Sonbhadra News: शादी का झांसा दे नाबालिग से किया था दुष्कर्म, मिला 10 वर्ष कारावास

Sonbhadra News: अधिवक्ताओं की तरफ से पेश की दलीलों और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों को दृष्टिगत रखते हुए, दोषसिद्ध पाकर दोषी आशीष पटेल को सजा देने का फैसला सुनाया गया।

Update:2023-02-15 19:35 IST

Sonbhadra News (Social Media)

Sonbhadra News: शाहगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में तीन वर्ष पूर्व शादी का झांसा देकर नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में दोषी आशीष पटेल को 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। 30 हजार अर्थदंड भी लगाया गया है। बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट निहारिका चौहान की अदालत ने मामले की सुनवाई की।

अधिवक्ता की तरफ से पेश साक्ष्यों के आधार पर सुनाया गया फैसला

अधिवक्ताओं की तरफ से पेश की दलीलों और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों को दृष्टिगत रखते हुए, दोषसिद्ध पाकर दोषी आशीष पटेल को सजा देने का फैसला सुनाया गया। अगर दोषी की तरफ से अर्थदंड अदा नहीं किया जाता है तो उसे छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अर्थदंड जमा होने के बाद पूरी धनराशि पीड़िता को प्रदान कर दी जाएगी।

क्या है पूरा मामला?

अभियोजन कथानक के मुताबिक शाहगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने 14 मई 2020 को शाहगंज थाने पहुंचकर तहरीर दी। उसके जरिए अवगत कराया कि उसकी 16 वर्षीय बेटी के साथ डाभा गांव निवासी आशीष पटेल पुत्र राजबहादुर पटेल पिछले तीन माह से शादी का झांसा देकर उसके साथ बलात्कार करता रहा है। उसने उनकी बेटी को एक मोबाइल फोन भी दे रखा था जिससे वह लगातार बात किया करता था।

जब उन्हें इस बात की जानकारी हुई तो आशीष पटेल से जाकर बात की और उससे शादी करने के लिए कहा तो उसने शादी करने से इंकार कर दिया। इस तहरीर के आधार पर पुलिस ने पाक्सो एक्ट और दुष्कर्म की धाराओं में एफआईआर दर्ज कर मामले की छानबीन की। पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए आरोपी के न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई।

40 हजार अर्थदंड के साथ 10 वर्ष की सजा 

वहां मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं का तर्क सुना। गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी आशीष को 10 वर्ष की कैद के साथ ही 40 हजार अर्थदंड की भी सजा सुनाई। अर्थदंड न देने की दशा में छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा। अभियोजन पक्ष की तरफ से मामले की पैरवी सरकारी अधिवक्ता दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह द्वारा की गई।

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