Sonbhadra: घंटों बिजली कटौती से लोगों में भड़का गुस्सा, ओबरा-चोपन मार्ग पर जाम लगाकर किया प्रदर्शन

Sonbhadra: बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण मंगलवार को लोग सड़क पर उतर आए और ओबरा-चोपन मार्ग पर जाम लगा दिया। इस दौरान जहां लोगों ने देर तक प्रदर्शन किया। वहीं जमकर नारे भी लगाए।

Update: 2022-06-14 10:03 GMT

प्रदर्शन करते ग्रामीण। 

Sonbhadra: तहसील मुख्यालय पर साढ़े 22 घंटे बिजली आपूर्ति के दावों के बीच यूपी के पहले बिजलीघर का गौरव रखने वाले ओबरा में अंधाधुंध कटौती ने जहां लोगों को तड़पा कर रख दिया है। वहीं लोग सड़क पर उतरकर विरोध दर्ज करने लगे हैं। सोमवार की रात दो घंटे तक जाम लगाने के बाद भी बिजली आपूर्ति व्यवस्था सुचारू नहीं हुई तो मंगलवार को भी लोग सड़क पर उतर आए और ओबरा-चोपन मार्ग (Obra-Chopan Road) पर जाम लगा दिया। इस दौरान जहां लोगों ने देर तक प्रदर्शन किया। वहीं जमकर नारे भी लगाए।

अधिकारियों ने जल्द तय शिड्यूल के मुताबिक बिजली आपूर्ति बहाल कराने का दिया भरोसा

नाराजगी जता रहे लोगों को समझाने पहुंचे तहसीलदार सुनील कुमार (Tehsildar Sunil Kumar) को भी बिजली विभाग (electricity department) के जिम्मेदार अधिकारियों को आने तक, जाम स्थल पर ही बिठा लिया गया। उसके करीब आधे घंटे बाद पहुंचे एसडीओ विमलेश सिंह (SDO Vimlesh Singh) ने जल्द तय शिड्यूल के मुताबिक बिजली आपूर्ति बहाल कराने का भरोसा दिया, तब जाकर लोग शांत हुए। इसको लेकर एक प्रतिनिधिमंडल बिजली विभाग के दफ्तर भी पहुंचा और मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंप, तहसील मुख्यालय पर तय शिड्यूल के मुताबिक बिजली आपूर्ति व्यवस्था बहाल करने की मांग की। संजीदगी न दिखाए जाने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।


दो घंटे तक चोपन-ओबरा मार्ग पर जाम लगाकर किया प्रदर्शन

तपती धूप में सड़क पर डेरा डालकर प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना था कि प्रदेश सरकार की तरफ से तहसील मुख्यालय पर साढ़े 22 घंटे बिजली आपूर्ति का निर्देश है, लेकिन मुश्किल से 10 घंटे ही बिजली दी जा रही है। गत रविवार की रात तो हद कर दी गई। रात बारह बजे गई बिजली सोमवार की शाम छह बजे नमूदार हुई। दो-तीन घंटे बाद फिर से बिजली गुल हो गई। इससे खफा कॉलौनी, बाजार के लोगों के साथ एक बड़ा व्यवसाई वर्ग भी रात दस बजे सड़क पर उतर गया। लगभग दो घंटे तक चोपन-ओबरा मार्ग पर जाम लगाकर आवाज उठाई गई, लेकिन मौके पर कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं पहुंचा।

अलबत्ता नाराजगी जताने के बाद रात बारह बजे आपूर्ति बहाल की गई जो हल्की कटौती के बीच पूरी रात जारी रही। लेकिन मंगलवार की सुबह फिर से बिजली नदारद हो गई। देर तक इंतजाम करने के बाद भी बिजली नहीं मिली तो नाराज लोग एक बार फिर से सड़क पर उतर आए और विभाग विरोधी नारे लगाते हुए सड़क जाम कर दिया। तपती धूप में करीब घंटे भर तक प्रदर्शन करने के बाद तहसीलदार पहुंचे और जल्द आपूर्ति बहाल करने का आश्वासन देकर लोगों को शांत कराने लगे, लेकिन नाराज लोगों ने उन्हें भी तपती धूप में वहीं अपने साथ बिठा लिया और बिजली विभाग के किसी जिम्मेदार अधिकारी के आने के बाद ही वहां से हटने की बात कही। इसके करीब आधे घंटे बाद एसडीओ विमलेश सिंह पहुंचे। स्थिति से उच्चाधिकारियों को अवगत कराने के साथ ही, लोगों को जल्द आपूर्ति व्यवस्था सुचारू करवाने का भरोसा दिया, तब जाकर लोग शांत हुए। इसके चलते लगभग दो घंटे आवागमन ठप रहा।

बिजली उपलब्ध न होने से लोगों का व्यवसाय भी तेजी से होता जा रहा प्रभावित

लोगों का कहना था कि पहले परियोजना आवासीय कॉलोनी के बाहर के लोगों को भी परियोजना कॉलोनी वाली ही बिजली उपलब्ध थी, लेकिन गैर परियोजना क्षेत्र वाली कालोनी में बिजली खपत का अंदाजा लगाए बिना आनन-फानन में पीसीएल ने व्यवस्था अपने जिम्मे ले ली। बाद में भी खपत के हिसाब से संसाधनों की व्यवस्था और पहले से मौजूद संसाधनों को दुरूस्त करने पर ध्यान नहीं दिया गया। परिणाम यह हुआ कि बिजली की जरूरत बढ़ते ही, घंटों बिजली गुल होने का नियम होने लगा है। इससे जहां घरों में रह रहे लोगों को कटौती के समय उमस से तड़पना पड़ रहा है। वहीं लोगों का व्यवसाय भी तेजी से प्रभावित होता जा रहा है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति, बच्चे, बुजुर्गो और बीमारों की है।


एक तरफ अंधांधुध कटौती, दूसरी तरफ भारी उमस ने लोगों को बेहाल करके रख दिया है। लोगों का कहना था कि हो रही कटौती के लिए एक तरफ संसाधनों की कमी तो दूसरी तरफ बिजली खपत बढ़ने के कारण, आपूर्ति की स्थिति से नियंत्रित रखने के लिए उपर से कटौती का शिड्यूल आने का हवाला दिया जा रहा है। वहीं, ओबरा से सटे क्रशर फील्ड में 24 घंटे बिजली दी जा रही है। जबकि क्रशर संचालन के समय का भी एक निश्चित शिड्यूल निर्धारित है। कुछ लोगों ने ओबरा के बाजार और आवासीय इलाकों में बिजली कटौती तथा दूसरी तरफ क्रशर फील्ड में 24 घंटे बिजली आपूर्ति के पीछे बिजली का बड़ा घोटाला होने का भी आरोप लगाया। कहा कि जब भी इस पर आवाज उठाई जाती है तो किसी न किसी बहाने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।

व्यापार मंडल ने बिजली विभाग व तहसील प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

उधर, व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुशील गोयल, रमेश यादव, रमेश जिंदल सहित अन्य की तरफ से बिजली विभाग और तहसील प्रशासन को एक ज्ञापन भी सौंप गया और अविलंब साढ़े 22 घंटे बिजली आपूर्ति व्यवस्था बहाल करवाने की मांग की गई। बता दें कि सिर्फ ओबरा ही नहीं, जिले के कई हिस्सों में बिजली आपूर्ति की खराब स्थित लोगों को रूलाए हुए है। यह हालत तब है, जबकि बिजली की मांग और खपत दोनों ने जहां इस बार की तपिश में, यूपी में अब तक के दर्ज सभी रिकार्डों को पीछे छोड़ दिया है। 

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