Shravasti News: अन्तर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस पर तहसील इकौना परिसर में विधिक जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन
Shravasti News: भारत समेत पूरी दुनिया में 20 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस मनाई जा रही है। इसके पीछे एक खास कारण है।बीजी लाइफस्टाइल, ऑफिस का स्ट्रेस, परिवार में होने वाली कलह आदि चीजों को लेकर लोगों में तनाव बढ़ता जा रहा है।;
International Day of Happiness 2025 organized Awareness Camps at Ikauna (Photo: Social Media)
Shravasti News: भारत समेत पूरी दुनिया में 20 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस मनाई जा रही है। इसके पीछे एक खास कारण है।बीजी लाइफस्टाइल, ऑफिस का स्ट्रेस, परिवार में होने वाली कलह आदि चीजों को लेकर लोगों में तनाव बढ़ता जा रहा है। हर व्यक्ति खुशी की तलाश में लगा रहता है, लेकिन तनाव और नकारात्मक चीजों के इर्द-गिर्द इतना घिर चुका है कि उन्हें खुश होने के लिए भी दो पल सुकून के निकालने पड़ते हैं। लेकिन, सिर्फ समाजिक रूप से ही नहीं शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी किसी भी व्यक्ति का खुश रहना बेहद जरूरी है। ऐसे में दुनिया भर में हर साल 20 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस मनाया जाता है। वृहस्पतिवार को अन्तर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में इकौना अधिवक्ता संघ सभागार में विधिक सचिव/एडीजे करूणा सिंह की अध्यक्षता में जागरूकता शिविर शाम को आयोजित हुआ।
अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस की शुरुआत भूटान ने की थी
सचिव करुणा सिंह ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय खुशी दिवस की शुरुआत भूटान ने की थी। भूटान एक ऐसा देश है जिसने न केवल अपने देश के आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित किया है, बल्कि 1970 से 'सकल राष्ट्रीय खुशी' को भी प्राथमिकता दी है। भूटान का मानना है कि एक खुशहाल समाज में मानसिक, शारीरिक और सामाजिक कल्याण की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2012 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रस्ताव 66/281 को स्वीकार किया था, जिसमें 20 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय खुशी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। इस दिवस का उद्देश्य लोगों में खुशी के महत्व को बढ़ावा देना और लोगों को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के महत्व को समझाना है।
इस दिवस को मनाने का उद्देश्य मानव जीवन में खुशी फैलाना और लोगों को सकारात्मक जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि खुशी केवल बाहरी चीजों पर ही निर्भर नहीं करती, बल्कि हमारे मानसिक, लोगों के साथ संबंधों और जीवन की छोटी-छोटी खुशियों पर भी निर्भर करती है। ऐसे में उनका प्रयास है कि अंतर्राष्ट्रीय खुशी दिवस अधिवक्ताओं के बीच कानूनी शिविरों का आयोजन करके खुशी के महत्व को बढ़ावा देने का एक प्रयास है।
दोनों जगहों पर लोग अपनी नकारात्मक ऊर्जा लेकर आते हैं
उन्होंने कहा कि वास्तव में आज के समय में भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपनी खुशियां भूल जाते हैं और ऐसे में अधिकतर मामले कोर्ट और अस्पताल में होते हैं क्योंकि इन दोनों जगहों पर लोग अपनी नकारात्मक ऊर्जा लेकर आते हैं और आपकी मदद मांगते हैं। ऐसे में आप लोगों को सकारात्मक ऊर्जा में रहने के लिए छोटी-छोटी खुशियों को जीने की कला सीखनी चाहिए। ऐसे में यह दिन हमें यही सिखाता है। साथ ही दूसरों के साथ अच्छे संबंध बनाने, दूसरों की मदद करने और छोटे-छोटे पलों का आनंद लेने से खुशी मिलती है।
एडीजे ने अधिवक्ताओं से भी अपील की कि वे आम जनता के अधिक से अधिक मामलों का आपसी सहमति से निस्तारण कराएं ताकि उन्हें अनावश्यक रूप से कोर्ट में न आना पड़े। अन्यथा और परेशानी बढ़ जाती है। इस दौरान तहसीलदार इकौना प्रदुम्न ने विधिक जागरूकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रतिदिन नए-नए कानून लागू होते रहते हैं ऐसे में विधिक शिविर ही एक ऐसा मंच है जिसके माध्यम से निचले स्तर से लेकर शिक्षित वर्ग तक के लोगों को अपने अधिकारों और दायित्वों के बारे में पता चलता है। इस संबंध में विधिक जागरूकता शिविर हमें अपने अधिकारों और दायित्वों के बारे में बताते हैं।
ये रहें मौजूद
आदर्श जिला विधिक सेवा संघ भिनगा के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शुक्ला ने विधिक जागरूकता शिविर एवं अंतर्राष्ट्रीय खुशहाली दिवस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि नए कानूनों की जानकारी विधिक शिविरों से ही प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकारों ने कई ऐसे कानून पारित किए हैं जिनके बारे में वकीलों, अधिकारियों एवं प्रशिक्षु न्यायाधीशों को भी जानकारी का अभाव है। ऐसे में नए कानूनों, अधिकारों एवं दायित्वों को विधिक शिविरों से ही समझा जा सकता है।
इस दौरान भिनगा वार एसोसिएशन के महामंत्री, इकौना अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष पवन मिश्र, महामंत्री श्रीधर द्विवेदी ने भी खुश रहने के टिप्स दिए और विधिक जानकारी दी।इस दौरान पूर्व अध्यक्ष ए के सिंह, हुकुम चंद त्रिपाठी,उदय राज तिवारी, दिलीप शर्मा, राधेश्याम मिश्र,वंश राज शुक्ल समेत काफी संख्या में अधिवक्ता, अधिकारी तथा कर्मचारी मौजूद रहे हैं।