Shravasti News : 'हर घर नल से जल' योजना की बैठक में डीएम बोले - सभी को शुद्ध जल मुहैया कराना प्रशासन की जिम्मेदारी
Shravasti News : जिलाधिकारी कृतिका शर्मा ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में ’’जल जीवन मिशन’’ (हर घर नल से जल योजना) की समीक्षा बैठक की। बैठक में ’हर घर जल योजना’ के माध्यम से आमजन को पेयजल सुविधा मुहैया कराने के लिए किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई।
Shravasti News : जिलाधिकारी कृतिका शर्मा ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में ’’जल जीवन मिशन’’ (हर घर नल से जल योजना) की समीक्षा बैठक की। बैठक में ’हर घर जल योजना’ के माध्यम से आमजन को पेयजल सुविधा मुहैया कराने के लिए किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि लक्ष्य के सापेक्ष आवंटित सभी परियोजनाओं पर कार्य प्रारम्भ कराकर लक्ष्य को पूरा किया जाए, जिससे जन-जन को शुद्ध पेयजल मुहैया हो सके।
उन्होंने कहा कि जल है तो कल है”, बावजूद इसके जल बेवजह बर्बाद किया जाता है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जल-संकट का समाधान जल के संरक्षण से ही है। हम हमेशा से सुनते आये हैं “जल ही जीवन है”। जल के बिना सुनहरे कल की कल्पना नहीं की जा सकती, जीवन के सभी कार्यों का निष्पादन करने के लिये जल की आवश्यकता होती है। पृथ्वी पर उपलब्ध एक बहुमुल्य संसाधन है जल, या यूं कहें कि यही सभी सजीवो के जीने का आधार है जल। धरती का लगभग तीन चौथाई भाग जल से घिरा हुआ है, किन्तु इसमें से 97 फीसदी पानी खारा है जो पीने योग्य नहीं है, पीने योग्य पानी की मात्रा सिर्फ 3 फीसदी है। इसमें भी 2 फीसदी पानी ग्लेशियर एवं बर्फ के रूप में है। इस प्रकार सही मायने में मात्र 1 फीसदी पानी ही मानव के उपयोग हेतु उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि गर्मी के साथ कई हिस्सों में पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर रही है। प्रतिवर्ष यह समस्या पहले के मुकाबले और बढ़ती जाती है, लेकिन हम हमेशा यही सोचते हैं बस जैसे तैसे गर्मी का सीजन निकाल जाये बारिश आते ही पानी की समस्या दूर हो जायेगी और यह सोचकर जल सरंक्षण के प्रति बेरुखी अपनाये रहते हैं।
86 फीसदी से अधिक बीमारियों का कारण दूषित पेयजल
उन्होंने कहा कि प्रदूषित जल में आर्सेनिक, लौहांस आदि की मात्रा अधिक होती है, जिसे पीने से तमाम तरह की स्वास्थ्य संबंधी व्याधियां उत्पन्न हो जाती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अध्ययन के अनुसार दुनिया भर में 86 फीसदी से अधिक बीमारियों का कारण असुरक्षित व दूषित पेयजल है। वर्तमान में करीब 1600 जलीय प्रजातियां जल प्रदूषण के कारण लुप्त होने के कगार पर हैं, जबकि विश्व में करीब 1.10 अरब लोग दूषित पेयजल पीने को मजबूर हैं और साफ पानी के बगैर अपना गुजारा कर रहे हैं। ऐसी स्थिति सरकार और आम जनता दोनों के लिए चिंता का विषय है। इस दिशा में अगर त्वरित कदम उठाते हुए सार्थक पहल की नहीं की जा रही है तो स्थिति बहुत हद तक नियंत्रण से बाहर हो जायेगी , अथवा अगले कुछ वर्ष हम सबके लिए चुनौतिपूर्ण साबित होंगे।
बैठक में अधिशासी अभियंता जल निगम द्वारा जिलाधिकारी को अवगत कराया गया कि जल जीवन मिशन फेज-2 के अन्तर्गत मेसर्स लारसेन एण्ड टूब्रो को आवंटित 124 परियोजनाओं के सापेक्ष 124 परियोजनाओं पर कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है। जिस पर जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि पाइप लाइन एवं एफ.एच.टी.सी. का कार्य माह जून, 2024 के अन्त तक शत प्रतिशत पूर्ण कर लिया जाए तथा उच्च जलाशय के इरेक्शन की टीम बढ़ाते हुए समस्त कम्पोनेन्ट पर एक साथ में कार्य कराकर अपेक्षित प्रगति प्राप्त किया तथा जून, 2024 तक कम से कम 75 परियोजनाओं के उच्च जलाशय के माध्यम से जलापूर्ति की जाए तथा शत-प्रतिशत परियोजनाओं के ’’हर घर जल’’ कराकर सम्बन्धित ग्राम पंचायतों को हस्तगत की कार्यवाही की जाए।
मैन पावर को बढ़ाया जाए
इसके अतिरिक्त फेज-5 के अन्तर्गत मेसर्स जीए इन्फ्रा विश्वनाथ प्रोजेक्ट लिमिटेड को आवंटित 165 परियोजनाओं में 162 परियोजनाओं पर कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है। उन्होने यह भी निर्देशित किया कि मैनपावर बढ़ाते हुए समस्त कम्पोनेन्ट पर एक साथ में कार्य कराकर अपेक्षित प्रगति प्राप्त की जाए तथा माह दिसम्बर, 2024 तक नलकूप, पाइप लाइन, एफ.एच.टी.सी. एवं सोलर कार्य पूर्ण कर लिया जाए एवं उच्च जलाशय के कार्यो में तेजी लायी जाए। बैठक का संचालन अधिशासी अभियन्ता जल निगम एस0एम0 असजद ने किया।इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अनुभव सिंह, सहायक अभियंता जल निगम, कार्यदायी संस्था के परियोजना प्रबन्धक सहित अन्य अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहे।