Shravasti News: राहगीरों की जान संकट में, राष्ट्रीय राजमार्ग पर हादसे का सबब बने छुट्टा जानवर, जिम्मेदारों ने झाड़ा पल्ला

Shravasti News: श्रावस्ती में जिस ओर भी निकल जाइए, सड़कों के बीचों-बीच छुट्टा पशु बैठे हुए दिखाई दे जाएंगे। सड़कों पर बैठे या इधर-उधर चलते ये पशु न सिर्फ यातायात में बाधक नहीं बन रहे हैं, बल्कि कई बार दुर्घटना के सबब भी बन रहे हैं। कई बार इनके कारण लोगों की जान पर भी बन आती आई है।;

Update:2025-01-12 21:24 IST

Stray animals causing traffic issues and accidents in Shravasti (Photo: Social Media)

Shravasti News: श्रावस्ती में जिस ओर भी निकल जाइए, सड़कों के बीचों-बीच छुट्टा पशु बैठे हुए दिखाई दे जाएंगे। सड़कों पर बैठे या इधर-उधर चलते ये पशु न सिर्फ यातायात में बाधक नहीं बन रहे हैं, बल्कि कई बार दुर्घटना के सबब भी बन रहे हैं। कई बार इनके कारण लोगों की जान पर भी बन आती आई है।

बता दें कि जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी इन पर नियंत्रण को लेकर जिम्मेदारों को निर्देश दे चुके है, बावजूद सबने अपनी आंखें मूंदे रखी हैं। सड़कों पर निकलने वाली जनता मुसीबत झेल रही है। यह स्थिति तब है, जब पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बेसहारा पशुओं के खिलाफ लगातार अभियान चलाने और सड़कों पर पशुओं को छोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दे चुके हैं। जिलाधिकारी ने पशुओं की धरपकड़ और उसके बाद पकड़े गए पशुओं को कान्हा उपवन (पशुबाड़े) में देखभाल की जिम्मेदारी पशुपालन विभाग और क्षेत्र के विकास खंडों को दे रखी है।

बता दें कि बौद्ध परिपथ पर वाहनों की गति काफी तेज होने व मार्ग पर घूम रहे छुट्टा मवेशियों के कारण पहले भी कई बार हादसे हो चुके हैं जिनमें कई लोगों की जान भी गई। इसके बाद भी न तो वाहनों की गति धीमी हुई और न ही छुट्टा मवेशियों पर लगाम कसी गई। बौद्ध परिपथ पर वाहनों की रफ्तार कम होने के बजाए बढ़ती जा रही है। इसके चलते विगत वर्ष पिता की मौत के बाद पंजाब से स्कॉर्पियो बुक कराकर वापस अपने घर इकौना आ रहे एक ही परिवार के सात लोगों की मौत हो गई थी। यह हादसा भी सीताद्वार व मोहनीपुर मोड़ के मध्य हुआ था। इसमें स्कॉर्पियो अनियंत्रित हो पेड़ से टकरा कर पलट गई थी।

अब सवाल यह उठता है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रतिदिन हजारों वाहन गुजरते हैं। बावजूद बेसहारा पशु जगह जगह डेरा कैसे डालें रहते हैं। वहीं, कर्मचारियों का कहना है कि लोग दूध निकालने के बाद इन पशुओं को सड़क पर छोड़ देते हैं। ग्रामीण इलाकों से भी पशुपालक सांड़ या बछड़े को शहर की ओर लाकर छोड़ देते हैं। इस कारण पशुओं की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। वही पशुपालन विभाग का कहना है कि पशुओं को पकड़ने का अभियान फिलहाल नहीं चल रहा रहा है। जहां से शिकायत आती है, वहां टीम भेजकर बेसहारा पशुओं को पकड़वाया जाता है। दुधारू पशु पकड़े जाते हैं तो पशुपालकों से जुर्माना वसूला जाता है। पशुपालक के खिलाफ एफआईआर कराई जाती है। इसके बाद भी थोड़ी समस्या बनी हुई है। कुछ दिनों बाद अभियान फिर चलाया जाएगा।

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