Sonbhadra: थाना प्रभारी सीधे दर्ज कर सकेंगे साइबर अपराध का मुकदमा, DIG-SP से नहीं लेनी पड़ेगी अनुमति

Sonbhadra News Today: पुलिस उपमहानिरीक्षक विंध्याचल परिक्षेत्र मिर्जापुर रामकृष्ण भारद्वाज ने शुक्रवार को विंध्याचल परिक्षेत्र के तीनों जनपदों सोनभद्र, मिर्जापुर और भदोही के साइबर क्राइम सेल में नियुक्त अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ समीक्षा बैठक की।

Update: 2022-06-10 13:29 GMT

Sonbhadra: थाना प्रभारी सीधे दर्ज कर सकेंगे साइबर अपराध का मुकदमा। (Social Media)

Sonbhadra News: थाना प्रभारी अब साइबर अपराध (Cyber ​Apradh) के लिए सीधे मुकदमा दर्ज कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें डीआईजी या एसपी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। पुलिस उपमहानिरीक्षक विंध्याचल परिक्षेत्र मिर्जापुर रामकृष्ण भारद्वाज ने शुक्रवार को विंध्याचल परिक्षेत्र के तीनों जनपदों सोनभद्र, मिर्जापुर और भदोही के साइबर क्राइम सेल में नियुक्त अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान इसकी हिदायत दी और इसके सख्ती से पालन की ताकीद की।

जनपदों में एनसीआर पोर्टल पर प्राप्त और दर्ज कराए गए प्रकरणों के निस्तारण तथा पंजीकृत मुकदमों की स्थिति संतोषजनक न पाए जाने पर जहां डीआईजी (DIG) ने खासी नाराजगी जताई। वहीं, सोनभद्र की स्थिति इस मामले में ज्यादा खराब होने पर साइबर सेल प्रभारी को व्यक्तिगत पत्रावली पर चेतावनी दी। स्थिति में सुधार न होने पर आगे और भी कड़ी कार्रवाई के लिए चेताया।

402 शिकायतों में महज आठ मामलों में ही मुकदमा पंजीकृत

पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक समीक्षा के दौरान डीआईजी ने पाया कि सोनभद्र में एनसीआर पोर्टल (पर प्राप्त 402 शिकायतों में महज आठ मामलों में ही मुकदमा पंजीकृत किया गया। इस पर नाराजगी जताने के साथ ही डीआईजी ने साइबर सेल प्रभारी को व्यक्तिगत पत्रावली पर चेतावनी प्रदान की। नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग, साइबर पोर्टल के बारे में जानकारी देते हुए, पीपीटी के माध्यम से होने वाली स्पैमिंग, फिसिंग, हैकिंग, साइबर बुलिंग, वित्तीय अपराध, फर्जी बैंक काल, बाल अश्लीलता, साफ्टवेयर पाइरेसी इत्यादि के बारे मे जागरूकता कार्यक्रम चलाने की सीख दी।

हेल्प लाइन नंबर 1930 पर की जा सकती है शिकायत दर्ज

रिपोर्टिंग में कहा कि साइबर क्राइम होने पर हेल्प लाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज की जा सकती है। आम जनता में साइबर अपराध के रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश देते हुए कहा कि साइबर हेल्प लाइन नंबर 1930 और संबंधित वेबसाइट पर शिकायतकर्ता की शिकायत दर्ज करने में मदद करें, जिससे पीडित की उसकी धनराशि शीघ्र वापस दिलाई जा सके। संज्ञेय साइबर अपराध की दशा में थाना प्रभारी, साइबर नोडल अधिकारी को अवगत कराना, उपरोक्त सभी कार्रवाई का विवरण अंकित करने के लिए एक रजिस्टर साइबर हेल्प डेस्क पर अद्यतन करने के लिए भी निर्देशित किया।

फ्रॉड या ठगी का शिकार होने पर छह घंटे के अंदर पुलिस को करें सूचित:DiG

डीआईजी ने संबंधित अधिकारियों-कर्मियों को सहेजा कि आम जनमानस को इसके लिए जागरूक करें कि साइबर अपराध के मामलों में फ्रॉड या ठगी का शिकार होने पर छह घंटे के अंदर पुलिस को सूचित करें, ताकि खाते से उड़ाए गए पैसे को समय से फ्रीज कराया जा सके। ऐसा होने पर धनराशि के शत-प्रतिशत वापस मिलने की संभावना रहती है। इसके बाद व्यतीत होते समय के साथ खाते से गई धनराशि मिलने की संभावना भी कम होती चली जाती है।

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