Shravasti News: प्रत्याशियों ने एक-दूसरे के मजबूत बूथों में सेंधमारी करके बिछाई सतरंज की विसात
Shravasti News: चुनाव प्रचार बंद होने के बाद अब राजनीतिक दलों का फोकस उन बूथों पर है, जहां पर विपक्षी मजबूत हैं। 2019 के संसदीय चुनाव के परिणाम के आधार पर ऐसे बूथों को खोजा गया है।
Shravasti News: सूबे के चुनावों में कोतुहल बना भगवान बुद्ध स्थली श्रावस्ती लोकसभा सीट पर विजई पताका फहराने के लिए सभी दलों के प्रत्याशियों ने चौक- चौराहों से लेकर गांव- गांव, घर- घर तक सतरंज की विसात बिछा रखी है। सभी प्रमुख प्रत्याशी ऊंट, घोड़े, हाथी, पैदल और बादशाह की चाल चल रहे हैं जिससे विपक्षी दल के बूथ को कमजोर करके अपने पाले में लाया जा सके। मालूम हो कि श्रावस्ती संसदीय सीट के लिए शनिवार को छठें चरण में मतदान होगा। चुनाव प्रचार बंद होने के बाद अब राजनीतिक दलों का फोकस उन बूथों पर है, जहां पर विपक्षी मजबूत हैं। 2019 के संसदीय चुनाव के परिणाम के आधार पर ऐसे बूथों को खोजा गया है। अब इन बूथों के मैनेजमेंट पर खासा जोर है। यही नहीं, कमजोर बूथों के लिए अलग से योजना बनाई गई है। सियासी जंग जीतने के लिए दल तैयारी में हर पहलू को परख रहे हैं।
बता दें कि परिसीमन के बाद वर्ष 2009 में सृजित श्रावस्ती संसदीय सीट में श्रावस्ती, भिनगा के अतिरिक्त बलरामपुर जिले की बलरामपुर सदर, तुलसीपुर व गैसड़ी विधानसभा आती है। इनमें से एक पर सपा का कब्जा है, जबकि तीन पर भाजपा के विधायक हैं। एक पर गैसड़ी विधानसभा पर उपचुनाव हो रहा है। संसदीय चुनाव में भाजपा से आईपीएस की नौकरी छोडकर राजनीति में आये साकेत मिश्र सभी धर्म और जाति में सेंध लगा रहे हैं। साकेत मिश्रा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की इस संसदीय सीट पर विजई पताका फहराकर अपने राजनैतिक आदर्श की इस धरती को पिछड़ेपन के कलंक से छूटकारा दिलाने का वादा कर रहे हैं। जिस कारण सभी जाति और धर्म के बूथों पर सेंध मारी कर रहे हैं। वही सपा-कांग्रेस गठबंधन से राम शिरोमणि वर्मा व बसपा से मोइनुद्दीन खां समेत कुल 12 प्रत्याशी मैदान में हैं। बृहस्पतिवार की शाम छह बजे चुनाव प्रचार थमने के बाद दलों ने बूथ प्रबंधन पर दिन रात जोर लगा रखा है।
वही चुनाव प्रबंधन संभाल रहीं कंपनियों के प्रतिनिधियों ने हर विधानसभा में उन बूथों का डाटा तैयार किया है, जहां पर वर्ष 2019 के संसदीय व 2022 के विधानसभा चुनाव में दूसरे दल की मजबूत स्थिति रही। इसके प्रमुख कारण, किस मुद्दे का फायदा लिया जाए, साथ ही बूथ व मतदाताओं पर असर डालने वाले प्रभावशाली लोगों की स्थिति की भी जानकारी जुटाई गई है। ऐसे में संबंधित बूथों पर सेंधमारी करके अपने पक्ष में स्थिति मजबूत कर रहे है।
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी ने सपा, कांग्रेस व बसपा की मजबूती वाले बूथों पर नजर रखने के लिए पांच-पांच बूथों का कलस्टर बनाया है। इसकी जिम्मेदारी पार्टी पदाधिकरियों को सौंपी गई है। वार रूम को 24 घंंटे के हिसाब से तैयार किया गया है। इसमें बूथ अध्यक्ष से लेकर जिला स्तरीय पदाधिकारियों को जोड़ा गया है, ताकि सभी को पार्टी का संदेश बताया जा सके। हर बूथ पर 20-20 कार्यकर्ताओं को लगाया गया है। भाजपा श्रावस्ती मीडिया प्रभारी संजू तिवारी कहते हैं कि हर बूथ की अलग-अलग योजना है। उसी अनुरूप काम किया जा रहा है।
जबकि सपा-कांग्रेस गठबंधन मिलकर योजना तैयार कर रही हैं। बूथों की मजबूती व कमजोरी के आकलन के साथ ही न्याय पंचायत स्तर पर फोकस किया जा रहा है। इसके लिए बनाए गए सोशल मीडिया ग्रुप पर पार्टी के बड़े नेताओं के साथ ही पार्टी प्रत्याशी को जोड़ा गया है, ताकि हर बूथ की स्थिति की जानकारी के साथ ही आने वाली समस्याओं पर फोकस किया जाय। सपा श्रावस्ती जिलाध्यक्ष सभाजीत यादव कहते हैं कि हमारी तैयारी पूरी है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष नसीम चौधरी कहते हैं कि हम जमीनी स्तर पर लड़ रहे। और सभी रूठों को मनाने में सफल रहे हैं।
जबकि बसपा ने वर्ष 2019 में यहां से जीत हासिल की थी। इस बार बसपा ने सीटिंग सांसद राम शिरोमणि वर्मा को निष्कासित करके मुस्लिम पिछड़े मोइनुद्दीन खां को उम्मीदवार बनाया है। बसपा का दावा है कि सपा अगड़ी पिछड़ी की बात करती है तो बसपा प्रत्याशी मोइनुद्दीन खां भी तो पिछड़ा है मीडिया यह क्यू नही बता रही हैं। वह कह रहे हैं श्रावस्ती लोकसभा सीट पर लगभग साढ़े आठ लाख मुस्लिम मतदाता हैं। मुस्लिम अपने लोगों का साथ दिए तो इस बार फिर से श्रावस्ती का बसपा सांसद ही होगा। ऐसे में बसपा बूथों को लेकर काफी गंभीर है। श्रावस्ती जिलाध्यक्ष दिनेश गौतम कहते हैं कि हमारी बूथों को लेकर आंतरिक प्लानिंग है। इसके लिए पार्टी पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है।
उल्लेखनीय है कि श्रावस्ती लोकसभा सीट
2009 में अस्तित्व में आई है। तबसे 2009 में कांग्रेस के डॉ. विनय कुमार पांडेय ने बसपा के रिजवान जहीर को हराकर जीत हासिल की। जबकि दुसरी बार 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा के दद्दन मिश्रा ने सपा के अतीक अहमद को शिकस्त दिया था। और 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा के राम शिरोमणि वर्मा ने भाजपा के दद्दन मिश्र को हराकर विजई पताका फहराया था।अब तक तीन बार के चुनाव में कोई भी जीता प्रत्याशी श्रावस्ती लोकसभा से चुनाव दुसरी बार नहीं जीत पाया है।