Sonbhadra: दिवाली पर लड़ी और अधिक आवाज वाले पटाखों पर बैन,..उल्लंघन पर SHO होंगे जवाबदेह
दिवाली को लेकर सोनभद्र जिले में भी दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसमें बताया गया है कि दीपावली के दौरान कम वायु प्रदूषण वाले, ग्रीन पटाखों का ही प्रयोग किए जाने की इजाजत दी है।
Sonbhadra Diwali 2022 : दिवाली को लेकर सोनभद्र जिले में भी दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। प्रभारी अधिकारी (आयुध) अपर जिला मजिस्ट्रेट सहदेव मिश्रा (ADM Sahdev Mishra, Sonbhadra) ने बताया कि प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन अनुभाग- 6 की तरफ से दिवाली पटाखों आदि के प्रयोग को लेकर शनिवार (22 अक्टूबर 2022) को कई दिशा-निर्देश जारी किए गए। इसमें बताया गया है कि दीपावली पर्व के दौरान कम वायु प्रदूषण फैलाने वाले, ग्रीन पटाखों का ही प्रयोग किए जाने की इजाजत दी गई है। सीरीज युक्त पटाखों, लड़ियों का प्रयोग पूर्ण प्रतिबंधित रहेगा।
एडीएम सहदेव मिश्रा के अनुसार, जिले वासी पटाखे रात 8 बजे से 10 बजे तक ही जला पाएंगे। पटाखों के प्रयोग के लिए जिले में सामुदायिक क्षेत्र का निर्धारण करने के भी निर्देश दिए गए हैं। पटाखों का इस्तेमाल अनुमन्य समयावधि और स्थल पर न किए जाने की स्थिति में संबंधित स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) जवाबदेह माने जाएंगे। पटाखों के फटने के स्थान से चार मीटर की दूरी पर 125 डीबी (एआई) अथवा 145 डीबी (सी) पी से अधिक ध्वनि तीव्रता उत्पन्न करने वाले पटाखों का उत्पादन और विक्रय दोनों वर्जित किया गया।
ऑनलाइन साइटों पर नहीं होगी पटाखों की बिक्री
एडीएम के मुताबिक ई-कॉमर्स वेबसाइट (फ्लिपकार्ट, अमेजन आदि) पर पटाखों की ऑनलाइन बिक्री भी प्रतिबंधित की गई है। पटाखों के प्रयोग से होने वाले दुष्प्रभावों को कम करने के लिए संबंधितों को व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए गए हैं। एडीएम ने बताया कि शांत क्षेत्र में किसी भी समय पटाखे छोड़ने पर प्रतिबंध है। शांत क्षेत्र का निर्धारण अस्पताल, शैक्षिक क्षेत्र, न्यायालय क्षेत्र से 100 मीटर की परिधि के क्षेत्रफल में निर्धारित किया गया है। एडीएम ने बताया कि डीएम चंद्र विजय सिंह की तरफ से लगाए गए प्रतिबंध का कड़ाई से अनुपालन कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
दीपावली पर इन चीजों को लेकर बरतें सावधानी
जिला मुख्यालय के वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. संजय कुमार सिंह ने बताया कि, दीपावली पर्व अवसर पर सावधानी बरतने की जरूरत है। दीपक जलाते समय आपका परिधान इस तरह का होना चाहिए जिससे कोई घटना ना घटने पाए। छोटे बच्चों को लेकर सतर्क रहें। पटाखों का इस्तेमाल करने से परहेज करें क्योंकि उससे उठने वाले धुएं पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं और श्वसन व हृदय रोगियों की परेशानी बढ़ाती है। बताया कि तेज ध्वनि वाले पटाखों से कान के पर्दे प्रभावित होते हैं। बहुत जरूरी हो तो बिल्कुल धीमी आवाज वाले पटाखों का प्रयोग करें। घरों पर बनाए गए मिष्ठान्न का ही प्रयोग करें। मिट्टी के दिए इस्तेमाल करें। मौसम में परिवर्तन हो रहा है, इसलिए स्वास्थ्य पर ध्यान बनाए रखें।