Shravasti News : पौराणिक सीताद्वार मंदिर परिसर के ग्रामीणों का छलका दर्द, विधायक, डीएम और एसपी ने किया निरीक्षण
Shravasti News : श्रावस्ती के तहसील इकौना से सात किलोमीटर दूर बौद्ध परिपथ पर ग्राम टड़ंवा महंत में स्थित पौराणिक सीताद्वार मंदिर परिसर ग्रामीण राजनीतिक दंश झेल रहे हैं।
Shravasti News : श्रावस्ती के तहसील इकौना से सात किलोमीटर दूर बौद्ध परिपथ पर ग्राम टड़ंवा महंत में स्थित पौराणिक सीताद्वार मंदिर परिसर ग्रामीण राजनीतिक दंश झेल रहे हैं। गांव पंचायत टंडवा महंत में 42 मजरे और लगभग 9,500 मतदाता हैं और यहां सभी मजरों में मिलाकर 12 हजार से ज्यादा सभी जातियों के लोग निवास करते हैं। समय और प्रशासनिक उपेक्षा व स्थानीय राजनीति का दंश झेल रहे मंदिर के पास के ग्रामीणों का दर्द छलका और बताते हैं कि विशेष समुदाय के स्थानीय लोगों ने मंदिर के पीछे और झील के बड़े हिस्से पर जबरिया कर्बला बना डाला है। परिणाम यह है कि गंदगी व अवैध कब्जे के कारण 500 एकड़ में फैली झील अब सिकुड़कर बड़े तालाब में बदल गई है। शिकारियों के भय व गंदगी के कारण विदेशी पक्षियों ने भी अपने इस शीतकालीन आशियाने से मुंह मोड़ लिया है। रोगमुक्ति कि लिए झील में स्नान करने वाले लोग व कार्तिक पूर्णिमा पर जुटने वाली भीड़ भी कम हो गई है। मंदिर के ठीक पीछे गौशाला है और इससे ही लगा कर्बला पुरवा है, जिनके ठीक सामने विशेष समुदाय के लोगों ने एक दर्जन कर्बला बनाकर अब हर साल ताजिया दफनाते हैं, जिस कारण इन लोगों को न केवल शांति छीनती है, बल्कि गंदगी के बीच भी जीने को विवश है।
कर्बला पुरवा निवासी बुजुर्ग योगेन्द्र प्रसाद शुक्ल ने बताया कि सरकार के किसी भी योजना का लाभ उन ग्रामीणों को नहीं मिलता है। गांव प्रधान शिवकुमार राजभर कुछ सुनने को तैयार नहीं है। प्रशासनिक अधिकारी बीना प्रधान के सुनते नहीं है और न मौके का वास्तविक सत्यापन करने आते हैं जब आते हैं तो बाहर बाहर ही मौखिक सत्यापन करके चले जाते हैं। यही नहीं, उनके घर के ठीक सामने गड्ढा खोद कर दबंग लोग ताजिया दफनाते हैं। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी देते हैं। जबकि सारी की सारी जमीन सीताद्वार मंदिर टृस्ट की है। यही नहीं, आस-पास गंदगी की भरमार है, जिससे आये दिन बड़े बच्चे संक्रामक बीमारियां का शिकार होते रहते हैं। बताया कि उनके घर के सामने स्थित गौशाला की भी स्थिति सही नहीं है। गौ शालाओं में जानवरों के लिए उचित चारा व दवा नहीं है। केवल कागजों पर सही दिखाया जाता है। यहीं नहीं रोज गाय और बछड़े मरते हैं, जिनको रात में पास के नहर में फेंक दिया जाता है।
दूसरी तरफ गुरुवार को श्रावस्ती भाजपा विधायक रामफेरन पाण्डेय, जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी एवं पुलिस अधीक्षक घनश्याम चौरसिया ने सीताद्वार मन्दिर में पहुंचकर दर्शन-पूजन किया। इस दौरान इन लोगों ने मन्दिर एवं झील पर पूर्व में कराए गए साफ-सफाई एवं सौन्दर्यीकरण कार्य का भी जायजा लिया। इस दौरान विधायक ने जिलाधिकारी को बताया कि सीताद्वार मन्दिर एवं झील मनोरम स्थल है। यहां पर पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री की प्रेरणा और जन सहयोग द्वारा झील की साफ-सफाई एवं विकास के लिए कार्ययोजना बनाकर कार्य शुरू कराया गया था, किन्तु कुछ कारणवश सौन्दर्यीकरण कार्य को बन्द कर दिया गया था, जिसे फिर से प्रारम्भ कराने की आवश्यकता है, ताकि इसका सौन्दर्यीकरण कराकर मंदिर का विकास किया जा सके।
इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि जन सहयोग से झील की साफ-सफाई एवं विकास के लिए फिर से कार्ययोजना बनाकर सौन्दर्यीकरण कार्य शुरू किए जाएंगे, जिसमें झील के किनारे सीढ़ियों का सौन्दर्यीकरण, इंटरलाकिंग कार्य, आडिटोरियम का निर्माण, पार्क का सौन्दर्यीकरण, ग्रेडिंग पाथवेज एवं झील के चारों ओर बांध का निर्माण हो सकेगा और सीता द्वार मंदिर को मुख्य पौराणिक स्थलों में शामिल किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए शीघ्र ही बैठक कर समस्त कार्यवाही प्रारम्भ की जाएगी। हालांकि ग्रामीणों का दर्द है कि आज भी कोई प्रतिनिधि व अमला उन सबका दर्द सुनने नहीं आया, बल्कि बाहरी तौर पर निरीक्षण करके कोरम पूरा करके चले गए हैं। इस अवसर पर उपजिलाधिकारी इकौना ओम प्रकाश, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग केपी मिश्रा, खंड विकास अधिकारी सी बी तिवारी सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।