Sonbhadra Akanksha murder case: आकांक्षा हत्याकांड में पति व सास को 10-10 साल की सजा, दहेज हत्या में दोषी करार

Sonbhadra Akanksha murder case: अपर सत्र न्यायाधीश ने दहेज हत्या के दोषी पति व सास को 10-10 साल की सजा सुनाई है।

Published By :  Divyanshu Rao
Update:2022-03-04 20:02 IST

क्राइम की प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो: न्यूज़ट्रैक)

Sonbhadra Akanksha Murder Case: साढ़े तीन वर्ष पूर्व दहेज के लिए की गई विवाहिता आकांक्षा की हत्या के मामले में दोषी पति और सास को दस-दस वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नम्बर. तीन निहारिका चैहान की अदालत ने शुक्रवार को यह फैसला सुनाया। अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी पति विक्रम सिंह और सास किरण सिंह को 10-10 वर्ष की कैद तथा 15-15 हजार के अर्थदंड की सजा मुकर्रर की। अर्थदंड की अदायगी न करने पर छह-छह माह के अतिरिक्त कारावास का निर्णय पारित किया।

यह है पूरा घटनाक्रम

अभियोजन कथानक में उल्लिखित तथ्यों के मुताबिक वाराणसी जिले के लंका थाना क्षेत्र अंतर्गत शिवजी नगर कालोनी छितुपुर निवासी चंद्रहास सिंह पुत्र स्व. रामयश सिंह ने गत 30 सितंबर 2018 को राबर्ट्सगंज कोतवाली में एक तहरीर दी। उसमें बताया कि उसकी बेटी आकांक्षा सिंह की शादी पांच दिसंबर 2015 को जौनपुर जिले के शाहगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत छताईपुर गांव निवासी विक्रम सिंह पुत्र स्व. चंद्रप्रताप सिंह के साथ हिंदू रीति-रिवाज से हुई थी। दूसरे दिन छह दिसंबर 2015 को उनकी बेटी विदा होकर अपने ससुराल चली गई।

आरोप लगाया कि वहां पर दहेज में 15 लाख रुपये की मांग की जाने लगी और इसको लेकर बेटी को पति, सास समेत अन्य द्वारा तरह-तरह से प्रताड़ित किया जाने लगा। जब बेटी से उन्हें इसकी जानकारी हुई तो वह ससुराल वालों को समझाने का काफी प्रयास किए लेकिन बात नहीं बनी। बात यहां तक पहुंच गई कि उनकी बेटी को खाना तक देने में आनाकानी की जाने लगी। आरोपों के मुताबिक दामाद द्वारा यह भी धमकी दी गई थी कि हत्या करके दूसरी शादी कर लेंगे।

क्राइम की प्रतीकात्कम तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

इसी बीच चंद्रहास सिंह को सूचना मिली कि उनकी बेटी आकांक्षा की हत्या कर दी गई है। तहरीर में उन्होंने इस बात का विश्वास जताया कि पति, सास व अन्य लोगों ने उनके बेटी की हत्या की है। राबर्ट्सगंज कोतवाली पुलिस ने विक्रम सिंह एवं किरण सिंह के विरुद्ध दहेज हत्या की एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू की। इस दौरान पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में पति और सास के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की गई। प्रकरण की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना।

गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी पति विक्रम सिंह और सास किरण सिंह को 10-10 वर्ष की कैद तथा 15-15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में छह-छह माह के अतिरिक्त कारावास भुगतने के लिए आदेश पारित किया गया। अभियोजन पक्ष की तरफ से प्रकरण में अदालत के सामने सरकारी वकील विनोद पाठक ने दलीलें रखीं। 

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