श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में हुई सुनवाई, हाईकोर्ट ने सभी पक्षकारों से 4 अप्रैल तक मांगा जवाब

Krishna Janmabhoomi case : श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले की सुनवाई बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में हुई। हाईकोर्ट ने सभी पक्षकारों से 4 अप्रैल तक जवाब मांगा है।

Update:2023-03-15 21:04 IST
Krishna Janmabhoomi (Social Media)

Krishna Janmabhoomi case : श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले की सुनवाई बुधवार (15 मार्च) को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में हुई। हाईकोर्ट ने सभी पक्षकारों से 4 अप्रैल तक जवाब मांगा है। अब अगली तारीख पर सभी पक्ष अपने-अपने जवाब दाखिल करेंगे।

गौरतलब है कि, मथुरा स्थित श्री कृष्ण जन्मभूमि और और शाही ईदगाह परिसर के साइंटिफिक सर्वे (scientific survey) की मांग को लेकर मथुरा जिला अदालत में मंदिर पक्ष की तरफ से याचिका दाखिल की गई है। मथुरा जिला न्यायालय (Mathura District Court) में लंबे समय से याचिका पेंडिंग होने के चलते याचिकाकर्ता मनीष यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था।

...क्यों न आपकी याचिकाओं को एक साथ सुना जाए
इससे पहले, इसी साल 2 फ़रवरी को हुई सुनवाई में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका पर पक्षकारों को एक नोटिस जारी किया था। जिसका जवाब 28 फरवरी तक जवाब दाखिल करने के लिए कहा था। तब हाई कोर्ट ने पक्षकारों को भेजे नोटिस में पूछा था कि, क्यों ना आपकी याचिकाओं को एक साथ सुना जाए?
दरअसल, हाई कोर्ट में जो याचिका दाखिल की गई है, उसमें कहा गया है कि मथुरा स्थित श्री कृष्ण जन्मभूमि मामला 'राष्ट्रीय महत्व' का मुद्दा है जिसे देखते हुए इस केस की सुनवाई हाईकोर्ट में की जानी चाहिए?


क्या है श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद?

ये पूरा विवाद 13.37 एकड़ भूमि के मालिकाना हक को लेकर है। इसमें 10.9 एकड़ जमीन श्री कृष्ण जन्मस्थान के पास तथा 2.5 एकड़ जमीन शाही ईदगाह मस्जिद (Shahi Mosque Eidgah) के पास है। इस मामले में हिन्दू पक्ष का दावा है कि काशी (Kashi) और मथुरा (Mathura) में औरंगजेब (Aurangzeb) ने मंदिर तुड़वाकर वहां मस्जिद बनवाई थी। मुग़ल शासक औरंगजेब ने सन 1670 में मथुरा में भगवा केशवदेव का मंदिर तोड़ने का फरमान जारी किया था। इसके बाद, मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद बना दी गई। शाही ईदगाह मस्जिद शहर में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर से ही सटी है। इस स्थान को हिंदू धर्म में भगवान कृष्ण की जन्मस्थली माना जाता है।

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