Shravasti News: माघ पूर्णिमा पर मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, गुरुकुल में समरसता खिचड़ी भोज का हुआ आयोजन

Shravasti News: भारतीय संस्कृति में वैसे तो सभी बारह महीनों में कोई न कोई महत्वपूर्ण व्रत या त्यौहार होता है, लेकिन धार्मिक दृष्टि से माघ माह का विशेष स्थान है। मघा नक्षत्र होने के कारण इस माह का नाम माघ पड़ा।;

Update:2025-02-12 17:36 IST

devotees Crowd in temples on Magh Purnima Khichdi feast organized in Gurukul (Photo: Social Media)

Shravasti News: भारतीय संस्कृति में वैसे तो बारहों महीनों में कोई न कोई महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार होता है, लेकिन धार्मिक दृष्टि से माघ मास को विशेष स्थान प्राप्त है। मघा नक्षत्र से युक्त होने के कारण इस महीने का नाम का माघ नाम पड़ा। ऐसी मान्यता है कि इस मास में शीतल जल में डुबकी लगाने वाले पापमुक्त होकर स्वर्ग लोक जाते हैं।आज माघ पूर्णिमा के मौके पर जिले के सीता द्वार और जगपति माता मंदिर ,संत पथरी मंदिर, विभूति नाथ मंदिर समेत अन्य प्रमुख मंदिरों में सैकड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। जिले भर से सीता द्वार मंदिर पहुंचे श्रद्धालुओं ने पवित्र सीता द्वार झील में स्नान कर मंदिरों में दर्शन कर रहे हैं।

हिंदू धर्म में पूर्णिमा को बहुत शुभ माना जाता है

सीता माता मंदिर और बाल्मिकी मंदिर में दर्शन करने को लेकर लंबी कतार लगी रही है।आज रविदास जयंती होने से अवकाश होने के कारण सरकारी कर्मचारियों ने भी मंदिरों में पहुंचकर माता सीता समेत अन्य मंदिरों में पूजा पाठ किया और परिवार की सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगा। सीता द्वार मंदिर के महंत पंडित संतोष दास तिवारी ने बताया कि हिंदू धर्म में पूर्णिमा को बहुत शुभ माना जाता है। पूर्णिमा तिथि हर महीने आती है, लेकिन माघ महीने की पूर्णिमा का खास महत्व होता है। इसे माघी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, चंद्रदेव की आराधना करने का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पूजा-अर्चना और दान-पुण्य करने से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। वहीं, महाकुंभ के दौरान इस पूर्णिमा का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। लक्ष्मण बैराज स्थित जगपति माता मंदिर की महंत कुमारी रीता गिरि और कुमारी अंजनी गिरि ने बताया कि माघ पूर्णिमा माघ मास का अंतिम दिन होता है। इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्रदेव की पूजा करने का विशेष विधान है।

माघ पूर्णिमा पर श्रद्धालु उपवास रखते हैं

माघ पूर्णिमा पर श्रद्धालु उपवास रखते हैं और सत्यनारायण भगवान की कथा सुनते हैं। पुराणों में ऐसा माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करने और दान करने से व्यक्ति को जीवन के समस्त पापों से छुटकारा मिलता है। इसके साथ ही इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से संकटों से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि इस दिन देवी-देवता भी गंगा में स्नान करने के लिए धरती पर आते हैं। इसलिए, माघ पूर्णिमा को बेहद पवित्र और अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। इसके साथ ज्योतिष के अनुसार, जब चंद्रमा कर्क राशि में और सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब उस समय माघ पूर्णिमा पड़ती है।

गंगा स्नान को बहुत शुभ माना जाता

ज्योतिष के अनुसार, इस समय किया गया स्नान और दान विशेष फल देता है। इस दिन सच्चे भाव से पूजा-पाठ करने और पवित्र नदियों में डुबकी लगाने से सूर्य और चंद्रमा के दोषों से भी मुक्ति मिलती है। वहीं, ब्रह्मवैवर्त पुराण में कहा गया है कि इस दिन भगवान विष्णु गंगा जल में निवास करते हैं, इसलिए गंगा स्नान को बहुत शुभ माना जाता है। वहीं, जिले के गिलौला थाना क्षेत्र अन्तर्गत संत रविदाजी की जयंती पर श्री शुरभरती विद्या पीठ में गुरूकुल गिलौला में समरसता खिचड़ी भोज का आयोजन किया गया।

इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विभाग प्रचारक जी ,सरस्वती विद्या मंदिर के प्रदेश निरीक्षक मिथलेश जी ,संघ के श्रवण कुमार दूवे, विश्व हिंदू परिषद के संगठन मंत्री अजय जायसवाल , सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के प्राचार्य अशोक कुमार मिश्र, भाजपा मंडल के पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी, यज्ञराम मिश्र, दूध नाथ शुक्ला , भाजपा पूर्व जिला उपाध्यक्ष संतोष पाठक गुरूकुल के प्राचार्य गण व विश्व हिंदू परिषद के कार्य कर्ता गण उपस्थिति रहे।

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