Shravasti News: श्रावस्ती को भू राजस्व वाद निस्तारण में सूबे में तीसरा स्थान

Shravasti News: जारी रैंकिंग में श्रावस्ती जनपद को पूरे प्रदेश में तीसरा स्थान मिला है।डीएम अजय कुमार द्विवेदी ने बृहस्पतिवार को बताया कि अगस्त में राजस्व वादों के निस्तारण के बाद यह सूची जारी की गई है।

Update:2024-09-12 22:02 IST

Shravasti News ( Pic- Newstrack)

Shravasti News: भू राजस्व वादों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के मामले में शासन की ओर से रैंकिंग जारी की गई है। जारी रैंकिंग में श्रावस्ती जनपद को पूरे प्रदेश में तीसरा स्थान मिला है।डीएम अजय कुमार द्विवेदी ने बृहस्पतिवार को बताया कि अगस्त में राजस्व वादों के निस्तारण के बाद यह सूची जारी की गई है। न्यायालयों के सापेक्ष में लम्बित वादों के मामलों की शासन से नियमित रूप से मानिटरिंग होती है।

उन्होंने बताया कि जिले की सभी न्यायालयों में लंबित व नए राजस्व वादों की नियमित समीक्षा व राजस्व वादों के निस्तारण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों तथा कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई। जिसके फलस्वरूप राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रणाली (आरसीसीएमएस) के पोर्टल पर सितंबर की प्रदेश स्तरीय जारी रैंकिंग में नए दायर वादों की संख्या के सापेक्ष वादों के निस्तारण में जनपद श्रावस्ती ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है।

उन्होने यह भी बताया कि भू राजस्व वादों के निस्तारण की समीक्षा हेतु विगत 19 जुलाई 2024 की बैठक में धारा 24 पैमाइश के प्रकरणों में लापरवाही बरतने के कारण समस्त राजस्व निरीक्षकों का वेतन आहरण अग्रिम आदेशों तक बाधित किया गया। इसके बाद 20 अगस्त, 2024 को 03 राजस्व निरीक्षकों की प्रगति संतोषजनक पाये जाने के फलस्वरूप उनका वेतन अवमुक्त कर दिया गया तथा 02 राजस्व निरीक्षकों को निलम्बित कर दिया गया। 09 सितम्बर, 2024 को बैठक में सीमांकन वादों के संतोषजनक निस्तारण पाये जाने के परिणामस्वरूप समस्त राजस्व निरीक्षकों का वेतन अवमुक्त कर दिया गया।

बताया कि आलोच्च अवधि में 23 जुलाई, 08 अगस्त, 20 अगस्त को साप्ताहिक बैठकें की गई। जिसमें 03 से 05 वर्ष के पुराने वादों के निस्तारण में अपेक्षित रूचि न लेने के कारण उपजिलाधिकारी इकौना, नायब तहसीलदार भिनगा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। अविवादित वरासत के प्रकरणों का नियत समय सीमा में निस्तारण न करने के कारण उपजिलाधिकारी जमुनहा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।

डीएम ने बताया कि जिसके फलस्वरूप राजस्व पीठासीन अधिकारीगण के स्तर से वादों का समयबद्ध निस्तारण करने के कारण वादों के निस्तारण में अपेक्षित प्रगति हुई है। इसके अलावा उन्होने समस्त राजस्व पीठासीन अधिकारीगण को निर्देश दिये गये है कि इसी प्रकार निरन्तर समयबद्धता का ध्यान रखते हुए राजस्व वादों का गुणदोष पर निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।

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