मिलावटखोरों के खिलाफ प्रशासन की कड़ी कार्रवाई, ऐसे किया इस खेल का भंडाफोड़
रासायनिक खाद की निजी और सहकारी दुकानों पर मिलावट और नकली खाद बेचने का कारोबार होने की वजह भी खुद सरकार की ओर से तय किए गए नियम हैं।
सीतापुर: सरकार और प्रशासन कोरोना संक्रमण रोकने में व्यस्त है। लेकिन मिलावटखोर आम जनता को लूटने में व्यस्त हैं। इसकी पोल खुद प्रशासन ने ही गुरूवार को खोल दी। नकली खाद की बिक्री कितने बड़े पैमाने पर जिले में हो रही है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिले भर में सिर्फ 65 दुकानों पर छापा मारा गया। जिसमें से 34 दुकानों पर मिलावट का खेल पकड़ा गया। यानी छापा की चपेट में आई हर दूसरी दुकान पर किसानों को लूटने का काम खुलेआम चल रहा था।
प्रशासन की सहमति से होता है खेल
रासायनिक खाद की निजी और सहकारी दुकानों पर मिलावट और नकली खाद बेचने का कारोबार होने की वजह भी खुद सरकार की ओर से तय किए गए नियम हैं। अघोषित रूप से क्रषि विभाग के अधिकारियों को और इलाके के एसडीएम को भी निर्देश हैं कि बिना शासन के निर्देश के किसी भी खाद की दुकान पर छापा न मारा जाए। इसी कारण खाद विक्रेता बलेगाम हैं। अब ऐसी पाबंदी क्यों लगाई है, इसका मतलब समझने के लिए ज्यादा माथापच्ची करने की जरूरत भी नहीं। बहरहाल, इसी पाबंदी की आंड में नकली और मिलावटी खाद बेचने का धंधा जोरों पर चल रहा है। गुरूवार को भी यही हुआ। जिले के अफसरों ने खुद ही छापा नहीं मारा।
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प्रमुख सचिव क्रषि के निर्देश पर 6 टीमों का गठन करते हुए रसायनिक उर्वरकों के निजी/सहकारी प्रतिष्ठानों पर अभिलेखों का मिलान स्टाक के अनुसार तथा गुणवत्ता परीक्षण हेतु उर्वरक नमूने एवं आकस्मिक छापे डाले गए। पूर्वान्ह 11 बजे कार्रवाई शुरू की गई और एक बजे खत्म कर दी गई। पता चला है कि कुछ बडे कारोबारियों ने प्रशासन पर दबाव बनाया जिसके चलते छापामार कार्रवाई ठप कर दी गई। अब इस फसली सीजन में छापामार होनी भी मुश्किल है।
डीएम का फरमान, होश में रहें विक्रेता
उपक्रषि निदेशक अरविन्द मोहन मिश्र को सीतापुर में कार्यरत हुए चार साल से ज्यादा हो गए हैं। जिला क्रषि अधिकारी अखिलानन्द पाण्डेय भी चार साल से अधिक समय से तैनात हैं। इन्हीं अधिकारियों ने कार्यवाही में कुल 65 दुकानों प्रतिष्ठानों, कम्पनी के बफर गोदाम आदि पर छापे डाले गये जिसमें से 25 संदिग्ध उर्वरको के नमूने ग्रहीत किये गये, तथा 9 दुकानों को निलम्बित किया गया। जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी ने निर्देशित किया कि किसी भी स्थिति में कम्पनी द्वारा निर्धारित मूल्य से अधिक दर पर विक्रय न किया जाये, किसानों को गुणवत्तायुक्त उर्वरक उपलब्ध कराया जाए।
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किसी भी स्तर पर मिलावट, नकली अपमिश्रण युक्त रसायनिक खाद किसी भी विक्रेता के द्वारा विक्रय किया जा रहा है तथा पी0ओ0एस0 मशीन का संचालन नहीं किया जा रहा है एवं विक्रेता द्वारा जिंक सल्फेट, माइक्रोन्यूट्रियन्ट बिना बिल के तथा बिना स्टाक रजिस्टर पर इन्ट्री के स्टाक पाया जाता है तो उसके विरूद्व एफआईआर दर्ज करायी जाय। यदि उक्त आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है, तो जिला कृषि अधिकारी आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 के अन्र्तगत कार्यवाही करें।
रिपोर्ट- पुतान सिंह