोई विशेष महत्व नहीं है। हमे राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण मिला था, हम नहीं गए। आगे हम अपनी सुविधा के अनुसार रामलला के दर्शन करेंगे। फिलहाल 11 फरवरी को सपा के विधायकों का मंडल राम मंदिर के दर्शन करने नहीं जा रहा है।

भाजपा बिना कोई शर्त के पांच सीटें की पेश

वैसे तो यूपी में समाजवादी पार्टी के सहयोग दल आरएलडी के बीच लोकसभा चुनाव की सीटों के बंटवारे को लेकर गठबंधन हो चुका है, लेकिन कुछ सीटों के शर्तों पर रार दिखाई दे रही है। यूपी की 80 सीटों में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरएलडी को 7 सीटें दी थीं, जिसमें पांच सीटें बागपत, मुजफ्फरनगर, कैराना, मथुरा और हाथरस में आरएलडी का उम्मीदवार उतरेगा, जबकि मेरठ, बिजनौर, अमरोहा, नगीना और फतेहपुर सीकरी में से दो सीटों में कौन सी सीट आरएलडी को दी जाए, इस पर सपा में संयश बना हुआ है। वहीं, इस बीच भाजपा ने बिना किसी शर्त के आरएलडी को 5 सीटें पेशकश की हैं, जो कि जंयत चौधरी की मनपंसद सीट है और यह सीट कैराना, बागपात, अमरोहा, मुथरा और मुजफ्फरनगर हैं।

इस सीट पर फंसा पेंच

दरअसल सपा के साथ आरएलडी का पेंच इस बात पर फंसा हुआ है, सपा कैराना, बिजनौर, मुजफ्फरनगर में प्रत्याशी अपना और निशान रालोद का रखने की शर्त रखी है, इस शर्त पर रालोद कैराना और बिजनौर पर तो जारी है, लेकिन मुजफ्फरनगर सीटे के लिए यह राजी नही है। ऐसे में अगर यह पेंच जल्दी नहीं सुलझा तो शायद सपा के साथ रालोद की राहें अलग हो सकती हैं, क्योंकि भाजपा का एक धड़ आरएलडी को अपने पक्ष में लाने की मूड है, ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अबकी बार 400 सीट पर सपने को साकार किया जा सके। मुजफ्फरनगर सीट भाजपा रालोक को देना चाह रही है।

उन्हें पता यहां कुछ नहीं मिलेगा

आरएलडी से गठबंधन पर योगी सरकार में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि उन्हें मालूम है कि उन्हें कुछ नहीं मिलने वाला है। हमने पहले ही कहा था कि उनके जो सरगना है वह आज कहा आ गए। इस बार सभी 80 सीटें भाजपा जीतने वाली है।

किसानों के समर्थन में हमेशा खड़ी रही आरएलडी

राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के साथ बीजेपी की नजदीकियों पर सपा सांसद डिंपल यादव में दिल्ली में मीडिया से कहा कि कुछ अफवाहें चल रही हैं, लेकिन आरएलडी हमेशा किसानों के समर्थन में खड़ी रही है, इसलिए मुझे नहीं लगता कि जयंत चौधरी ऐसा कोई कदम उठाएंगे क्योंकि वह भी एक नेता हैं और राज्यसभा सदस्य भी हैं।

RLD BJP Alliance: राजनीति में पल भर में कब अपने खिलाफ हो जाएं, इसका बात का अनदेशा महेशा बना रहता है। यहां पर कुछ स्थायी नहीं है, सब कुछ पल पल में बदलता रहता है। इस बात को लेकर यूपी की राजनीतिक गलियारों में सर्द मौसम में गर्मी तेज हो गई है, जब यह खबर सामने आई है कि प्रदेश में समाजवादी पार्टी के सहयोगी दल और इंडिया गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय लोकदल की नजदीकियां भाजपा से बढ़ रही हैं। इस खबर से यूपी की राजनीतिक गलियारों में भूचाल गया है। कुछ ही दिन पहले यूपी की 80 लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर सपा और आएलडी की बीच सहमति बनी थी, लेकिन अब सब कुछ बदलता हुआ नजर आ रहा है। हालांकि अभी इस मुद्दे पर आरएलडी के प्रमुख जंयत चौधरी की ओर से कोई आधिकारिक बयान समाने नहीं आया है, लेकिन गठबंधन में दरार की खबरों का बाजार गर्म है।

किस के साथ जाएगा रालोद, फैसला के पास जंयत चौधरी

लोकसभा चुनाव में यूपी में आरएलडी दल इंडिया गठबंधन के साथ कह कर चुनाव लड़ेगा या फिर भाजपा के साथ इंडिया गठबंधन का मुकाबला करता हुआ दिखाई देगा, इस पर फैसला राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख जयंत चौधरी को लेना है, लेकिन आरएलडी के एक धड़ भाजपा के साथ जाने की वकालत कर रहा है। अब देखना यह होगा कि आखिर आरएलडी किस साथ लोकसभा चुनाव की नैया में सवार होगा। इस बीच, समाजवादी पार्टी के महासचिव शिवपाल यादव ने गुरुवार को विधानसभा बजट सत्र की कार्यवाही में शामिल होने से पहले मीडिया से बात करते हुए दावा किया कि जयंत चौधरी हमारे साथ हैं।

आरएलडी पर फर्जी अफवाह चल रही बीजेपी

सपा नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कहा कि आरएलडी की गठबंधन की फर्जी अफवाह बीजेपी चला रही है. इसमें कोई सच्चाई नहीं है। आरएलडी हमारे साथ है और आगे चुनाव में भी हमारे साथ ही रहेगी. हम लोग मिलकर चुनाव लड़ेंगे और बीजेपी यूपी में सभी 80 सीटों पर धूल चटाएंगे।

भाजपा बिना कोई शर्त के पांच सीटें की पेश

वैसे तो यूपी में समाजवादी पार्टी के सहयोग दल आरएलडी के बीच लोकसभा चुनाव की सीटों के बंटवारे को लेकर गठबंधन हो चुका है, लेकिन कुछ सीटों के शर्तों पर रार दिखाई दे रही है। यूपी की 80 सीटों में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरएलडी को 7 सीटें दी थीं, जिसमें पांच सीटें बागपत, मुजफ्फरनगर, कैराना, मथुरा और हाथरस में आरएलडी का उम्मीदवार उतरेगा, जबकि मेरठ, बिजनौर, अमरोहा, नगीना और फतेहपुर सीकरी में से दो सीटों में कौन सी सीट आरएलडी को दी जाए, इस पर सपा में संयश बना हुआ है। वहीं, इस बीच भाजपा ने बिना किसी शर्त के आरएलडी को 5 सीटें पेशकश की हैं, जो कि जंयत चौधरी की मनपंसद सीट है और यह सीट कैराना, बागपात, अमरोहा, मुथरा और मुजफ्फरनगर हैं।

इस सीट पर फंसा पेंच

दरअसल, सपा के साथ आरएलडी का पेंच इस बात पर फंसा हुआ है, सपा कैराना, बिजनौर, मुजफ्फरनगर में प्रत्याशी अपना और निशान रालोद का रखने की शर्त रखी है, इस शर्त पर रालोद कैराना और बिजनौर पर तो जारी है, लेकिन मुजफ्फरनगर सीटे के लिए यह राजी नही है। ऐसे में अगर यह पेंच जल्दी नहीं सुलझा तो शायद सपा के साथ रालोद की राहें अलग हो सकती हैं, क्योंकि भाजपा का एक धड़ आरएलडी को अपने पक्ष में लाने की मूड है, ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अबकी बार 400 सीट पर सपने को साकार किया जा सके। मुजफ्फरनगर सीट भाजपा रालोक को देना चाह रही है।

उन्हें पता यहां कुछ नहीं मिलेगा

आरएलडी से गठबंधन पर योगी सरकार में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि उन्हें मालूम है कि उन्हें कुछ नहीं मिलने वाला है। हमने पहले ही कहा था कि उनके जो सरगना है वह आज कहा आ गए। इस बार सभी 80 सीटें भाजपा जीतने वाली है।

किसानों के समर्थन में हमेशा खड़ी रही आरएलडी

राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के साथ बीजेपी की नजदीकियों पर सपा सांसद डिंपल यादव में दिल्ली में मीडिया से कहा कि कुछ अफवाहें चल रही हैं, लेकिन आरएलडी हमेशा किसानों के समर्थन में खड़ी रही है, इसलिए मुझे नहीं लगता कि जयंत चौधरी ऐसा कोई कदम उठाएंगे क्योंकि वह भी एक नेता हैं और राज्यसभा सदस्य भी हैं।

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