Sonbhadra News: टीपर से हुआ बालू का परिवहन, पिकअप स्वामी को भेज दी गई वसूली की नोटिस
Sonbhadra News: मामले का खुलासा तब हुआ जब पिकअप स्वामी के पास वसूली के लिए खनन विभाग की नोटिस पहुंची
Sonbhadra News Today: सोनभद्र के खनन विभाग का एक अजीबोगरीब कारनामा सामने आया है। चोपन के सिंदुरिया बैरियर पर बगैर परमिट बालू परिवहन के मामले में टीपर की जगह पिकअप का चालान कर दिया गया है। वह भी एक बार नहीं बल्कि एक ही पिक अप का दो बार चालान किया गया। मामले का खुलासा तब हुआ जब पिकअप स्वामी के पास वसूली के लिए खनन विभाग की नोटिस पहुंची। अब वहां स्वामी खनिज विभाग के चक्कर लगा रहा है और खनिज कार्यालय के कर्मचारी आजकल करके परेशान करने में लगे हुए हैं।
खास बात यह है कि ज्येष्ठ खान अधिकारी से लगाई गई फरियाद का भी कोई नतीजा नहीं निकला है। ऐसे में खनन विभाग के इस अलबेले कारनामे से पीड़ित को मुक्ति मिलेगी या उसे मजबूरन दूसरे मामलों की तरह, किसी दूसरे द्वारा किए गए अपराध की सजा जुर्माने के रूप में भुगतनी पड़ेगी? इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
ऐसे सामने आई चालान के अजीबोगरीब खेल की कहानी
सांगोबांध निवासी पिकअप स्वामी सुरेश कुमार यादव के पास पिछले दिनों 25 -25 हजार की वसूली के लिए दो चालान रसीद पहुंचीं तो वह अवाक रह गया। दिए गए नोटिस में कहा गया है कि आपके वाहन संख्या UP64-AT-5480 द्वारा बिना प्रपत्र सात घनमीटर बालू परिवहन किया जा रहा था।
हैरान परेशान पीड़ित सुरेश का कहना है कि जिस तारीख में चालान हुआ उस तारीख में उसका वाहन उसके गांव में घर पर खड़ा था। वहीं चालान रसीद के साथ जिस वाहन का फ़ोटो खनिज विभाग ने दिया है वह टीपर वाहन है। सुरेश ने बताया कि उसके पास बोलेरो पिकअप है। इसको लेकर वह दो बार खनिज ऑफिस गए। खान अधिकारी से मुलाकात की तो जवाब मिला कि आपका चालान लखनऊ तक चला गया है जिसे कैंसिल/निरस्त होने में समय लगेगा। इस मसले पर जानकारी के लिए ज्येष्ठ खान अधिकारी आशीष कुमार से सेल फोन पर संपर्क साधने की कोशिश की गई लेकिन वह उपलब्ध नहीं हुए।
सब कुछ ऑनलाइन फिर भी दोपहिया, तीनपहिया वाहनों का बालू परिवहन में हो रहा चालान
कोई भी वाहन नंबर किस तरह के वाहन से जुड़ा हुआ है इसकी सारी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध है। बावजूद खनन विभाग हो या परिवहन विभाग कभी दो पहिया वाहन, कभी तीन पहिया वाहन तो कभी छोटे वाहनों से बालू गिट्टी का अवैध व ओवरलोड परिवहन दिखा चालान कर देता है। हैरान-परेशान वाहन स्वामी जब दफ्तर का चक्कर लगाने लगता है तो इसे फेक नंबर प्लेट का खेल बता कर पल्ला झाड़ लिया जाता है। खुद इस मामले को लेकर कई बार ट्रांसपोर्टर भी खनिज विभाग के लोगों पर आरोप मढ़ चुके हैं। बावजूद ट्रक-टीपर से बालू -गिट्टी परिवहन और चालान किसी दूसरे वाहन का होने की शिकायतें बनी हुई हैं।