Shravasti News: डीएम ने फार्मर रजिस्ट्री के लिए अधिकारियों कर्मचारियों को दिए टिप्स, वेबसाइट धीमी होने के चलते किसानों को लगाना पड़ता है चक्कर
Shravasti News: किसान घर बैठे ऑनलाइन फार्मर रजिस्ट्री भी कर सकते हैं। इसके लिए एग्री स्टैक की वेबसाइट पर लॉग इन करना होता है। इस दौरान मांगी गई जानकारी अपडेट करते जाएं और जरूरी दस्तावेज अपलोड करें।;
Shravasti News: सोमवार को कलेक्ट्रेट स्थित तथागत हाल में कृषि विभाग द्वारा फार्मर रजिस्ट्री के लिए किसानों को जागरूक किया गया। किसानों की फार्मर रजिस्ट्री भी की गई। डीएम अजय कुमार द्विवेदी ने कृषि विभाग द्वारा संचालित एग्रीस्टैक योजनान्तर्गत सर्वेयर, सुपरवाईजर एवं वेरिफायर का ई-खसरा पड़ताल एवं फार्मर रजिस्ट्री सम्बन्धी प्रशिक्षण दिया । प्रशिक्षण में जनपद के समस्त लेखपालगण, सीएससी संचालक, एटीएम, बीटीएम, टीएसी को ई-खसरा पड़ताल एवं फार्मर रजिस्ट्री सम्बन्धी कर्मचारी शामिल रहे हैं।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने फार्मर रजिस्ट्री से जुड़े समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों को बधाई देते हुए उनके कार्य की सराहना भी की और कहा कि उनके अथक्क प्रयासों से जनपद को शीर्ष-10 में स्थान प्राप्त हो सका है, जो कि सराहनीय है।
उन्होने कहा कि "फार्मर रजिस्ट्री कार्य शासन की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है। इस कार्य में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले केन्द्रों को पुरूस्कृत भी किया जायेगा एवं कार्य में रूचि न लेने वाले केन्द्रों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही भी की जायेगी।"
उन्होंने कहा कि समस्त जनसेवा केन्द्र इस कार्य में विशेष रूचि लेते हुए प्रतिदिन निर्धारित लक्ष्य को पूरा करते रहे, जिससे जनपद को और बेहतर स्थान प्राप्त हो सके तथा लक्ष्य को समय से पूरा किया जा सके। इसके साथ जिलाधिकारी ने सभी लेखपालों को यह भी निर्देश दिया कि उनके माध्यम से जो भी कम्बल का वितरण किया जाना है, उसे तत्काल एक-दो दिवस के अन्दर पूर्ण कर लें। जिससे पात्रों को समय से कम्बल मुहैया हो सके और उन्हें ठंड से राहत मिल सके।
इस दौरान अपर जिलाधिकारी अमरेन्द्र कुमार वर्मा ने कहा कि भारत सरकार द्वारा संचालित फार्मर रजिस्ट्री योजनान्तर्गत एग्रीस्टैक पोर्टल पर जनपद के समस्त कृषकों के रजिस्ट्रेशन का कार्य जिलाधिकारी के निर्देशानुसार जनसेवा केन्द्रों पर अभियान चलाकर किया जा रहा है। उन्होने बताया कि विगत दिनों जनपद की खराब प्रगति पाये जाने पर जिलाधिकारी द्वारा जो भी कार्यवाहियां की गई थी, उन्हें अब स्थिति को बेहतर देखते हुए बहाल किये जाने का निर्देश दिया गया है। इसलिए सभी अधिकारी/कर्मचारी पूर्ण निष्ठा से कार्य करते हुए जनपद को शीर्ष स्थान पर लाने में अपनी महती भूमिका निभायें।
इस अवसर पर प्रभारी मुख्य विकास अधिकारी/जिला विकास अधिकारी रामसमुझ, उपजिलाधिकारी क्रमशः भिनगा पीयूष जायसवाल, इकौना ओम प्रकाश, जमुनहा आशीष भारद्वाज, उपनिदेशक कृषि सुरेंद्र चन्द्र चौधरी, जिला कृषि अधिकारी अनिल प्रसाद मिश्र, अपर जिला कृषि अधिकारी अश्वनी यादव सहित समस्त तहसीलदारगण, नायब तहसीलदारगण, जनपद के समस्त लेखपालगण, एटीएम, बीटीएम, टीएसी व सीएससी संचालकगण उपस्थित रहे।
बता दें कि किसान को अपना फोन नंबर या ईमेल आईडी पोर्टल पर दर्ज करानी होती है। अधिकतर किसान फोन नंबर डालते हैं। इसके बाद ओटीपी काफी देर तक नहीं आता है। इससे किसान सीएससी पर ही खड़े रहते हैं। कई बार ओटीपी तब आता है, जब किसान रात में खेत पर अपनी फसल की रखवाली कर रहे होते हैं। इस वजह से फार्मर रजिस्ट्री का काम भी पिछड़ रहा है। हालांकि पढ़े-लिखे किसान खुद ही अपनी रजिस्ट्री का आवेदन कर लेते हैं। बाकी लोग जानकारी के अभाव या अनपढ़ होने की वजह से आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। जनसुविधा केंद्र के संचालक दिवाकर बताते हैं कि दिन में वेबसाइट धीमी चलती है। रात में जो किसान ओटीपी बता पा रहे हैं, उनकी रजिस्ट्री हो जाती है। बाकी की रह जाती है।
उल्लेखनीय है कि किसान घर बैठे ऑनलाइन फार्मर रजिस्ट्री भी कर सकते हैं। इसके लिए एग्री स्टैक की वेबसाइट पर लॉग इन करना होता है। इस दौरान मांगी गई जानकारी अपडेट करते जाएं और जरूरी दस्तावेज अपलोड करें।
किसानों की परेशानी
सुबखा के किसान के के त्रिपाठी ने बताया कि सीएससी पर भीड़ रहती है। चार-पांच बार जनसेवा केंद्र जा चुके हैं, लेकिन फार्मर रजिस्ट्री नहीं हो पाई। केंद्र संचालक के मुताबिक साइट धीमी चल रही है। हडिल्ला के दिवाकर मिश्र ने बताया कि हम किसानों को फार्मर रजिस्ट्री बनवाने की सही जानकारी नहीं है। रानीपुर काजी निवासी किसान झब्बर ने कहा कि एक सप्ताह से सीएससी आते हैं, लेकिन पंजीकरण नहीं हो पा रहा है। रात में गेहूं की रखवाली को चले जाते हैं। इस वजह से नींद भी पूरी नहीं हो पा रही। वंतवारा के राम गोपाल ने बताया कि कई दिनों से चक्कर काट रहे हैं। सीएससी संचालक बताते हैं कि वेबसाइट रात में चल जाती है। अब रात में तो फसल की रखवाली करनी पड़ती है। ऐसे में परेशानी है।