Sonbhadra News: राशन कार्ड बनवाने के नाम पर लिखवा ली गई जमीन, सामने आई जानकारी तो लोग रह गए दंग, ग्रामीणों ने बैठक कर बनाई रणनीति
Sonbhadra News: सोनभद्र में राशन कार्ड बनवाने के नाम पर जमीन लिखवाने का मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने नारेबाजी करते हुए नाराजगी का इजहार किया और जमीन पीड़ित को वापस दिलाए जाने की मांग की।
Sonbhadra News: बभनी में मृतक व्यक्ति के नाम आधार कार्ड बनवाकर जमीन हड़पने के मामले का खुलासा हुए अभी 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि झारखंड सीमा से सटे कोन थाना क्षेत्र के खरौंधी गांव में भी, जमीन हड़पने को लेकर कुछ इसी तरह का खेल सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। रविवार की दोपहर बाद इसको लेकर गांव के प्राथमिक विद्यालय पर ग्रामीणों की घंटों बैठक (पंचायत) चली। इस दौरान मामले को लेकर आवाज उठाने और अधिकारियों से मिलकर कार्रवाई की मांग करने का निर्णय लिया गया। ग्रामीणों ने नारेबाजी करते हुए नाराजगी का इजहार किया और जमीन पीड़ित को वापस दिलाए जाने की मांग की।
बताते हैं कि खरौंधी गांव निवासी रामचंद्र बियार का नाम राशन कार्ड की सूची से कट गया था। इसको लेकर वह काफी परेशान था और इसके लिए वह गांव के पूर्व प्रधान वीरेंद्र यादव से गुहार लगाने में लगा हुआ था। पूर्व प्रधान की बहू कोटेदार है और बेटा यशवंत बैंकमित्र हैं। यशवंत की पत्नी के नाम कोटा होने के कारण, वह यशवंत से भी गुहार लगा चुका था। गत 31 दिसंबर को रामचंद्र, झारखंड के भागोडीह में बेटी के यहां गया हुआ था। आरोप है कि उसी दौरान यशवंत वहां पहुंचा और उससे कहा कि उसे उसके पिता ने राबटर्सगंज बुलाया है।
ऐसे किया गया खेल
आरोपों के मुताबिक राबटर्सगंज पहुंचने पर उससे कहा गया कि, उनकी जमीन कुछ गड़बड़ियों की वजह से उसके नाम दर्ज हो गई है। इसके लिए वह कोर्ट में चलकर बयान दे दे। आरोप है कि इसी बयान की आड़ में उसके नाम गांव में मौजूद पूरी जमीन 5 बीघा 14 विस्वा बैनामा करा ली गई। उसे झांसा देकर बैनामा के वक्त 11 लाख मिलने की बात भी कहलवाई गई और बैनामा दस्तावेज पर एक गलत बैंक खाता भी दर्ज कर दिया गया। इसके बाद उसे वापस बेटी के घर ले जाकर छोड़ दिया गया। इसकी जानकारी जब पीड़ित के बेटे तेजबली को हुई तो अवाक रह गया। उसने पिता से पूरी जानकारी हासिल की। इसके बाद मामले की जानकारी गांव के पूर्व प्रधान जफर हुसैन और मौजूदा प्रधान पति कमलेश बियार को दी। दोनों लोगो ने रविवार को इस मसले को लेकर प्राथमिक विद्यालय बोदार में पंचायत रखी, जहां पीड़ित ने ग्रामीणों को पूरा माजरा बताया।
ग्रामीणों ने जमीन वापस करने की मांग की
इसके बाद ग्रामीणों ने जहां नारे लगाते हुए, जमीन वापस करने की मांग की। वहीं इस मामले को लेकर अधिकारियों से गुहार लगाने का निर्णय लिया गया। पीड़ित का कहना था कि न तो उसके कोई रूपये दिए गए हैं, न ही उसे उसकी जमीन बैनामा कराने की कोई जानकारी दी गई। इस दौरान गांव के विनोद कुमार, ढुनमुन, मानवाधिकार संगठन के जिलाध्यक्ष ब्रजकिशोर गुप्ता, बृजकिशोर विश्वकर्मा सहित अन्य की मौजूदगी बनी रही। उधर, इस मामले में पक्ष जानने के लिए यशवंत के सेलफोन पर काल की गई तो काल रिसीव करने वाले ने कहा कि, वह किसी दूसरे काम में व्यस्त हैं।