Shravasti News: सीताद्वार मेले में शनिवार को दूसरे दिन भी श्रद्धालुओं की उमड़ी आस्था, महिलाओं ने जमकर की खरीदारी
Shravasti News: जगत जननी सीता माता के दर्शन व पूजन-अर्चन के लिए देर रात तक श्रद्धालुओं का कतार लगा रहा। लवकुश की जन्मस्थली सीताद्वार में लगने वाले मेले के प्रति लोगों का आकर्षण झलक रहा था।
Shravasti News: ऐतिहासिक एवं पौराणिक स्थल सीताद्वार मंदिर परिसर में लगने वाले तीन दिवसीय कार्तिक पूर्णिमा मेले में आज शनिवार को दूसरे दिन भी श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता रहा। दूर-दराज से आने वाले लोग दिन भर मेले का आनंद उठाते रहे हैं। झील में पौ फटते ही स्नानार्थियों की भीड़ जुटने लगी। जगत जननी सीता माता के दर्शन व पूजन-अर्चन के लिए देर रात तक श्रद्धालुओं का कतार लगा रहा। लवकुश की जन्मस्थली सीताद्वार में लगने वाले मेले के प्रति लोगों का आकर्षण झलक रहा था।
इसका इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि दूर शहरों में काम करने वाले क्षेत्र के लोग दीपावली पर्व पर भले ही घर न आएं ,लेकिन सीताद्वार मेला देखने जरूर आते हैं। शनिवार को भी मेलार्थियों की भारी भीड़ से मेला परिसर गुलजार रहा। मंदिर परिसर समेत घाट के आसपास भारी भीड़ देखी गई। पौराणिक झील में स्नान कर श्रद्धालुओं ने सीता माता मंदिर में पूजा-अर्चना किया। मेले में सजी दुकानों पर भी दिनभर भीड़ बनी रही। चाट स्टाल युवतियों से घिरे देखे गए। गुब्बारे की दुकानों पर बच्चों की भीड़ लगी रही। साथ ही महिलाओं ने श्रृंगार सामग्री व घरेलू सामानों के साथ खिलौनों व गुब्बारों की दुकानों पर जमकर खरीदारी की।
इस दौरान मेले का मुख्य आकर्षण झूला, काला जादू, मौत कुंआ व सीता वाटिका रही। बच्चों के साथ उनके परिवारीजन भी झूले का आनंद उठाते रहे। वहीं युवाओं ने काला जादू का लुत्फ उठाया तो महिलाओं ने सीता वाटिका की खूबसूरती को निहारा। यहीं नहीं झील में नौकायन का भी आनंद लोगों ने उठाया। मेले में किसानों ने कृषि यंत्रों की जमकर खरीददारी की। आस्था के सागर के बीच लवकुश पार्क में लगे फूल लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते रहे।
इसी क्रम में सीता माता मंदिर के निकट स्थित रामायण राचयिता वाल्मीकि आश्रम साधु-सन्यासियों से गुलजार रहा।इस दौरान साधु -सन्यासियों की संगत में दिन-भर भजन कीर्तन होता रहा है।इसी के साथ सीताद्वार मेले में नाच नौटंकी मनोरंजन का मुख्य आकर्षण होती है। यहां दिन-रात शौकीनों का जमावड़ा होता है, लेकिन पौराणिक स्थल पर आयोजित मेले में अश्लील नृत्य पर नियंत्रण के दृष्टिगत प्रशासन ने इस बार डांसपार्टी व नौटंकी कंपनियों को अपने पंडाल लगाने की इजाजत नहीं दी। इससे लोगों को इलेक्ट्रानिक झूले व कालाजादू से ही काम चलाना पड़ा।इसी प्रकार कार्तिक पूर्णिमा के आज दूसरे दिन जनपद के हरिहरपुर में लगने वाले मेले में भी खूब भीड़ उमड़ी है लोगों ने मेले में जमकर खरीददारी की। मिट्टी के बर्तन की दुकानों पर खासी भीड़ देखने को मिली। सीताद्वार मेले की सुरक्षा में
दूसरे दिन सुरक्षा के ज्यादा इंतजाम देखने को मिला। पूरा मेला सेक्टर व जोन में बंटा हुआ है। सभी सेक्टर पर जिला स्तरीय अधिकारियों की तैनाती है। वहीं शुक्रवार रात मेले की सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त रखने के लिए आला अधिकारी स्वयं कैंप कर रहे थे। इसके साथ ही दिन-रात ड्रोन कैमरे से मेला परिसर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की निगरानी की जा रही है। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से कैंप भी लगाया गया है। वहीं, सीताद्वार मेले में भारी भीड़ के कारण मेला क्षेत्र में वाहनों का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है। जिसके चलते करीब डेढ़ किलोमीटर मेलार्थियों को इकौना बहराइच मार्ग से पैदल जाना पड़ रहा है। वही मेले का हाल डीएम अजय कुमार द्विवेदी बराबर लेते रहे हैं