सोनभद्र नसबंदी मामला: एंबुलेंस चालक के खिलाफ कार्रवाई, जेवर रखवाया था गिरवी
उन्होंने बताया कि प्रसव उपरांत घर जाने के लिए एंबुलेंस की मदद ली गई तो उस में देखा गया एक एंबुलेंस में 5 से 6 महिलाएं जो प्रसव के लिए आई थी और उनके तीमारदार बैठे हैं।
सोनभद्र: घोरावल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मंगलवार को उस समय एंबुलेंस चालक का अमानवीय व असंवेदनशील रवैया सामने आया, जब नसबंदी कराने वाली महिला को प्रसव उपरांत घर जाने के लिए चांदी की चेन मजबूरन बाजार में गिरवी रखनी पड़ी। चांदी की चेन गिरवी रखकर महिला ने स्वर्णकार से 1500 रुपये लिए तब किराया देकर निजी साधन से वह अपने मायके के लिए रवाना हुई। एंबुलेंस चालक के इस असंवेदनशील रवैये से प्रसूता प्रसव के बाद से दोपहर बाद तक सीएचसी के बाहर पड़ी रही। वहीं दूसरे मामले में सुविधा शुल्क का चक्कर नजर आया।
50 बेड महिला मैटरनिटी विंग
जानकारी के अनुसार, कोलडीहा निवासी लहरी अपनी बहू सितारा देवी की नसबंदी कराने के लिए आया था। इसके लिए वह बहू को लेकर सोमवार को सरकारी अस्पताल पहुंचा था। जहां उसेे प्रसव के लिए भर्ती कराया गयाा। मंगलवार को वह अपनी पत्नी, बहू और छोटे बच्चों के साथ अस्पताल के 50 बेड महिला मैटरनिटी विंग के बाहर खड़ा था। उसने बताया कि मंगलवार की भोर में डॉक्टरों ने बहू की नसबंदी की।
यह पढ़ें...बलिया: दिशा की बैठक में BJP सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त व MLA सुरेन्द्र सिंह में भिड़ंत
भोर में घर जाने के लिए डिस्चार्ज
मरीज की सुरक्षा को देखकर एक घंटे अस्पताल में रखने के बाद बहू को भोर में घर जाने के लिए डिस्चार्ज कर दिया गया। महिला को अपने मायके कदरा जाना था। और उसे लेने के लिए उसकी मां आई थी। महिला को एंबुलेंस से जाने के लिए आईडी भी जारी कर दी गई। इसके बाद जब वे लोग एंबुलेंस से घर जाने के लिए चालक के पास पहुंचे तो चालक ने 500 रुपये किराया मांगा। परिजनों के पास रुपये कम थे। तो उन्होंने एंबुलेंस चालक से विनती की कि 300 रुपये ले लें और उन्हें कदरा पहुंचा दें लेकिन एंबुलेंस चालक 500 रुपये की मांग करता रहा।
एंबुलेंंस वाले 300 रुपये में तैयार नहीं
सिस्टम के तहत एंबुलेंस से कदरा जाने की आईडी जारी होने के बावजूद एंबुलेंंस वाले 300 रुपये में तैयार नहीं हुए। इसके बाद एंबुलेंस न मिलने से लाचार महिला और उसके परिजन छोटे बच्चों के साथ 10 घंटे अस्पताल के महिला वार्ड के बाहर पड़े रहे। आखिरकार थक हार कर सितारा ने अपनी चांदी का जेवर गिरवी रखने के लिए सास-ससुर को दिया। घोरावल नगर के किसी स्वर्णकार की दुकान पर चेन गिरवी रखकर ससुर ने 1500 रुपये लिए। इसके बाद एक पिकअप किराये पर ली और दोपहर करीब तीन बजे कदरा जाने के लिए रवाना हुई।
जांच कर कड़ी कार्यवाही
घोरावल सीएचसी अधीक्षक डॉ मुन्ना प्रसाद ने बताया कि चिकित्सकों की टीम के साथ वह रात भर और सुबह तक नसबंदी में जुटे रहे। नसबंदी कराने वाली महिला सितारा देवी को कदरा जाने के लिए आईडी भी जारी की गई थी। इसी तरह कुसुम्हा निवासी चंद्रभान पटेल के साथ एक मामला हुआ। उन्होंने बताया कि प्रसव उपरांत घर जाने के लिए एंबुलेंस की मदद ली गई तो उस में देखा गया एक एंबुलेंस में 5 से 6 महिलाएं जो प्रसव के लिए आई थी और उनके तीमारदार बैठे हैं।
यह पढ़ें...रेल यात्रियों के लिए गुड न्यूज: इस दिन से चलेंगी 200 लोकल ट्रेनें, आसान होगा सफर
इस मामले का विरोध किया गया तो स्वास्थ्य महकमे से ही किसी ने चंद्रभान पटेल को डांटा फटकारा और इसी में विवाद बढ़ गया। जिसकी शिकायत उसने प्रभारी अधीक्षक से की है। जानकारी मिली कि उक्त एंबुलेंस वाले ने उसमे सवार सभी को घर पहुंचाया और उसके एवज में सुविधाा शुल्क लिया लेकिन विरोध करने वाले के सामने उनकी दाल नहीं गली उससे कुछ नहीं लिया।
सितारा के ससुर लहरी और कुसुम्हा निवासी चंद्रभान सिंह पटेल ने प्रार्थना पत्र देकर शिकायत की है। इस संबध में जांच कर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।