Sonbhadra: घर में अकेली देख नाबालिग से किया था दुष्कर्म, मिली उम्रकैद की सजा

Sonbhadra: सात साल पूर्व घर में अकेली देख दलित नाबालिग से दुष्कर्म करने के मामले में दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

Update:2022-06-30 21:07 IST

सजा (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Sonbhadra: सात साल पूर्व घर में अकेली देख दलित नाबालिग से दुष्कर्म (rape of dalit minor) करने के मामले में दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो सोनभद्र (Special Judge Pocso Sonbhadra) की अदालत ने बृहस्पतिवार को यह फैसला सुनाया। मामले की सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी संदीप पटेल को उम्रकैद और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। अर्थदंड की पूरी धनराशि श पीड़िता को प्रदान की जाएगी।

20 जून 2015 को दर्ज हुआ था मामला

अभियोजन कथानक के मुताबिक शाहगंज थाना क्षेत्र (Shahganj police station area) निवासी एक व्यक्ति ने 20 जून 2015 को शाहगंज थाने में तहरीर दी कि वह अनुसूचित जाति का व्यक्ति है। 19 जून 2015 को दोपहर दो बजे उसके घर पर उसकी 15 वर्षीय लड़की अकेली थी। उसी समय संदीप पटेल और एक अन्य युवक घर में घुस गए। उसकी बेटी के साथ संदीप ने जबरजस्ती बलात्कार किया। जब बेटी ने शोर किया तो आसपास के तमाम लोग आ गए और दोनों युवक जाति सूचक शब्दों से गाली देते हुए दीवार फांदकर भाग गए। सुबह जब घर आया तो घटना की जानकारी हुई। तहरीर के आधार पर 20 जून 2015 को पुलिस ने दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट एवं एससी/एसटी एक्ट में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू की।

दुष्कर्म के मामले में दोषी को उम्रकैद की मिली सजा

विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने की बात कहते हुए शाहगंज थाना क्षेत्र (Shahganj police station area) के रैपुरा गांव निवासी संदीप पटेल पुत्र ओमप्रकाश उर्फ बबल पटेल के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना। गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी संदीप पटेल को उम्रकैद और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वही अर्थदंड की पूरी धनराशि 50 हजार रुपये पीड़िता को प्रदान की जाएगी। अभियोजन पक्ष की ओर से अधिवक्ता दिनेश अग्रहरि, सत्य प्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह एडवोकेट ने मामले की पैरवी की।

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