Sonbhadra News: जेई ने मृत महिला के खिलाफ दर्ज करा दी FIR, कोर्ट में सुनवाई के दौरान हुआ हैरतअंगेज खुलासा

Sonbhadra News: सोनभद्र में जेई ने मृत महिला के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर। पुलिस ने लिया मृत महिला का बयान, कोर्ट में केस की सुनवाई के दौरान हुआ हैरतअंगेज खुलासा।

Published By :  Divyanshu Rao
Update:2022-03-05 23:11 IST

क्राइम की प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

Sonbhadra News: पुलिस जांच में अजीबोगरीब कारनामे तो सुनने को मिलते ही रहते हैं लेकिन यहां तो वादी और पुलिस दोनों के कारनामों ने अदालत को ही हैरत में डाल दिया। मामला घोरावल थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। इस इलाके के जेई ने मृत महिला के खिलाफ बिजली चोरी की एफआईआर दर्ज करा दी और उससे भी आगे बढ़कर विवेचक ने मृत महिला का परलोक जाकर बयान भी ले लिया और इसकी चार्जशीट भी अदालत में पेश कर दी। सुनवाई के दौरान जब यह मामला अदालत के सामने आया तो वहां मौजूद हर कोई भौंचक रह गया।

अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्ज्मा की अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए लापरवाह मुकदमा वादी और विवेचक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के लिए एमडी उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लखनऊ और डीजीपी उत्तर प्रदेश पत्र भेजा है। वहीं वादी और विवेचक दोनों को इस मामले की सुनवाई के लिए 30 मार्च को कोर्ट में तलब कर लिया है।

अभियोजन कथानक के मुताबिक घोरावल थाने में 30 जून 2016 को ं अवर अभियंता ध्यानचंद वर्मा ने तहरीर दी। आरोप लगाया कि 29 जून 2016 को उन्होंने घोरावल थाना रोड पर स्थित कई घरों में जलाई जा रही बिजली की जांच की तो पाया कि मृत प्यारी देवी पत्नी रामनाथ एवं अन्य लोगों जिनका बिजली कनेक्शन बिल बकाया होने की वजह से पूर्व में ही काट दिया गया था बावजूद जांच के दौरान उनके घरों में बिजली जलती मिली। इस पर बिजली चोरी का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी गई। पुलिस ने भी धारा 138बी विद्युत अधिनियम में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दी।

दिलचस्प मामला यह है कि विवेचक बजरंगबली चैबे एसआई घोरावल ने मामले में पूर्व में ही मृत हो चुकी प्यारी देवी का बयान दर्ज कर लिया और उनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होने की बात कहते हुए न्यायालय में चार्जशीट भी दाखिल कर दी। जब इस बात की जानकारी मृतका के बेटे राकेश कुमार सिंह को हुई तो वह भागे-भागे कचहरी पहुंचे और अधिवक्ता के माध्यम से अदाचलत में प्रार्थना पत्र देकर अवगत कराया कि उनकी मां प्यारी देवी की मौत गत 27 सितंबर 2010 को ही हो चुकी है।

प्रार्थना पत्र के साथ उन्होंने मृत्यु प्रमाण पत्र भी दाखिल किया। प्रार्थना पत्र में अवगत कराया कि उनकी मां के नाम से बकाया विद्युत बिल भेजा गया था लेकिन उन्होंने वह उसका भुगतान कर चुके हैं। बावजूद उनकी मृत मां के खिलाफ मुकदमा चलाया जा रहा है।

क्राइम की प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

शनिवार को मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि कि प्यारी देवी की मौत वर्ष 2010 में ही हो चुकी है। बावजूद मुकदमा वादी अवर अभियंता ध्यानचंद वर्मा ने 30 जून 2016 को मृतका के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी। विवेचक बजरंगबली चैबे ने केस डायरी में पर्चा नंबर छह में मृत प्यारी देवी का बयान भी दर्ज कर लिया और न्यायालय में चार्जशीट भी दाखिल कर दिया। कोर्ट ने माना कि इससे साफ जाहिर हो रहा है कि वादी अवर अभियंता एवं विवेचक ने अपने कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही बरती है।

ऑफिस अथवा घर पर बैठकर फर्जी एफआईआर एवं विवेचना की गई है। यह एक गंभीर लापरवाही है। इसलिए विवेचक बजरंगबली चौबे के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के लिए डीजीपी उत्तर प्रदेश और अवर अभियंता ध्यानचंद वर्मा के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के लिए एमडी विद्युत कारपोरेशन लखनऊ को पत्रक भेजने का आदेश पारित किया। वहीं 30 मार्च को अवर अभियंता एवं विवेचक को न्यायालय में इस मसले पर सुनवाई के लिए तलब भी कर लिया गया।

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