बिकरू कांडः SSP अनंत देव निलंबित, दिनेश पी को नोटिस, SIT रिपोर्ट पर एक्शन

शासन ने बिकरू कांड में एसआईटी की रिपोर्ट मिलने के बाद कानपुर के पूर्व एसएसपी रहे अनंत देव तिवारी को सस्पेंड कर दिया है। वही बिकरू कांड के वक़्त एसएसपी रहे दिनेश कुमार पी को नोटिक जारी किया गया है मौजूदा समय में झांसी में तैनात हैं।

Update:2020-11-12 22:38 IST
बिकरू कांडः SIT रिपोर्ट पर SSP अनंत देव निलंबित, SSP दिनेश पी जो जारी नोटिक

शासन ने बिकरू कांड में एसआईटी की रिपोर्ट मिलने के बाद कानपुर के पूर्व एसएसपी रहे अनंत देव तिवारी को सस्पेंड कर दिया है। वही बिकरू कांड के वक़्त एसएसपी रहे दिनेश कुमार पी को नोटिक जारी किया गया है मौजूदा समय में झांसी में तैनात हैं।

बिकरू कांड में दोषी पाए गए एसएसपी सस्पेंड

रिपोर्ट सामने आने के बाद बिकरू कांड में दोषी पाए गए एसएसपी रहे अनंत देव तिवारी सस्पेंड कर दिए गए हैं। एसआईटी ने अपनी जांच में अनंत देव और विकास दुबे के बीच सांठ-गांठ के पुख्ता सुबूत मिले थे। सीओ देवेंद्र मिश्रा द्वारा लगातार शिकायत के बाद भी अनंत देव ने एसओ के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। यही नहीं विकास द्वारा अर्जित कराई गई अवैध संपत्तियों में अनंत देव का भी कनेक्शन मिला है।

15 सालों से बिकरू इलाके में तैनात ये सभी

15 सालों से बिकरू इलाके में तैनात रहे सीओ, एडिशनल एसपी समेत आधा दर्जन सब इंस्पेक्टर/इंस्पेक्टर पर भी कार्रवाई होने की संभावना है। गृह विभाग ने विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं। रिपोर्ट में लगभग 80 अधिकारियों और कर्मचारियों को दोषी पाया गया था। इनके साथ और भी कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। वही पिछले दिनों बिकरू कांड में एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी थी। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में 3,200 पन्नों में तैयार की जिसमें अकेले 700 पन्नों में पुलिस और अपराधियों के बीच कच्चा चिट्ठा लिखा था।

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ऐसे विकास दुबे रखता था थाने पर नज़र

एसआईटी रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई कि कैसे विकास दुबे को थाने में चल रही हर गतिविधि के बारे में पहले से ही खबर हो जाती थी।घटना वाले दिन कैसे पुलिसवालों ने दबिश के बारे में पहले से ही विकास दुबे को सबकुछ बता दिया। इस दौरान 8 पुलिसवाले बिकरू गांव में शहीद हो गए थे। विकास दुबे ने पहले ही अपने साथियों को सतर्क कर दिया था कि पुलिसवाले रेड के लिए आएं तो वो बच कर जिंदा ना जाने पाएं। एसआईटी ने अपनी जांच में करीब सौ लोगों को शामिल किया था, जिसमें पुलिसकर्मियों के अलावा बिकरू गांव के लोग, कई बाहर के पुलिस अधिकारी और कानपुर के बिजनेसमैन तक शामिल थे।

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