Sonbhadra News: जवारीडांड़ टोले में दो दिन के भीतर मासूम सहित चार की मौत, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
Sonbhadra News: बुधवार को कोटा ग्राम पंचायत पहुंचे लेखपाल ने ग्रामीणों से मिलकर जरूरी जानकारी जुटाई और जल्द ही इसकी रिपोर्ट भेजने की बात कही।
Sonbhadra News: ओबरा तहसील के कोटा ग्राम पंचायत अंतर्गत पतगड़ी और जवारीडांड़ टोले में दो दिन के भीतर मासूम सहित चार की मौत का मामला प्रकाश में आने के बाद हड़कंप मच गया है। इसको लेकर जहां स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य महकमे को अलर्ट कर दिया गया है। वहीं सीएमओ डा. आरएस ठाकुर की तरफ से जांच और बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों के दवा-इलाज के लिए एक टीम भी प्रभावित टोलों में भेज दी गई है। पेयजल स्रेातों की जांच के लिए भी नमूने उठाए गए हैं और उसे लैब परीक्षण के लिए भेजा जा रहा है।
उधर, एसडीएम ओबरा की तरफ से क्षेत्रीय लेखपाल से भी इसको लेकर रिपेार्ट तलब कर ली गई है। बुधवार को कोटा ग्राम पंचायत पहुंचे लेखपाल ने ग्रामीणों से मिलकर जरूरी जानकारी जुटाई और जल्द ही इसकी रिपोर्ट भेजने की बात कही।
अचानक आया बुखार और दो दिन के भीतर थम गई सांस
ग्रामीणों के मुताबिक कोटा ग्राम पंचायत के पथगड़ी टोला निवासी रमाशंकर सिंह की आठ वर्षीय बेटे लल्लू को बुखार आया और महज 24 घंटे के भीतर ही उसकी मौत हो गई। वहीं रामदेव (62) पुत्र कलेंदर निवासी पथगड़ी की दक्षिणी बस्ती और रामनाथ (70) पुत्र नंदराम निवासी पथगड़ी की पश्चिमी बस्ती रोजना की भांति सोमवार की रात खाना खाकर सो गए। बताते हैं कि शाम को उन्होंने शरीर में दर्द और बुखार महसूस होने की शिकायत की। सुबह दोनों अपने बिस्तर पर मृत पाए गए। वहीं बीमार चल रहीं बसमतिया (80) की भी अचानक से मौत हो गई।
हालांकि बसमतिया की मौत का कारण उसकी बीमारी को माना जा रहा है लेकिन शेष तीन मौतों को लेकर ग्रामीणों में हड़कंप की स्थिति है। उधर, सीएमओ के निर्देश पर गुरमा पीएचसी प्रभारी हरिकांत की अगुवाई वाली टीम ने प्रभावित टोलों में पहुंचकर ग्रामीणों ने बुखार या अन्य बीमारी की शिकायत वाले ग्रा4मीणों के खून की जांच की। विस्तृत जांच के लिए उनके खून का नमूना संग्रहित किया। वहीं पानी स्रोतों की स्थिति जांचने के लिए भी, उनके नमूने लिए गए। जो बीमारी से प्रभावित पाए गए, उन्हें दवाएं भी दी गईं। सेलफोन पर सीएमओ डा. आरएस ठाकुर ने बताया कि कोटा ग्राम पंचायत में जांच टीम भेजी गई हैं। टीम की रिपोर्ट और संग्रगहित किए गए नमूनों की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही पता चल पाएगा कि बीमारी का कारण क्या है?